ब्रिटेन में ऋषि सुनक की पार्टी को मिल सकती है करारी हार, खुद की सीट बचाना भी मुश्किल, हालत पतली
कंजर्वेटिव पार्टी के लिए ये साल काफी उथल-पुथल भरा रहा है और बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद लिज ट्रस को भी सिर्फ 45 दिनों में इस्तीफा देना पड़ा। ऋषि सुनक के खिलाफ भी पार्टी में आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं।
Rishi Sunak UK Parliamentary seat: अक्टूबर महीने में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने पहले भारतवंशी ऋषि सुनक के लिए अगले संसदीय चुनाव में अपनी सीट बचाना भी मुश्किल हो गया है और सावंता द्वारा किए गये नये चुनावी सर्वे में पता चला है, कि ऋषि सुनक ब्रिटेन में होने वाले अगले आम चुनाव में अपनी संसदीय सीट से चुनाव हार सकते हैं। सावंता के सर्वे में पता चला है, कि ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी अपने मुख्य प्रतिद्वंदी लेबर पार्टी से 20 अंक पिछड़ गई है, यानि ब्रिटेन में अगली सरकार लेबर पार्टी की बन सकती है और ऋषि सुनकी अध्यक्षता वाली कंजर्वेटिव पार्टी चुनाव हार सकती है।
ऋषि सुनक की पार्टी हार सकती है चुनाव
सर्वे कराने वाली एजेंसी सावंता ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि, अगल यूनाइटेड किंगडम में कल आमसभा चुनाव करवाए जाएं, तो लेबर पार्टी 314 सीटें हासिल कर सरकार बना लेगी। सावंता अपने सर्वे को लेकर जारी बयान में कहा कि, कीर स्टारर की अध्यक्षता वाली लेबर पार्टी को 48% वोट मिल सकते हैं, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी को सिर्फ 28 प्रतिशत वोट ही मिल सकते हैं। यानि, कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर बीते एक साल में जो खलबली मची है और पार्टी के अंदर नेताओं के अंदर जिस तरह के दरार पड़े हैं, उसका खामियाजा चुनावी नतीजों पर होगा और ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को बुरी तरह से चुनावी शिकस्त मिल सकती है।
ऋषि के लिए अपनी सीट बचाना भी मुश्किल
सर्वे में पता चला है कि, कंजर्वेटिव पार्टी को चुनाव में 300 से ज्यादा सीटों का नुकसान हो सकता है और खुद ऋषि सुनक भी अपनी संसदीय सीट यॉर्कशायर से बुरी तरह से चुनाव हार जाएंगे। सावंता ने ये सर्वे 2 दिसंबर से 5 दिसंबर के बीच 6,237 ब्रिटिश नागरिकों से इंटरव्यू के आधार पर किया है। सावंता ने जो सर्वे करवाया है, वो कंजर्वेटिव पार्टी के हार का अंदाजा लगाने वाली सबसे ताजा सर्वे है। यूनाइटेड किंगडम में जनवरी 2025 से पहले हर हाल में आमसभा चुनाव करवाना होगा और यूके की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक, ऋषि सुनक के लिए पार्टी के अंदर मची खटपट को खत्म कर पार्टी की किस्मत सुधारना आसान नहीं होगा। इस वक्त भी ज्यादातर बिलों को पास कराने के लिए ऋषि सुनक को अपनी ही पार्टी के अंदर मतभेदों का सामना करना पड़ रहा है और 2 बिल तो उन्हें वापस तक लेना पड़ा है।
कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर भारी कलह
आपको बता दें कि, कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों को टोरी सांसद कहा जाता है और इस बार टोरी सांसदों के बीच भारी कलह और गुटबाजी कायम हो गई है। लिहाजा, टोरी ब्रांड इस साल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस साल बोरिस जॉनसन के खिलाफ पार्टी में फूट पड़ने और कम से कम 55 मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद ऋषि सुनक और लिज ट्रस प्रधावनमंत्री बनने के लिए आखिरी राउंड में पहुंचे थे, जिसमें लिज ट्रस ने बाजी मारी थी। लेकिन, वो सरकार संभालने में बुरी तरह से नाकाम रहीं और सिर्फ 45 दिनों के बाद ही उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिसके बाद ऋषि सुनक को नया प्रधानमंत्री बनाया गया और उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए कई कठिन फैसले लिए हैं और माना जा रहा है, कि अगले दो सालों के बाद ही ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में सुधार आ सकता है और 2 साल बाद ही चुनाव होने हैं, लिहाजा ऋषि सुनक के लिए अपनी पार्टी की किस्मत को चमकाना काफी मुश्किल होने वाला है। इससे पहले मंगलवार को डेल्टापोल के सर्वे में पता चला था, कि ऋषि सुनक की पार्टी को सिर्फ 32 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, जबकि लेबर पार्टी 45 प्रतिशत वोट हासिल कर सकती है।
किस पार्टी को कितनी सीटें?
सावंता के सर्वे के मुताबिक, लेबर पार्टी को 482 सीटें हासिल हो सकती हैं, यानि पिछले चुनाव के मुकाबले लेबर पार्टी को 280 सीटें ज्यादा मिल सकती हैं। वहीं, कंजर्वेटिव पार्टी को 296 सीटों का नुकसान हो सकता है और वो सिर्फ 69 सीटों पर सिमट सकती है। इसके अलावा एसएनपी पार्टी को 55 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एलडी पार्टी को 21 सीटें हासिल हो सकती हैं। आपतो बता दें कि, 2019 के आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी ने 365 सीटें जीतीं थीं और उसके बाद से पार्टी उपचुनावों में 9 सीटें हार चुकी है और उसके पास फिलहाल 356 सीटें हैं। लेटेस्ट ओपिनियन पोल के मुताबिक, ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी, अपने प्रतिद्वंदी लेबर पार्टी की 482 सीटों की तुलना में सिर्फ 69 सीट ही जीत सकती है।
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