घायल रूसी सैनिकों की पत्नियों ने पुतिन को दी धमकी, कहा- हमारा पति हमें सौंप दो, वर्ना उठाना पड़ेगा ये कदम
रूसी सैनिकों को युद्ध में अपनी जान गंवानी पड़ी है वहीं कई जवान घायल हो चुके हैं। बड़ी संख्या में सैनिकों के हताहत होने का असर जवानों की पत्नियों पर भी पड़ा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के अब कुछ ही दिनों में 9 महीने पूरे हो जाएंगे। शुरुआती वक्त में बढ़त बनाने के बाद अब रूस इस जंग में पिछड़ने लगा है। कई रूसी सैनिकों को युद्ध में अपनी जान गंवानी पड़ी है वहीं कई जवान घायल हो चुके हैं। बड़ी संख्या में सैनिकों के हताहत होने का असर जवानों की पत्नियों पर भी पड़ा है। यूक्रेन में फंसे कई रूसी सैनिकों की पत्नियों ने अपने पति की सकुशल वापसी को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी है।
सैनिकों की पत्नियों ने दी चेतावनी
बुधवार को बेलगोरोड के सीमावर्ती शहर वालुकि में रूसी सैनिकों की नाराज पत्नियों का एक समूह इकठ्ठा हुआ। उन्होंने अपने पतियों के ठिकाने के बारे में अधिक जानकारी की मांग की। एक फुटेज में यह साफ दिख रहा है कि अपने पति के स्वास्थ्य को लेकर परेशान रूसी महिलाएं, रूसी अधिकारियों से अपने पतियों को तुरंत घर वापस लाने के कह रही हैं। वह कह रही हैं कि यदि अधिकारी इससे इंकार करते हैं वे खुद मोर्चे पर चली जाएंगी और पतियों को लेकर वापस आएंगी।
पतियों की सलामती को लेकर महिलाएं चिंतित
महिलाओं में से एक ने मोबिलाइजेशन न्यूज के टेलीग्राम अकाउंट पर पोस्ट किए गए वीडियो में कहा, "मैं उन्हें इस युद्ध से अलग करने के लिए तैयार हूं। उन्हें कुछ करना होगा, उन्हें कुछ निर्णय लेना होगा, उन्हें उन्हें वहां से बाहर निकालना होगा। हम चाहते हैं कि उन्हें वहां से ले जाया जाए, क्योंकि वहां बहुत से लोग घायल हैं।"
यूक्रेनी तोपखाने की चपेट में आए रूसी सैनिक
जानकारी के मुताबिक क्रास्नोरीचेंस्के गांव में यूनिट 11097 के कई रूसी सैनिक भारी तोपखाने के हमले से आग की चपेट में आ गए थे। द इनसाइडर के अनुसार, रूसी सैनिकों की पत्नियां दावा कर रही हैं कि भारी तोपखाने के हमले में बचे लगभग 160 बचे लोग क्रास्नोरिचेंस्के से वालुयकी की ओर वापस जा रहे हैं। इन दो इलाकों के बीच की दूरी लगभग 150 किमी है। हमले में सकुशल बच गए सैनिक घायल सैनिकों को अपनी पीठ पर ले जा रहे हैं।
रूसी सैनिक ने बताया आंखों देखा हाल
रूसी सैनिक अलेक्सी अगाफोनोव जो कि कथित तौर पर इस यूनिट में शामिल है ने द गार्जियन को बताया कि वे 1 नवंबर को लुहान्स्क क्षेत्र में पहुंचे थे। जहां उन्हें रात भर खाइयां खोदने के लिए कहा गया था। सैनिक ने कहा कि अगली सुबह उसने यूक्रेनी ड्रोन को तोपखाने के उपर घंटों उड़ान भरते और बमबारी करते हुए देखा। अलेक्सी ने कहा कि उसने अपनी आंखों से कई सैनिकों को मरते और अपनी यूनिट को नष्ट होते हुए देखा।
पुतिन ने अयोग्य सैनिकों की भर्ती की
गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 3 लाख रूसी सैनिकों की लामबंदी का आदेश दिया था। इसके बाद महज 2 सप्ताह में 3 लाख सैनिकों की भर्ती के लक्ष्य तक पूरी कर लिया गया। द गार्जियन ने एक सैनिक के हवाले से लिखा है कि महज दो सप्ताह का प्रशिक्षण हासिल किए सैनिक कहीं से भी जंग के लिए तैयार नहीं हो पाए हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने नए रंगरूटों को बहुत जल्दी और पर्याप्त प्रशिक्षण के बिना जलती आग में झोंक दिया है। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब तक लगभग 80 हजार रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं।