'लोकतंत्र खतरे में है', अमेरिका में मध्यावधि चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप पर बरसे बराक ओबामा
अमेरिकी मध्यावधि चुनाव में कई मुद्दे हावी हैं, जिसमें अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के फौरन बाद बने हालात और यूक्रेन युद्ध हावी हैं। इन दोनों घटनाओं ने राष्ट्रपति बाइडेन की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचाया है।
Barack Obama on Donald Trump: अमेरिका में मध्यावधि चुनाव से पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ चुनाव प्रचार में उतरे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डोनाल्ड ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन पार्टी के खिलाफ जमकर निशाना साधा है। बराक ओबामा ने अमेरिकी राजनीति में "खतरनाक माहौल" को बढ़ावा देने वाले विभाजनकारी तत्वों के बारे में चेतावनी दी है। मध्यावधि चुनाव से तीन दिन पहले शनिवार को डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करते हुए बराक ओबामा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। ये मध्यावधि चुनाव इसलिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अगर जो बाइडेन के उम्मीदवार जीतते हैं, तो फिर अमेरिकी कांग्रेस में उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी। लिहाजा, डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
सीनेट चुनाव से पहले गरम हुआ माहौल
मध्यावधि सीनेट चुनाव से पहले अमेरिका में राजनीति का माहौल गरमाया हुआ है और डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के बड़े नेता, जैसे बराक ओबामा, जो बाइडे और डोनाल्ड ट्रंप भी पेंसिल्वेनिया में डेरा डाल हुए हैं और अपने अपने उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से पेंसिल्वेनिया में जॉन फेट्टरमैन को टिकट दिया गया है, तो रिपब्लिकन पार्टी ने मेहमेट ओज़ को चुनावी मैदान में उतारा है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये चुनाव कांटे की टक्कर वाले हैं और दोनों उम्मीदवारों में से किसे जीत हासिल होगी, फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है। वहीं, डाउनटाउन पिट्सबर्ग में समर्थकों से बात करते हुए बराक ओबामा ने कहा कि, पिछले हफ्ते डेमोक्रेटिक हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स स्पीकर नैन्सी पेलोसी के पति पॉल पर राजनीति से प्रेरित होकर हमला किया गया, जो डेमोक्रेटिक पार्टी के विरोधियों द्वारा की गई घृणित बयानबाजी का नतीजा है।
रिपब्लिकन्स पर बरसे ओबामा
अमेरिका के दो बार राष्ट्रपति रह चुके बराक ओबामा ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि, 'अपने राजनीतिक विरोधियों के बारे में अनर्गल बातें करना, उन्हें पागल बताना और ऐसी बयानबाजी करना एक खतरनाक माहौल बनाता है।' बगैर किसी रिपब्लिकन नेता का नाम लिए बराक ओबामा ने कहा कि, "आपके पास ऐसे राजनेता हैं, जो लोगों को एक साथ लाने के बजाए फूट डालने और उन्हें भड़काने के लिए काम करते हैं और हमें अपने फायदे के लिए एक-दूसरे के खिलाफ करते हैं, एक दूसरे को डराने के लिए करते हैं, ताकि वो सत्ता में आ सकें।" हालांकि, रिपब्लिकन पार्टी का आरोप है, कि 2020 में देश को दहला देने वाले व्यापक नस्लवाद विरोध प्रदर्शन को हवा देकर डेमोक्रेटिक पार्टी ने हिंसा को उकसाया था"। आपको बता दें कि, बराक ओबामा अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को चुनाव में जीत दिलाने के लिए पांच अमेरिकी राज्यों का दौरा कर रहे हैं और पिट्सबर्ग के बाद वो फिलाडेल्फिया जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति बाइडेन के साथ टेम्पल यूनिवर्सिटी में लोगों को संबोधित करेंगे।
डोनाल्ड ट्रंप भी संभाले हुए हैं मोर्चा
दूसरी तरफ अपनी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप भी मोर्चा संभाले हुए हैं और उन्होंने पिट्सबर्ग के दक्षिण-पूर्व में लैट्रोब में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार और सेलिब्रिटी डॉक्टर ओज और रिपब्लिकन गवर्नर पद के उम्मीदवार डग मास्ट्रियानो के लिए वोट मांगे। डोनाल्ड ट्रंप काफी सावधानी के साथ आगे बढ़ रहे हैं और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, मध्यावधि चुनाव खत्म होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप 2024 राष्ट्रपति चुनाव में अपनी उम्मीदवारी जताने के लिए कदम बढ़ा सकते हैं। वहीं, अमेरिका में मध्यावधि चुनाव काफी दिलचस्प होता जा रहा है, क्योंकि ये मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच अपनी शक्ति दिखाने को लेकर भी है। अगर डेमोक्रेटिक पार्टी हारती है, तो फिर राष्ट्रपति बाइडेन पर भारी दबाव आ सकता है और उनके चुनाव हारने का मतलब ये होगा, कि साल 2024 के चुनव में डेमोक्रेटिक पार्टी को किसी दूसरे उम्मीदवार पर विचार करना पड़ सकता है।
दोनों पार्टियों की साख दांव पर
अमेरिकी मध्यावधि चुनाव में कई मुद्दे हावी हैं, जिसमें अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के फौरन बाद बने हालात और यूक्रेन युद्ध हावी हैं। इन दोनों घटनाओं ने राष्ट्रपति बाइडेन की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचाया है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप इन मुद्दों को लेकर बाइडेन को पहले भी कई बार 'कमजोर' नेता ठहरा चुके हैं। वहीं, पेंसिल्वेनिया का चुनाव इसलिए भी अलग है, क्योंकि यहां के मतदाता किसी एक पार्टी के समर्थक नहीं हैं, बल्कि यहां के मतदाता एक बार राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन कर चुके हैं, जबकि ठीक अगले चुनाव में उन्होंने बाइडेन को वोट डाला था। लिहाजा, दोनों पार्टियों ने मतदाताओं को रिझाने के लिए अलग अलग दांव खेलना शुरू कर दिया है। वहीं, लोगों को आकर्षित करने के लिए दोनों पार्टियों के राज्य भर के समर्थक भी पहुंच चुके हैं।