कोरोना वायरस संक्रमण से बचाता है स्मोकिंग? सिगरेट को लेकर रिसर्च में चौंकाने वाला दावा
स्मोकिंग करने से कोरोना वायरस का खतरा नहीं होता है, इसको लेकर रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है।
नई दिल्ली, अप्रैल 26: स्मोकिंग करना ना सिर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि स्मोकिंग करने वालों के ऊपर कोरोना वायरस और खतरनाक कहर बरपा सकता है। डब्लूएचओ की रिसर्च में स्मोकिंग करने वालों और कोरोना वायरस को लेकर खतरनाक खुलासा हुआ है। स्मोकिंग करने वालों को लेकर पिछले साल जून में ही रिसर्च शुरू किया गया था जिसका नतीजा अब सामने आ गया था। इस रिसर्च के दौरान जानने की कोशिश की गई थी कि क्या स्मोकिंग करने वालों को कोरोना वायरस से कोई खतरा नहीं है? क्या कोरोना वायरस संक्रमण से स्मोकिंग बचाता है, इसको लेकर अब रिसर्च रिपोर्ट जारी कर दी गई है।
कोरोना वायरस और स्मोकिंग
डब्ल्यूएचओ ने रिसर्च के बाद कहा है कि स्मोकिंग करने वालों के लिए कोरोना वायरस और भी ज्यादा खतरनाक है और ये कोरोना वायरस संक्रमित को काफी ज्यादा बीमार कर देता है। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण के शुरूआती समय में कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि स्मोकिंग करने वाले कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षित हैं। इसके लिए रिपोर्ट्स में अलग अलग वैज्ञानिक बातों का हवाला दिया गया था लेकिन अब डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ये सब तंबाकू इंडस्ट्री की साजिश थी और फर्जी रिपोर्ट्स जानबूझकर जारी किए गये ताकि तंबाकू उद्योग को नुकसान ना पहुंचे। रिसर्च में खुलासा हुआ है कि संक्रमण के शुरूआती समय में जो भी रिपोर्ट्स स्मोकिंग के समर्थन में पब्लिश किए गये थे वो गलत थे और साजिशन मीडिया तक ऐसे रिपोर्ट्स पहुंचाए गये ताकि तंबाकू सेवन के पक्ष में खबरें छप सके। जुलाई 2020 में यूरोपीयन रेस्पिरेटरी जर्नल में भी एक रिपोर्ट पब्लिस की गई थी
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रिपोर्ट में क्या था दावा
यूरोपीयन रेस्पिरेटरी जर्नल में पिछले साल जुलाई में पब्लिश रिपोर्ट में दावा किया गया था कि स्मोकिंग करने वाले कोरोना वायरस के कम शिकार होते हैं। और अगर स्मोकर्स कोरोना वायरस के शिकार होते भी हैं तो वो ज्यादा बीमार नहीं पड़ते हैं और उनकी नौबत अस्पताल में भर्ती होने की नहीं आती है। स्मोकिंग करने वालों को आईसीयू या वेटिंलेटर्स तक पहुंचने की नौबत नहीं आती है। इस रिपोर्ट को पूरी दुनिया में पढ़ा गया और वैज्ञानिकों ने इस रिपोर्ट पर हैरानी भी जताई थी। जिसके बाद इस रिपोर्ट के आधार पर रिसर्च शुरू हो गया। और अब पता चला है कि जिन पांच लोगों ने इस आर्टिकिल को लिखा था उन्हें तंबाकू उद्योग से भारी पैसा दिया गया था। हालांकि, वो पांच लोग कौन कौन हैं, उनके नाम का खुलासा नहीं किया है।
रिसर्च में खुलासा
अब रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जर्नल में जो रिपोर्ट पब्लिश की गई थी, उसका ठीक उल्टा और खतरनाक असर लोगों पर हो रहा है। रिसर्च के दौरान 2 लाख 36 हजार 439 लोगों पर रिसर्च किया गया है। इस रिसर्च में पता चला है कि स्मोकर्स को नॉन स्मोकर्स की तुलना में जान को ज्यादा खतरा है। स्मोकिंग करने वालों की जान को 23 फीसदी ज्यादा खतरा है और स्मोकिंग करने वालों की स्थिति ज्यादा खतरनाक है। अब रिसर्च में पता चला है कि सिगरेट पीनों वालों की जान को ज्याद खतरा है। लिहाजा रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों को सिगरेट पीना बंद कर देनी चाहिए।
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