नॉर्थ कोरिया से आर-पार की लड़ाई के मूड में अमेरिका, UN ने लगाए कड़े प्रतिबंध
यूनाइटेड नेसंश सेक्युरिटी काउंसिल ने नॉर्थ कोरिया पर लगाए कई प्रतिबंध, अमेरिका के प्रस्ताव को एक सुर में मिली मंजूरी
न्यूयॉर्क। जिस तरह से नॉर्थ कोरिया लगातार एक के बाद के न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है उसे देखते हुए यूनाइटेड नेसंश सेक्युरिटी काउंसिल ने नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध अमेरिका की ओर से तैयार किया गया था, जिसे एक सुर में यूएनएससी ने पास कर दिया है। यह प्रतिबंध नॉर्थ कोरिया के खिलाफ उसके छठे न्युक्लियर टेस्ट के एक हफ्ते बाद लगाया गया है।
इन
क्षेत्रों
में
लगेगा
प्रतिबंध
नॉर्थ
कोरिया
पर
जो
प्रतबिंध
लगाया
गया
है
उसके
अनुसार
में
कई
निर्यात
पर
प्रतिबंध
लगेगा,
इसमे
तेल,
टैक्सटाइल,
दुनियाभर
के
वर्कर
के
नॉर्थ
कोरिया
जाने
के
करार
को
रद्द
करना,
स्मगलिंग
के
प्रयासों
को
पूरी
तरह
से
खत्म
करना,
अन्य
देशों
के
साथ
साझा
कार्यक्रम
को
रोकना,
नॉथ
कोरिया
की
सरकार
की
सरकार
की
तमाम
संस्थाओं
पर
प्रतिबंध
लगाना
आदि
अहम
है।
अमेरिकी
राजदूत
निक्की
हेली
ने
कहा
कि
हम
यह
बात
कहना
चाहते
हैं
कि
न्युक्लियर
हथियार
से
लैस
नॉर्थ
कोरिया
को
स्वीकार
नहीं
किया
जा
सकता
है।
सेक्युरिटी
काउंसिल
का
भी
कहना
है
कि
नॉर्थ
कोरिया
अगर
अगर
अपने
न्युक्लियर
प्रोग्राम
को
नहीं
रोकता
है
तो
हमें
उसे
रोकने
के
लिए
काम
करना
पड़ेगा।
तमाम
देशों
को
लागू
करना
चाहिए
प्रतिबंध
हेली
का
कहना
है
कि
हम
लगातार
कोशिश
करके
थक
गए
हैं
कि
कैसे
नॉर्थ
कोरिया
अपने
परीक्षण
को
रोके,
ऐसे
में
हम
कोशिश
कर
रहे
हैं
कि
हम
नॉर्थ
कोरिया
गलत
करने
से
रोक
सके।
हम
अब
नॉर्थ
कोरिया
में
तेल
और
निवेश
को
रोककर
उसके
हथियारों
के
मिशन
को
रोकने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं।
आपको
बता
दें
कि
अमेरिका
ने
यूएन
में
नॉर्थ
कोरिया
के
खिलाफ
तेल
के
निर्यात
पर
पूरी
तरह
से
प्रतिबंध
लगाने
का
प्रस्ताव
पेश
किया
था,
यही
नहीं
अमेरिका
ने
किम
जॉग
की
पार्टी
और
नॉर्थ
कोरिया
की
सरकार
के
खातों
को
पूरी
तरह
से
फ्रीज
करने
का
भी
प्रस्ताव
रखा
था।
लेकिन
बाद
में
अमेरिका
ने
एक
दूसरा
प्रस्ताव
सामने
रखा
जिसमे
अमेरिका
ने
अपने
रुख
में
नरमी
दिखाई
और
पूर्ण
प्रतिबंध
के
प्रस्ताव
को
वापस
ले
लिया।
चीन
ने
भी
किया
समर्थन
अमेरिकी
राजदूत
हेली
ने
कहा
कि
नॉर्थ
कोरिया
पर
यह
तमाम
प्रतबिंध
अबतक
के
सबसे
कठोर
प्रतिबंध
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
यह
तमाम
प्रतिबंध
तभी
काम
कर
सकते
हैं
जब
दूसरे
देश
इन
प्रतिबंध
को
माने
और
इसे
लागू
करेंगे।
काउंसिल
में
अमेरिका
की
प्रस्ताव
को
चीन
ने
भी
समर्थन
दिया
है।
यूएन
में
चीन
के
राजदूद
लीयू
जाई
ने
कहा
कि
चीन
कोरिया
प्रायदीप
में
न्युक्लियर
के
विस्तार
के
लिए
प्रतिबद्ध
है,
ताकि
इस
क्षेत्र
में
शांति
बनी
रहे।
उन्होंने
कहा
कि
हम
चाहते
हैं
कि
बातचीत
से
इन
तमाम
मुद्दों
का
समाधान
निकाला
जाना
चाहिए।
बता
दें
कि
चीन
ने
पहले
अमेरिका
के
प्रस्ताव
के
खिलाफ
वीटो
लगा
दिया
था,
लेकिन
बाद
में
अमेरिका
के
संसोधित
प्रस्ताव
को
चीन
ने
अपनी
सहमति
दे
दी
है।