यह है दुनिया का सबसे हिंसक शहर
दुनिया के ख़ूबसूरत शहर, शांत शहर, ख़ुशहाल शहर ऐसे शहरों की सूची जारी होती रही है लेकिन हाल में दुनिया के सबसे हिंसक शहरों की सूची जारी हुई है.
इस सूची में सबसे अधिक हिंसक शहर लैटिन अमरीका के हैं. मेक्सिको के नागरिक संगठन सिटीज़न काउंसिल फ़ॉर पब्लिक सेफ्टी एंड क्रिमिनल जस्टिस (सीसीएसपीजेपी) की हालिया रिपोर्ट में ऐसे 50 शहरों के बारे में बताया गया है.
दुनिया के ख़ूबसूरत शहर, शांत शहर, ख़ुशहाल शहर ऐसे शहरों की सूची जारी होती रही है लेकिन हाल में दुनिया के सबसे हिंसक शहरों की सूची जारी हुई है.
इस सूची में सबसे अधिक हिंसक शहर लैटिन अमरीका के हैं. मेक्सिको के नागरिक संगठन सिटीज़न काउंसिल फ़ॉर पब्लिक सेफ्टी एंड क्रिमिनल जस्टिस (सीसीएसपीजेपी) की हालिया रिपोर्ट में ऐसे 50 शहरों के बारे में बताया गया है.
इस संगठन ने 1 लाख निवासियों पर हत्याओं का आंकलन कर यह सूची तैयार की है. इन 50 शहरों में से 17 ब्राज़ील में, 12 मेक्सिको में, पांच वेनेज़ुएला में, तीन कोलंबिया में और दो होंडुरास में हैं. इसके अलावा एल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला और प्यूर्तो रिको में भी एक-एक शहर है.
हज़ारों साल पहले हुई थी दमिश्क की तबाही की भविष्यवाणी
हिंसा में नंबर वन है यह शहर
मेक्सिको में उत्तर-पश्चिमी प्रांत के बाहा कैलिफॉर्निया सू का लॉस काबोस शहर एक पर्यटक स्थल है. लेकिन इस साल इस शहर को दुनिया के सबसे हिंसक देशों की सूची में पहले पायदान पर रखा गया है.
सीसीएसपीजेपी ने तीन लाख की आबादी वाले शहर पर किए गए अध्ययन में पाया है कि हालिया समय में यहां तेज़ी से हिंसा में बढ़ोतरी हुई है. एक साल में यहां हिंसा में 500 फ़ीसदी की वृद्धि देखी गई है.
2016 में यहां 61 हत्याएं हुई थीं. वहीं 2017 में इस शहर में 365 हत्याएं हुईं. मेक्सिको में 1 लाख व्यक्तियों पर हत्या की दर करीब 111 रही है. दुनिया के उलट यहां हिंसा में तेज़ी आई है. 2015 में इस सूची में मैक्सिको के पांच शहर थे लेकिन इस बार 12 मेक्सिको शहर हैं.
साथ ही 2017 में दुनिया के शीर्ष 10 हिंसक शहरों में से पांच केवल मेक्सिको के हैं.
मेक्सिको में इतनी हिंसा के क्या कारण हैं? सीसीएसपीजेपी संगठन बताता है कि इस देश के पास आपराधिक समूहों के ख़िलाफ़ लड़ाई का कोई रोडमैप नहीं है और वहां हिंसा का सबसे ख़राब स्तर देखा जा रहा है.
अब दूसरे नंबर पर आया
वेनेज़ुएला का कराकस शहर हिंसक देशों की सूची में पहले स्थान पर रहता था जिसे लॉस काबोस ने इस बार दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया है. यहां एक साल में 3,387 हत्याएं हुई हैं.
एक लाख की आबादी पर यहां हत्याओं की दर लगभग 111 है. सीसीएसपीजेपी का कहना है कि उसे आधिकारिका डाटा पाने में काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा था.
सीसीएसपीजेपी के अनुसार, 40 लाख लोग देश को छोड़ चुके हैं. इसमें से आधे सिर्फ़ पिछले तीन सालों में देश छोड़कर गए हैं.
होंडुरास ने किया हैरान
सारी बुरी ख़बरों के बीच एक अच्छी ख़बर भी है. कुछ ऐसे शहर भी हैं जहां हिंसा में काफ़ी कमी देखी गई है. मध्य अमरीका के शहरों में हिंसा में काफ़ी कमी आई है.
होंडुरास का सेन पेड्रो सुला काफ़ी तेज़ी से हिंसक शहरों की सूची में नीचे आया है. 2016 में जहां यह शहर सूची में तीसरे स्थान पर था वो 2017 में 26वें स्थान पर आ गया है. एक साल में यहां हत्याओं की दर में 54 फ़ीसदी की गिरावट आई है.
एक लाख आबादी पर हत्याओं की दर पहले 51 से कुछ अधिक थी जो अब तकरीबन 21 हो चुकी है.
सीसीएसपीजेपी का कहना है कि हिंसा में कमी अपने आप नहीं आई है. होंडुरस सरकार ने आपराधिक समूहों के ख़िलाफ़ कड़े कदम उठाए थे और अपराधों के लिए सज़ा में बढ़ोतरी की गई थी.
50 शहरों की इस सूची में अमरीका के सेंट लूईस, दक्षिण अफ़्रीका के केपटाउन जैसे शहर भी हैं.
श्रीलंका में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा की ये है वजह