दक्षिण अफ़्रीका: झूठ निकली दस बच्चों को एक साथ जन्म देने वाली ख़बर
दक्षिण अफ़्रीका में अधिकारियों ने कहा है कि ख़ुसियामी सिटोले नाम की महिला का दस बच्चों को एक साथ जन्म देने का दावा झूठा है.
दक्षिण अफ़्रीका में अधिकारियों ने कहा है कि ख़ुसियामी सिटोले नाम की महिला का दस बच्चों को एक साथ जन्म देने का दावा झूठा है.
गौतेंग प्रांत के अधिकारियों ने कहा है कि राज्य के किसी भी अस्पताल में दस बच्चों के साथ जन्म लेने का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
अधिकारियों ने यहाँ तक कहा है कि ख़ुसियामी सिटोले हाल-फ़िलहाल में गर्भवती भी नहीं थीं.
अब इस महिला की मेंटल हेल्थ एक्ट के तहत देखभाल की जा रही है और उसे हर मुमकिन मदद मुहैया करवाई जाएगी.
आधिकारिक बयान में दस बच्चों के जन्म की झूठी कहानी बुनने के पीछे के कारण की जानकारी नहीं दी गई है.
लेकिन इस ख़बर को सबसे पहले छापने वाले प्रिटोरिया न्यूज़ की मालिक कंपनी इंडिपेंडटेंड ऑनलाइन ने कहा है कि वो अपनी कहानी पर अडिग हैं.
कंपनी ने आरोप लगाया है कि ख़ुसियामी सिटोले ने राजधानी प्रिटोरिया के स्टीव बिको एकेडेमिक अस्पताल में सात जून को दस बच्चों को जन्म दिया लेकिन अस्पताल के पास इतने बच्चों की एक साथ डिलीवरी के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं थी.
अब प्रिटोरिया न्यूज़ ने आरोप लगाया है कि प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारी मेडिकल लापरवाही पर लीपापोती कर रहे हैं.
लेकिन सरकारी अधिकारी इसका खंडन कर रहे हैं. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि "लापरवाही के आरोप झूठे और निराधार हैं. ये स्टीव बिको अस्पताल और गौतेंग की प्रांतीय सरकार की साख को दाग़दार बनाने की कोशिश हैं."
बयान में कहा गया है कि प्रिटोरिया न्यूज़ और इसके प्रधान संपादक पीट रांपेडी के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें -
ख़बर फैली कैसे?
ख़ुसियामी सिटोले और उनके पति तेबोहो त्सोतेत्सी गौतेंग प्रांत के थेंबिसा क़स्बे में रहते हैं. ये इलाक़ा जोहेन्सबर्ग के क़रीब ही है.
उनके छह साल के जुड़वां बच्चे भी हैं.
ख़बर छापने वाली कंपनी इंडिपेंडेंट ऑनलाइन के मुताबिक़ उनका रिपोर्टर और रांपेडी एक ही चर्च में जाते थे और वहीं दोनों की मुलाक़ात हुई.
आरोप है कि मई महीने में इस रिपोर्टर ने दंपति का इंटरव्यू किया और उन्होंने कहा कि वे एक साथ आठ बच्चों के जन्म की उम्मीद कर रहे हैं. आरोप है कि इस इंटरव्यू के दौरान सिटोले का फ़ोटोशूट भी किया गया जिसमें उन्हें गर्भवती दिखाया गया.
प्रिटोरिया न्यूज़ ने दस बच्चों के जन्म की कहानी 8 जून को प्रकाशित की थी.
ख़बर का स्रोत सिटोले के पति त्सोतेत्सी को बताया गया था. त्सोतेत्सी ने बाद में कहा कि कोरोना वायरस के कारण वे अस्पताल नहीं गए थे, पर उन्हें इस बारे में सिटोले ने मैसेज भेजा था.
प्रिटोरिया न्यूज़ ने एक व्हाट्सएप मैसेज पर भरोसा किया लेकिन अस्पताल ने इस ख़बर की पुष्टि नहीं की.
क़स्बे के मेयर ने भी इस ख़बर की पुष्टि की थी. यही कारण है कि बीबीसी समेत कई मीडिया संस्थानों ने इस ख़बर को प्रकाशित किया.
लेकिन अब सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि लोगों ने दस बच्चों के जन्म के बारे में सुना भर है, किसी ने उन्हें देखा नहीं है.
लाखों की फ़ंडिंग
ख़बर छपने के बाद ये बच्चे थेंबिसा 10 के नाम से मशहूर हो गए और लोग उनके लिए फंड जुटाने लगे.
इंडिपेंडेंट ऑनलाइन के चेयरमैन इक़बाल सुर्वे ने ख़ुद बच्चों को क़रीब 50 लाख रुपये डोनेट किये.
लेकिन कहानी पर उस वक़्त शक़ हुआ जब प्रिटोरिया न्यूज़, अस्पताल का नाम बताने में असफल रहा.
साथ ही शहर के कई अस्पतालों ने ऐसी किसी डिलीवरी में शामिल ना होने का बयान दिया.
इसके दस दिन बाद इंडिपेंडेंट ऑनलाइन ने स्टीव बिको अस्पताल पर आरोप लगाये. प्रिटोरिया न्यूज़ ने ख़बर छापी कि जन्म के बाद दंपति में लड़ाई हो गई और हफ़्ते भर बाद पति ने कहा कि पत्नी गुम हो गई है इसलिए लोग दान देना बंद कर दें. लेकिन पत्नी ने कहा कि पति बच्चों को मिल रहे पैसों को ऐंठना चाहता है.
अधिकारियों का कहना है कि इसी दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सिटोले को खोज निकाला और उन्हें बीते शुक्रवार को टेस्ट्स के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
दक्षिण अफ़्रीका के एक अन्य मीडिया संस्थान न्यूज़-24 ने दावा किया है कि प्रिटोरिया न्यूज़ के प्रधान संपादक रांपेडी ने इंडिपेंडेंट ऑनलाइन से 'साख को हुई क्षति' के लिए क्षमा माँगी है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)