थाईलैंड: आख़िर चार बच्चों को गुफा कैसे निकाला गया
थाईलैंड में पानी से भरी गुफा में फँसे बाक़ी आठ बच्चों और फ़ुटबॉल कोच को निकालने के लिए राहत-बचावकर्मी तैयार हैं.
इस गुफा में कुल 12 बच्चे फँसे थे, जिनमें से रविवार को चार बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. राहत और बचाव कार्य में इस्तेमाल हो रहे एयर टैंक को बदलने के लिए यह अभियान रात भर थमा रहा.
गुफा में बढ़ते पानी की आशंका को देखते हुए कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द सभी बच्चों को बाहर निकाल लिया जाए. ये बच्चे गुफा में 23 जून से फँसे हुए हैं.
थाईलैंड में पानी से भरी गुफा में फँसे बाक़ी आठ बच्चों और फ़ुटबॉल कोच को निकालने के लिए राहत-बचावकर्मी तैयार हैं.
इस गुफा में कुल 12 बच्चे फँसे थे, जिनमें से रविवार को चार बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. राहत और बचाव कार्य में इस्तेमाल हो रहे एयर टैंक को बदलने के लिए यह अभियान रात भर थमा रहा.
गुफा में बढ़ते पानी की आशंका को देखते हुए कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द सभी बच्चों को बाहर निकाल लिया जाए. ये बच्चे गुफा में 23 जून से फँसे हुए हैं.
चियांग राय के गवर्नर नारोंगसक ओसोटानकोर्न ने रविवार को कहा कि सभी एयर टैंक और राहत-बचाव सिस्टम मौक़े पर पहुंचने वाले हैं, ताकि सोमवार सुबह से राहत और बचाव के मिशन को पूरा किया जा सके.
बाक़ी बचे बच्चों को भी निकालने की तैयारी हो चुकी है. गोताखोर बच्चों को बता रहे हैं कि अंधेरे में पानी से कैसे निपटना है.
राहत-बचावकर्मियों के लिए उम्मीद जगाने वाली बात यह है कि बारिश थम गई है. पहले चरण के अभियान में भी युद्ध स्तर पर चीज़ों को अंजाम तक पहुंचाया गया था.
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बच्चों को निकाला कैसे गया?
इस अभियान को थाईलैंड के 40 और 50 विदेशी गोताखोरों ने अंजाम दिया. इनके लिए यह बेहद चुनौती भरा अभियान था.
ये वहां तक रस्सियों के सहारे पानी में चलते हुए तैरते हुए और चढ़ते हुए पहुंचे. गोताखोरों के चेहरे पूरी तरह से नकाब से ढंके हुए थे.
ये उन बच्चों को निकालने पहुंचे थे जिन्हें नहीं पता है कि गुफा के पानी से कैसे निकलना होता है.
हर एक बच्चे पर दो गोताखोर थे. इन्हीं गोताखोरों के पास एयर सप्लाई भी थी. गोताखोरों के लिए उस गुफा के आधे रास्ते तक ही पहुंचना काफ़ी चुनौती भरा था.
यहां तक हवा टैंक को ले जाना काफ़ी मुश्किल काम था. इन गोताखोरों ने चेंबर थ्री नाम से एक बेस बनाया था, जहां बच्चों को गुफा के प्रवेश द्वार से निकालकर लाया जा रहा था.
सुरक्षित निकाले गए बच्चों को चियांग राय हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. शुक्रवार को थाई नेवी के एक गोताखोर की अभियान के दौरान ही मौत हो गई थी.
इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह अभियान कितना मुश्किल है. समन गुनान मौक़े पर एयर टैंक मुहैया कराकर लौट रहे थे तभी उन्होंने ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ दिया. गुनान के एक सहकर्मी ने कहा कि उनके साथी का समर्पण बेकार नहीं जाएगा.
मौक़े पर मौजूद बीबीसी संवाददाता निक बीक का आकलन
यह एक हाई-प्रोफ़ाइल अभियान है. थाईलैंड को पता है कि पूरी दुनिया इसे देख रही है. इन बच्चों को वहां से ज़िंदा निकालना बड़ी चुनौती है.
राहत-बचाव दल में दुनिया भर के विशेषज्ञ गोताखोर शामिल हैं और इन्होंने शुक्रवार को चार बच्चों को सुरक्षित निकाल ख़ुद को साबित भी किया है.
चार बच्चों के सुऱक्षित निकलने से लोगों में उम्मीद जगी है. पूरे अभियान से साफ़ पता चलता है कि गोताखोर अपने लक्ष्य को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
राहत-बचावकर्मी गुफातककैसे पहुंचे?
गुफा में फँसे बच्चे उसके प्रवेश द्वारा से चार किलोमीटर पीछे हैं. सभी बच्चों की उम्र 11 से 17 साल के बीच है जो वाइल्ड बोर्स फ़ुटबॉल क्लब से जुडे हैं.
अपने कोच के साथ एक ट्रेनिंक ट्रिप के दौरान ये बच्चे यहां फँस गए थे. इसे पता करने में नौ दिनों का वक़्त लग गया था कि ये फँसे कहां हैं.
थाईलैंड के अधिकारियों का मानना था कि बच्चों के इस समूह को बारिश के मौसम तक गुफ़ा में ही रुकना पड़ सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि महीनों के वक़्त लग सकते हैं.
राहत-बचाव कर्मी गुफा में ड्रिल करने पर भी विचार कर रहे हैं. इसके साथ ही गुफा तक पहुंचने के लिए दूसरे रास्तों की तलाश जारी है.
लगातार बारिश के कारण यह साफ़ हो गया है आने वाले दिन और चुनौतीपूर्ण होंगे. राहत-बचावकर्मी गुफा से पंप के ज़रिए पानी निकालने का भी काम कर रहे हैं ताकि वहां जलस्तर नहीं बढ़े.