UN के महासचिव एंटोनियो गुटारेशे ने वाजपेयी को बताया आदर्श नेता, पाकिस्तान ने भी दी श्रद्धांजलि
न्यूयॉर्क। यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के महासचिव एंटोनियो गुटारेश ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उन्हें एक आदर्श राजनेता बताया है। गुटारेश ने यह बात उस समय कही जब वह यूएन स्थित भारत के स्थायी मिशन पर वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। गुटारेशे ने इसके साथ ही वाजपेयी के साथ हुई अपनी पहली मुलाकात का जिक्र भी किया। 16 अगस्त को 93 वर्ष की आयु में वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उन नेताओं में से थे जिनकी लोकप्रियता हर उम्र और तबके के लोगों में थी। उनकी पार्टी के अलावा विपक्षी पार्टी के लोग भी उनका सम्मान करते थे। ये भी पढ़ें- जब वाजपेयी ने UN में हिंदी में दिया भाषण और पाकिस्तान के मंसूबों पर फेरा पानी
निस्वार्थ भाव से किया दुनिया की शांति के लिए काम
गुटारेशे ने स्थायी मिशन पर जाकर वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारवालों के प्रति अपनी संवेदनाएं भेजीं। गुटारेशे को यहां पर याद आया कि पहली भारत-यूरोपियन यूनियन समिट के दौरान वाजपेयी से उनकी पहली बार मुलाकात हुई थी। गुटारेशे ने कहा, 'वाजपेयी को हमेशा एक ऐसे आदर्श नेता के तौर पर याद किया जाएगा जिन्होंने निस्वार्थ भाव से दुनिया में शांति और भारत में विकास के लिए काम किया था।' इस दौरान कई देशों के राजदूत और प्रतिनिधि शामिल थे।
अमेरिका में हुई श्रद्धांजलि सभा
जिन देशों की ओर से वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई उनमें पेरू, इजरायल, नाइजीरिया, फिलीस्तीन, स्विट्जरलैंड, पाकिस्तान और जापान के अधिकारी शामिल थे। इन अधिकारियों की ओर से भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। इन देशों के राजदूताओं और प्रतिनिधियों की ओर से शोक संदेश भी लिखा गया। अतुल खरे तो यूएन महासचिव के साथ फील्ड सपोर्ट के लिए काम करते हैं, उन्होंने भी वाजपेयी के निधन पर शोक जाहिर किया। अमेरिका में भारत के कांसुलेट जनरल की ओर से एक 'श्रद्धांजलि सभा' का आयोजन किया गया था। इस दौरान भारत-अमेरिकी समुदाय के कई सदस्यों और अधिकारियों ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी।
पाकिस्तान ने भी जताया शोक
पाकिस्तान की ओर से आए प्रतिनिधिमंडल की ओर से शोक पुस्तिका में लिखा गया कि वाजपेयी ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों को बदलने के लिए अहम योगदान दिया। वह हमेशा सार्क और विकास के लिए क्षेत्रीय सहयोग के अहम समर्थक रहे थे। वाजपेयी पहले ऐसे भारतीय नेता भी थे जिन्होंने यूएन में हिंदी में भाषण दिया था। चार अक्टूबर, 1977 को अटल बिहारी वाजपेयी, जनता पार्टी की सरकार के विदेश मंत्री के तौर पर में संयुक्त राष्ट्र के अधिवेशन यानी यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) में हिन्दी में भाषण दिया था।