ईरान, नॉर्थ कोरिया के बाद चीन बना अमेरिकी CAATSA का निशाना, मिलिट्री एजेंसी पर लगा प्रतिबंध
वॉशिंगटन। रूस से हथियार खरीदने वाले देश के खिलाफ अमेरिका लगातार कड़ा रुख अपना रहा है। अमेरिका ने चीन एक मिलिट्री एजेंसी और इसके निदेशक पर रूस से रक्षा उपकरण खरीदने के आरोप में प्रतिबंध लगा दिया है। यह पहली बार है जब अमेरिका ने अपने काट्सा (Countering America's Adversaries Through Sanctions Act) प्रतिबंधों के तहत चीन पर निशाना साधा है। अमेरिका ने रूस से सुखोई एसयू-25 लड़ाकू विमान और जमीन से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइलें खरीदने के लिए चीन की मीलिट्री यूनिट पर प्रतिबंध लगाए हैं।
इसके साथ अमेरिका ने अपने काट्सा नियमों के मुताबिक, रूस की 33 खुफिया और सैन्य गतिविधियों को ब्लैकलिस्ट में रख रही है। ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि उनका निशाना रूस पर प्रतिबंध लगाना है। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस कार्रवाई का मकसद रूस की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के जवाब में उस पर प्रतिबंध लगाना है।
अमेरिका ने कहा कि उनका मकसद किसी भी देश की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना नहीं है। उनका लक्ष्य रूस की गलत गतिविधियों के जवाब देने के लिए प्रतिबंधों को लागू करना है। ट्रंप सरकार ने 2017 में रूस के हथियारों की बिक्री और खुफिया इनपुट्स को रोकने के लिए काट्सा एक्ट पास किया था। इस कानून के अंतर्गत अब तक ईरान और नॉर्थ कोरिया के बाद चीन पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इस एक्ट के द्वारा अमेरिका राजनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध लगाता है
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के अनुसार, रूस की यूक्रेन पर आक्रामकता, क्रीमिया पर कब्जा, साइबर घुसपैठ और हमलों, 2016 के अमेरीका के चुनावों में हस्तक्षेप और अन्य घातक गतिविधियों को देखते हुए काट्सा एक्ट लाया गया है।
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