स्टडी का दावा, अमेरिका में बढ़ते अपराध और अप्रवासन का कोई संबंध नहीं
अमेरिका में हुई नई स्टडी बन सकती है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए मुसीबत। स्टडी का दावा, अप्रवासी और बढ़ते अपराध में कोई ताल्लुक नहीं है। ट्रंप के बैन ऑर्डर के बाद हुई थी स्टडी।
न्यूयॉर्क। अप्रवासियों और शरणार्थियों पर बैन आदेश के बाद यहां पर एक ऐसी स्टडी हुई है जो शायद कानूनी लड़ने की तैयारी कर चुके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुसीबतें बढ़ा सकती है। बैन ऑर्डर के बाद हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि अमेरिका में बढ़ते क्राइम रेट और अप्रवासियों के बीच किसी तरह का कोई संबंध नहीं है।
अप्रवासी दोषी नहीं हैं
स्टडी को अमेरिका की बुफैलो यूनिवर्सिटी की ओर से अंजाम दिया गया है। इस स्टडी में रिसर्चर्स की ओर से पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या अमेरिका में बढ़ते क्राइम रेट के लिए यहां के शहरों में अप्रवासन के तरीकों को दोषी ठहराना चाहिए। जिन बदलावों की बात की गई थी उनमें कम आर्थिक मौके या फिर अप्रवासियों को घरेलू कामगारों को हटा कर नौकरियां हासिल करने जैसे मुद्दे शामिल थे। बुफैलो यूनिवर्सिटीज में एसोसिएट प्रोफेसर रॉबर्ट एडेलमैन इस स्टडी पर कहते हैं कि हमारी रिसर्च से यह बात साफ नजर आती है कि औसतन अमेरिका के मेट्रो शहरों में बढ़ते अपराध को अप्रवासन से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि नतीजों से यह भी साफ है कि बढ़ते हमलों के लिए अप्रवासियों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। असल में डकैती, चोरी और मर्डर उन इलाकों में काफी कम है जहां पर अप्रवासन का स्तर ज्यादा है। एडेलमैन के मुताबिक आज के राजनीतिक दौर में यह आंकड़ें काफी नाजुक हैं।
वर्ष 1970 से 2010 तक के आंकड़ें
एडेलमैन ने कहा कि पूर्व में हुई रिसर्च जो गिरफ्तारी और सजा से जुड़े आंकड़ों पर आधारित थीं, उनसे भी साफ हुआ है कि विदेशों में जन्म लेने वाले व्यक्ति अमेरिका में जन्मे व्यक्तियों की तुलना में कम अपराध करता है। इस स्टडी के लिए 200 मेट्रोपॉलिटन शहरों से आंकड़ें लिए गए थे। ये आंकड़ें जनगणना और एफबीआई के पास दर्ज यूनिफॉर्म क्राइम रिपोर्टिंग से लिए गए थे। इन आंकड़ों में वर्ष 1970 से 2010 तक के अपराध आंकड़ें शामिल थे। एडेलमैन ने यह भी कहा कि स्टडी के जरिए वह यह दावा नहीं कर रहे हैं अप्रवासियों की वजह से कभी कोई अपराध नहीं हुआ या फिर वे कभी किसी अपराध में शामिल नहीं रहे।