संयुक्त अरब अमीरात और ट्यूनीशिया के संकट का 'टेरर एंगल'
संयुक्त अरब अमीरात को सीरिया से लौट रहे चरमपंथियों से हमले की आशंका.
अमीरात एयरलाइंस में ट्यूनीशियाई महिलाओं के सफर करने पर लगी पाबंदी का मुद्दा कूटनीतिक संकट की तरफ़ बढ़ता दिख रहा था, लेकिन सोमवार को ट्यूनीशिया की तरफ से इसे सुलझाने की पहल होती दिखी.
ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ने सोमवार को दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संकट की किसी संभावना से इनकार किया.
उन्होंने कहा, "ट्यूनीशिया इस बात को समझता है कि संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने अपने देश और एयरलाइंस की सुरक्षा के लिए ये कदम उठाया है."
इससे पहले 'ट्यूनीशियाई महिलाओं के अमीरात एयरलाइंस के विमानों में यात्रा करने और यूएई की सीमा से गुज़रने पर लगाए गए प्रतिबंध' के बाद ट्यूनीशिया की सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात के विमानों के राजधानी ट्यूनिश में उतरने पर रोक लगा दी थी.
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अमीरात एयरलाइंस के प्रति गुस्सा
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक ट्यूनीशिया ने कहा है, "सीरिया और इराक़ से लौट रहे चरमपंथियों की वजह से संयुक्त अरब अमीरात को हमलों की आशंका थी और इसमें ट्यूनीशियाई पासपोर्टधारक महिलाओं के शामिल होने का अंदेशा था. इसी वजह से ये फैसला लिया गया है."
ट्यूनीशिया में कई संगठन इस बात का विरोध कर रहे थे और अमीरात एयरलाइंस को लेकर लोगों के बीच गुस्सा था.
कुछ ट्यूनिशियाई महिलाओं ने कहा कि उन्हें यूएई की फ्लाइट से यात्रा के लिए देरी का सामना करना पड़ा.
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वहीं कुछ महिलाओं ने वीज़ा की अतिरिक्त जांच किए जाने की बात कही.
साल 2011 में हुई क्रांति के बाद संयुक्त अरब अमीरात से ट्यूनीशिया अपने रिश्ते बेहतर करने की कोशिश कर रहा है.
ट्यूनीशिया की सत्तारूढ़ एन्नाहडा पार्टी के क़तर से ताल्लुकात हैं.
ये वही क़तर है, जिस पर कुछ महीनों पहले यूएई, सऊदी अरब और बहरीन ने चरमपंथ का समर्थन करने का आरोप लगाकर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे.