बाइडेन का पुतिन पर शिकंजा, रूस के खिलाफ अमेरिका ने नए G7 प्रतिबंधों की घोषणा की
जी 7 नेताओं ने सहमति व्यक्त की है कि रूसी निर्यात पर लगाए गए उच्च टैरिफ से प्राप्त धन को यूक्रेन की सहायता में इस्तेमाल किया जाएगा। रूस को उसके किए की सजा दिलाने के लिए जी-7 की बैठक में तैयारियां जोरो पर है।
वॉशिंगटन , 27 जून : अमेरिका ने सोमवार (27 जून) को रूस पर नए G-7 प्रतिबंधों की घोषणा की। ये नए प्रतिबंध रूस के डिफेंस सेक्टर को कमजोर करने के लिए लगाया जा रहा है। खबरों के मुताबिक इन प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस का यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले घातक हथियारों पर लगाम लगाना है। बता दें कि, रूस यूक्रेन पर अत्याधुनिक घातक हथियारों से हमला कर उसे पूरी तरह बर्बाद करने पर अमादा हो चुका है। इसको देखते हुए अमेरिका ने अब रूस के हथियारों पर लगाम लगाने के लिए नए प्रतिबंधों की घोषणा की है।
रूस
को
कमजोर
करने
के
लिए
एकजुट
G-7
देशों
के
नेता
व्हाइट
हाउस
के
मुताबिक,
G-7
के
नेता
शिखर
(G-7
Summit)
बैठक
में
इस
बात
को
सुनिश्चित
करेंगे
कि,
रूस
को
वेस्टर्न
टेक्नॉलाजी
वाले
हथियारों
की
पहुंच
से
दूर
रखा
जाए।
साथ
ही
व्हाइट
हाउस
ने
आगे
यह
भी
बताया
कि,रूस
ने
जिन
हथियारों
का
इस्तेमाल
यूक्रेन
युद्ध
में
कर
चुका
है,
वह
आगे
इसकी
फिर
से
प्राप्त
करने
का
प्रयास
करेगा।
अमेरिका
ने
कहा
कि
रूस
फिर
से
ऐसे
हथियार
अपनी
सैन्य
क्षमता
बढ़ाने
के
लिए
बना
सकता
है,
इसलिए
रुस
को
ऐसे
हथियारों
के
तकनीक
को
बढ़ावा
देने
वाले
क्षमताओं
पर
लगाम
लगाना
होगा।
अमेरिका
ने
यूक्रेन
के
खिलाफ
रूस
के
कदम
को
क्रूरता
से
भरे
कृत्य
करार
दिया।
रूसी
तेल
पर
अमेरिका
की
नजर
समाचार
एजेंसी
एएफपी
ने
एक
अज्ञात
अमेरिकी
अधिकारी
के
हवाले
से
कहा
कि
जी7
देशों
ने
रूसी
तेल
आयात
पर
मूल्य
सीमा
निर्धारित
करने
के
लिए
बातचीत
में
प्रगति
की
है।
अधिकारी
ने
कहा,
'हम
अभी
भी
इसे
अंतिम
रूप
देने
के
लिए
काम
कर
रहे
अन्य
G-
7
समकक्षों
के
साथ
इस
विषय
को
अंतिम
रूप
दिया
जा
रहा
है।'
अधिकारी
ने
आगे
बताया
कि,
रूसी
तेल
की
वैश्विक
मूल्य
सीमा
निर्धारण
के
लिए
एक
तंत्र
को
विकसित
किए
जाने
पर
विचार-विमर्श
हुआ
है,
जिसे
जी-7
की
बैठक
में
अंतिम
रूप
दिया
जाना
है।
अधिकारी
ने
आगे
बताया
कि
इसका
मुख्य
उद्देश्य
रूस
के
नकदी
श्रोत
को
कम
करते
हुए
रूस
उसके
तेल
की
कीमतों
को
कम
करना
है।
रूसी
निर्यात
पर
लगाए
जाएंगे
उच्च
टैरिफ
इसके
अलावा,
जी
7
नेताओं
ने
सहमति
व्यक्त
की
है
कि
रूसी
निर्यात
पर
लगाए
गए
उच्च
टैरिफ
से
प्राप्त
धन
को
यूक्रेन
की
सहायता
में
इस्तेमाल
किया
जाएगा।
एक
वरिष्ठ
अधिकारी
ने
बताया
कि,
राष्ट्रपति
जो
बाइडेन
और
अन्य
जी
7
नेता
'यूक्रेन
की
मदद
करने
के
लिए
रूसी
सामानों
पर
किसी
भी
नए
टैरिफ
द्वारा
एकत्र
किए
गए
राजस्व
का
उपयोग
यूक्रेन
के
लिए
किया
जाएगा।
रूस
को
उसके
किए
सजा
भुगतनी
होगी।'