सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कैसे स्टूडेंट थे?
कुछ सप्ताह पहले सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या के मामले में तुर्की ने कहा कि क्राउन प्रिंस को जमाल की हत्या की जानकारी थी. हालांकि अमरीका क्राउन प्रिंस का बचाव करता दिखा था. अमरीका का कहना था कि हो सकता है कि क्राउन प्रिंस को इसकी जानकारी ना हो.
हाल में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी एक तस्वीर आई थी जिसमें दोनों हाई फाइव करते दिखाई दिए. इसे अमरीका से सऊदी अरब की बढ़ती दूरी और रूस से बढ़ती क़रीबी के तौर पर देखा जा रहा है.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हाल में कई बार विवादों में आए हैं. लेकिन क्राउन प्रिंस बनने से पहले उनके बारे में बाहरी दुनिया को कम ही जानकारी थी.
मोहम्मद बिन सलमान की ज़िंदगी कैसी है और सऊदी राजमहल कैसा होता है, बता रहे हैं बीबीसी अरबी संवाददाता राशिद सेक्काई. राशिद मोहम्मद बिन सलमान के शिक्षक रह चुके हैं.
ऐसे बना मैं क्राउन प्रिंस का टीचर
साल 1996 की बात है. मैं उस वक़्त जेद्दा के नामी अल-अंजल स्कूल में पढ़ाता था. प्रिंस सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद (क्राउन प्रिंस के पिता) उस वक़्त रियाद के गवर्नर थे और अपने परिवार के साथ लाल सागर के तट पर बसे जेद्दा शहर में रहने के लिए आए थे.
उन्हें अपने बच्चों के लिए एक अंग्रेज़ी टीचर की ज़रूरत थी.
प्रिंस सलमान बाद में देश के बादशाह बने.
टीचर के लिए प्रिंस सलमान ने उस स्कूल से संपर्क किया जहां मैं पढ़ाता था.
इसके बाद मुझे तुरंत ही राजमहल ले जाया गया और उनके परिवार में निजी टीचर के तौर पर नियुक्त किया गया. मेरी ज़िम्मेदारी थी प्रिंस टुर्की, प्रिंस नायफ़, प्रिंस ख़ालिद, और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को पढ़ाना.
मैं शहर में एक फ़्लैट में रहता था. मेरे लिए एक गाड़ी का इंतज़ाम किया गया था. सवेरे सात बजे एक ड्राइवर कार लेकर मेरे घर पहुंचता था और मुझे अल-अंजल स्कूल पहुंचाता था. इसके बाद वो स्कूल ख़त्म होने का इंतज़ार करता था और फिर मुझे लेकर राजमहल की ओर चल पड़ता था.
कार जिस गेट से होकर जाती थी वहां हथियारबंद जवानों की कड़ी सुरक्षा होती थी. इसके बाद कार जिस रास्त से गुज़रती थी वहां आलीशान बंगले होते जिन्हें देख कर ही आप अचंभे में पड़ जाएं. बंगलों के सामने बड़े-बड़े बगीचे थे जिसकी देखरेख सफ़ेद पोषाक पहने कर्मचारी करते थे.
कार पार्किंग में पहुंचती थी जहां पहले से ही कई चमचमाती लग्ज़री गाड़ियां खड़ी होती थीं. यहीं पहली बार मैंने एक गुलाबी रंग की कैडिलैक कार देखी थी.
राजमहल में पहुंचने पर राजमहल के निर्देशक मंसूर अल-शाहरी मेरा स्वागत करते. वो मुझे भीतर लेकर जाते. 11 साल के प्रिंस मोहम्मद उनके साथ खेलना पसंद करते थे.
वॉकी-टॉकी अधिक पसंद थी
मोहम्मद बिन सलमान को पढ़ाई से अधिक राजमहल के सुरक्षाकर्मियों में दिलचस्पी थी और वो उनके साथ वक़्त बिताना पसंद करते थे.
वो अपने सभी भाईयों में बड़े थे और अपने मन से काम करना अधिक पसंद करते थे.
मैं उनके छोटे भाईयों का ध्यान तभी तक बनाए रख सकता था बज तक मोहम्मद बिन सलमान वहां ना पहुंचें.
मुझे आज भी याद है कि उन्होंने राजमहल के एक सुरक्षाकर्मी से वॉकी-टॉकी लिया था और उसे लेकर क्लास में आए थे. वो इस वॉकी-टॉकी के ज़रिए मेरे बारे में टिप्पणी करते और अपने भाईयों और सुरक्षाकर्मियों को चुटकुले सुनाते.
आज 33 साल के मोहम्मद बिन सलमान देश के रक्षा मंत्री का पदभार संभाल चुके हैं और अब राजगद्दी के उत्तराधिकारी हैं.
सऊदी अरब के उत्तराधिकारी नियुक्त किए जाने के बाद से मोहम्मद बिन सलमान ने एक सुधारक के रुप में ख़ुद को पेश किया है जो देश को आधुनिक बनाना चाहते हैं. देश के रूढ़िवादी धार्मिक नेताओं ने उनका विरोध किया है लेकिन वो आर्थिक और समाजिक सुधारों को लेकर आगे बढ़े हैं.
उनकी कई कोशिशों को काफ़ी सराहा गया है लेकिन मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ा है. सऊदी अरब एक तरफ़ उनके नेतृत्व में जहां यमन के साथ युद्ध में फंसा हुआ है वहीं दूसरी ओर पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की मौत के बाद उन पर कई आरोप लगे हैं.
एक बार मैं उस वक़्त अचंभे में पड़ गया था जब मोहम्मद बिन सलमान ने मुझसे कहा कि उनकी मां प्रिंसेस ने उनसे कहा है कि "टीचर एक बेहतरीन इंसान हैं."
उनकी मां से मेरी कभी कोई मुलाक़ात नहीं हुई. सऊदी राज परिवार की महिलाएं अनजान लोगों के सामने नहीं आतीं. मेरी मुलाक़ात जिस महिला से होती थी वो राजकुमारों की आया थी जो फ़िलीपीन्स की रहने वाली थीं.
मुझे इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि मुझ पर नज़र रखी जा रही है. लेकिन फिर क्राउन प्रिंस ने एक दिन मुझे दीवार पर लगे कुछ सीसीटीवी कैमरे दिखाए.
उस दिन के बाद से मुझे लगता कि कोई झांक रहा है और मैं पढ़ाते वक़्त थोड़ा संभल जाता था.
लेकिन कुछ ही वक़्त में मोहम्मद बिन सलमान और उनके छोटे भाईयों से मेरी दोस्ती हो गई. ये बात सच है कि ये राजकुमार ऐशोआराम के बीच पढ़ाई कर रहा थे लेकिन वो मेरे दूसरे छात्रों जैसे ही थे, वो पढ़ना तो चाहते थे लेकिन खेलना उन्हें अधिक भाता था.
अनजाने में हुई ग़लती
एक दिन राजमहल के निर्देशक मंसूर अल-शाहरी ने मुझसे कहा कि भावी शाह (प्रिंस सलमान) मुझसे मिलना चाहते हैं और अपने बच्चों की पढ़ाई के बारे में बात करना चाहते हैं.
मैंने सोचा कि राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान की शैतानियों के बारे में बात करने का ये एक अच्छा मौक़ा है.
मैं प्रिंस सलमान के दफ़्तक के बाहर इंतज़ार कर रहा था जहां राजकुमारों के अन्य टीचर भी मौजूद थे. ऐसा लग रहा था कि उन्हें शाही दफ़्तर के नियमों के बारे में पूरी जानकारी थी.
जब प्रिंस सलमान कमरे में हमसे मिलने आए तो सभी टीचर एक साथ उठ खड़े हुए. मुझे ये देख कर आश्चर्य हुआ कि सभी एक के बाद एक प्रिंस सलमान के पास गए, उनके सामने सिर झुकाया, उनका हाथ ले कर चूमा और फिर जल्दी-जल्दी उनके बच्चों के बारे में बात कर के दूसरी तरफ़ खड़े हो गए.
जब मेरी बारी आई तो मैं झुक नहीं सका. मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी में कभी उस तरह झुक कर ऐसा कुछ नहीं किया था. मुझे जैसे सांप सूंघ गया था. मैंने प्रिंस सलमान का हथ थामा और हैंडशेक किया.
मुझे याद है कि उनके चेहरे पर आश्चर्यचकित होने के भाव थे. लेकिन उन्होंने मेरी इस ग़लती को मुद्दा नहीं बनाया.
मैंने मोहम्मद बिन सलमान के बारे में उनसे कुछ कहने का अपना फ़ैसला उसी वक़्त बदल दिया और तय किया कि मैं सारा काम छोड़ कर यूके चला जाउंगा.
इसके तुरंत बाद मंसूर अल-शाहरी ने मुझे राजमहल के नियमों के बारे में बताया.
प्रिंस ख़ालिद बाद में संयुक्त राष्ट्र के लिए सऊदी अरब के दूत बने. अन्य राजकुमार जिन्हें मैंने पढ़ाया था उन्होंने राजनीति से दूर रहने का फ़ैसला किया.
अब मैं अपने उस वक़्त को याद करता हूं तो देखता हूं कि छोटे बच्चे अब दुनिया के सामने बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हो गए हैं.
क्राउन प्रिंस का विवादों से नाता
मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलाज़ीज़ अल सऊद, सऊदी शाह सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद के बेटे हैं.
साल 2017 में शाह सलमान ने भतीजे मोहम्मद बिन नायफ़ को उत्तराधिकारी पद से हटाते हुए अपने पुत्र मोहम्मद बिन सलमान को अपना उत्तराधिकारी बना दिया था. उस वक़्त वो मात्र 31 साल के थे.
लेकिन मोहम्मद बिन सलमान साल 2016 में ही चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने सऊदी सल्तनत में सुधार का एजेंडा रखते हुए 'विज़न-2030' नाम का एक दस्तावेज़ जारी किया और उग्र सुधारक के रूप में अपनी छवि पेश की.
उन्होंने भ्रष्टाचार रोधी कमेटी बनाई जिसे बेशुमार अधिकार दिए गए. इसके चेयरमैन ख़ुद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बने. भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के तहत कई आला अधिकारियों को हिरासत में लिया गया जिनमें से कई राज परिवार से ही थे. कई मंत्रियों और शीर्ष व्यवसायियों को भी गिरफ़्तार किया गया.
कुछ सप्ताह पहले सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या के मामले में तुर्की ने कहा कि क्राउन प्रिंस को जमाल की हत्या की जानकारी थी. हालांकि अमरीका क्राउन प्रिंस का बचाव करता दिखा था. अमरीका का कहना था कि हो सकता है कि क्राउन प्रिंस को इसकी जानकारी ना हो.
हाल में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी एक तस्वीर आई थी जिसमें दोनों हाई फाइव करते दिखाई दिए. इसे अमरीका से सऊदी अरब की बढ़ती दूरी और रूस से बढ़ती क़रीबी के तौर पर देखा जा रहा है.