दोस्त अर्दोआन पर सख्ती के लिए ट्रंप तैयार, रूस से मिसाइल सौदे को लेकर तुर्की पर लगाएंगे प्रतिबंध
वाशिंगटन। आखिरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तुर्की के ऊपर प्रतिबंध लगाने को लेकर सहमत हो गए हैं। अमेरिकी प्रशासन रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने को लेकर तुर्की से नाराज है जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने प्रतिबंधों के लिए योजना पर अपनी सहमति दे दी है।
ट्रंप प्रशासन के करीबी सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति ने इस संबंध में विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो की सलाह पर दो पैकेज पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि प्रतिबंधों में प्रमुख रूप से क्या शामिल है।
राष्ट्रपति ट्रंप की तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन से नजदीकी जगजाहिर है। यही वजह है कि कांग्रेस की अपील के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एस-400 की खरीद को लेकर अभी तक कोई सख्त रुख अपनाने से बचते रहे हैं। हालांकि इस प्रतिबंध पर व्हाइट और वित्त विभाग ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
तुर्की
ने
सौदे
को
बताया
था
जरूरत
रूस
से
एस-400
मिसाइल
सिस्टम
के
सौदे
पर
अंकारा
के
तुर्की
प्रशासन
का
कहना
है
कि
देश
के
आस-पास
चल
रहे
सैन्य
संघर्षों
के
चलते
उसे
मजबूत
वायु
रक्षा
प्रणाली
की
आवश्यकता
थी।
तुर्की
के
मुताबिक
अमेरिका
और
उसके
सहयोगी
उसे
पेट्रियट
मिसाइल
सिस्टम
या
उसके
जैसी
कोई
दूसरी
बेहतर
रक्षा
प्रणाली
उपलब्ध
नहीं
करा
सके
जिसके
चलते
उसके
पास
इस
सौदे
के
सिवा
दूसरा
विकल्प
नहीं
था।
बता दें कि तुर्की नाटो का सहयोगी है। ऐसे में रूस से एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने पर उसे नाटो में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
F-35
खरीदने
पर
लग
चुकी
है
रोक
तुर्की
के
एस-400
खरीदने
के
बाद
उसे
अमेरिका
के
एफ-35
फाइटर
जेट
खरीदने
पर
रोक
लगा
दी
गई
थी।
एफ-35
अगली
पीढ़ी
का
उन्नत
श्रेणी
का
लड़ाकू
विमान
है
जिसे
अमेरिकी
कंपनी
लॉकहीट
मार्टिन
बनाती
है।
तुर्की
100
एफ-35
खरीदने
की
योजना
बना
रहा
था
जिस
पर
अप
रोक
लग
गई
है।
अमेरिका
के
सुरक्षा
अधिकारियों
का
शक
है
कि
एस-400
मिसाइल
सिस्टम
का
इस्तेमाल
एफ-35
से
जानकारियां
चुराने
में
किया
जा
सकता
है।
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