खुद शहीद होकर इस जवान ने बचाई हजारों लोगों की जान, सुसाइड बॉम्बर को लगा लिया था गले
16 नवंबर के दिन अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक होटल के बाहर हुए आत्मघाती हमले में 18 लोगों की मौत हो गई। ये आत्मघाती हमला और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता था अगर उस दिन वो पुलिसवाला रक्षक बनकर नहीं आता।
काबुल। 16 नवंबर के दिन अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक होटल के बाहर हुए आत्मघाती हमले में 18 लोगों की मौत हो गई। ये आत्मघाती हमला और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता था अगर उस दिन वो पुलिसवाला रक्षक बनकर नहीं आता। अपने देशवासियों की जान बचाने के लिए सैय्यद बासम पाचा खुद हमलावर के पास पहुंच गए और उसे गले से लगा लिया। इस हमले में सैय्यद के साथ 17 और लोगों की जान चली गई।
हमलावर को पहले ही देख लिया
16 नंवबर को काबुल के एक होटल में डिगनिट्रीज की मीटिंग होनी थी। इसलिए होटल की सुरक्षा भी काफी बढ़ाई दी गई थी। होटल में हमला करने की फिराक में एक हमलावर जब सिक्योरिटी चेकप्वाइंट के पास जा रहा था, सैय्यद ने तभी उसे देख लिया। सैय्यद ने जब आवाज लगाई तो हमलावर उसे देखकर भागने लगा।
सैय्यद ने बचाई हजारों लोगों की जान
हमलावर अपने आप को उड़ाने ही वाला था कि सैय्यद ने उसे गले से लगा लिया। इस हमले में सैय्यद के अलावा 7 और पुलिसवाले शहीद हो गए। काबुल पुलिस ने सैय्यद को हीरो बताते हुए उनकी शहादत को सलाम किया है। पुलिस चीफ बासिर मुजाहिद का कहना है कि अगर सैय्यद ने ऐसा न किया होता तो हमला और घातक हो सकता था। उन्होंने अपनी जान गंवाकर हजारों लोगों की जान बचाई है।
हमेशा दूसरों के लिए सोचते थे सैय्यद
सैय्यद के दोस्तों का कहना है कि उन्होंने कभी अपनी जान की परवाह नहीं की। उन्होंने हमेशा दूसरों की जान की फिक्र रहती थी। सैय्यद के पिता भी पुलिस में थे और उनसे ही सैय्यद को देश की सेवा करने की प्रेरणा मिली। देश की सेवा करते-करते ही सैय्यद ने अपनी आखिरी सांसें लीं। काबुल में हुए इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है।
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