अमेरिका ने भारत को दिया नाटो देशों के बराबर का दर्जा, अब हासिल हो सकेंगी एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी
अमेरिका ने सोमवार को व्यापार में भारत को नाटो देशों के बराबर का दर्जा दिया है। अमेरिका ने यह कदम रक्षा क्षेत्र में हाइ-टेक उपकरण और साथ ही गैर-रक्षा संबंधी उपकरणों की बिक्री में तेजी लाने के मकसद से दिया है। ये ऐसे उत्पाद हैं जिनकी बिक्री के लिए कड़े नियंत्रण और लाइसेंस की जरूरत है।
वॉशिंगटन। अमेरिका ने सोमवार को व्यापार में भारत को नाटो देशों के बराबर का दर्जा दिया है। अमेरिका ने यह कदम रक्षा क्षेत्र में हाइ-टेक उपकरण और साथ ही गैर-रक्षा संबंधी उपकरणों की बिक्री में तेजी लाने के मकसद से दिया है। ये ऐसे उत्पाद हैं जिनकी बिक्री के लिए कड़े नियंत्रण और लाइसेंस की जरूरत है। अमेरिका के इस कदम के साथ ही भारत के पास अब यह मौका होगा कि वह एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी को हासिल कर सकेगा। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से यह जानकारी दी गई है।
दोनों देशों के रिश्ते एक कदम और आगे बढ़े
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बुर रॉस ने इंडो-पैसिफिक बिजनेस फोरम में इस पर बयान दिया। उन्होंने कहा, 'हमने भारत को स्ट्रैटेजिक ट्रेड अथॉराइजेशन स्टेटस एसटीए-1 दिया है। यह बहुत ही खास स्टेटस है और इसके तहत अमेरिका-भारत के बीच सुरक्षा और आर्थिक संबंधों को एक नई मान्यता दी जाती है।' अमेरिका के इस कदम के बाद भारत को अमेरिका की ओर से होने वाले आयात के लिए जरूरी लाइसेंस की संख्या में कमी आ सकेगी। इसका मतलब यह है कि भारत को आधुनिक डिफेंस टेक्नोलॉजी आसानी से हासिल हो सकेंगी। इसके साथ ही भारत और अमेरिका कॉमकासा समझौते पर भी एक कदम आगे बढ़ गए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो लगता है कि अमेरिका चाहता है कि कम्यूनिकेशंस, काम्पैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट यानी कॉमकासा समझौता अमेरिका ने अपने सबसे करीबी मिलिट्री साझेदारों के साथ किया है। इस समझौते के साथ ही अब भारत को रक्षा क्षेत्र में हाई-सिक्योरिटी यूएसकम्यूनिकेशन इक्विपमेंट हासिल हो सकेंगे।