'अपना हाथ कैसे तोड़ें', पुतिन के ऐलान के बाद रूस में मची भगदड़, Google पर सबसे ज्यादा सर्च कर रहे लोग
मेट्रो की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, जिन रूसियों को अतिरिक्त सैनिकों के रूप में भेजा गया है, या फिर जिन्हें भेजा जाना है, उन्हें सिर्फ 4 घंटे का ही वक्त दिया जा रहा है।
मॉस्को, सितंबर 23: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 'लामबंदी' के ऐलान के बाद रूस में भगदड़ मच गई और रूस के आम नागरिक अपना हाथ तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उन्हें यूक्रेन युद्ध में लड़ने नहीं भेजा जाए। रूस के आम नागरिक गुगल पर सबसे ज्यादा यही सर्च कर रहे हैं, कि 'घर में अपना हाथ कैसे तोड़ें।' वहीं, यूक्रेन में 3 लाख और सैनिकों को भेजने के ऐलान के बाद रूसी राष्ट्रपति का अपने ही घर में भारी विरोध शुरू हो गया है और कई रूसी नागरिक देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं।
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'अपना हाथ कैसे तोड़ें'
राष्ट्रपति पुतिन ने दो दिन पहले ऐलान किया था, कि यूक्रेन में रूसी कब्जे वाले इलाकों की रक्षा और सुरक्षा के लिए 3 लाख सैनिकों को भेजा जाएगा और पुतिन ने इसके लिए लामबंदी की घोषणा की है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार रूस की तरफ से ऐसी घोषणा की गई है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस घोषणा के बाद रूसियों ने देश से एकतरफा हवाई जहाज के टिकट भी खरीदे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति पुतिन और सैन्य अधिकारियों ने एक संबोधन में कहा कि, हाल के यूक्रेन के पलटवारों के बीच यूक्रेन में महत्वपूर्ण जमीन खो देने के बाद पुतिन ने जीते हुए क्षेत्रों को अलग करने की भी बात कही है। पुतिन के आदेश के बाद रिटायर्ड सैनिकों को यूक्रेन भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के लोग 'how to leave russia' और 'how o break arm in home' जैसे सवाल सबसे ज्यादा सर्च कर रहे हैं। ताकि, हाथ तोड़कर यूक्रेन जाने से बचा जाए।
'सिर्फ 4 घंटे की नोटिस'
राष्ट्रपति पुतिन ने अब पश्चिमी देशों को परमाणु युद्ध की भी चेतावनी दे दी है। वहीं, मेट्रो की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, जिन रूसियों को अतिरिक्त सैनिकों के रूप में भेजा गया है, या फिर जिन्हें भेजा जाना है, उन्हें सिर्फ 4 घंटे का ही वक्त दिया जा रहा है और उन्हें 4 घंटे के अंदर सैन्य हेडक्वर्टर में रिपोर्ट करने के लिए कहा जा रहा है। पुतिन के इस आदेश के बाद रूस के लोग देश छोड़कर भागने लगे हैं और पड़ोसी देश फिनलैंड, जॉर्जिया और मंगोलिया की सीमाओं पर भागने वाले रूसियों की लंबी लाइनें देखी जा रही हैं और 10 हजार से ज्यादा रूसी नौजवान देश छोड़ने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं। वहीं, कई रूसी फ्लाइट से भी भागने की कोशिश कर रहे हैं और कुछ ऐसे लकी लोग हैं, जिन्हें फ्लाइट की टिकट भी मिल गई है, लेकिन अब रूसी अधिकारियों ने लोगों के देश से बाहर निकलने की छंटनी शुरू कर दी है। वहीं, हजारों ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति के फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है और सड़कों पर उतर आए हैं। बताया जा रहा है, कि पूरे रूस के लोगों में भगदड़ मच गई है और हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
फ्लाइट का किराया काफी ज्यादा बढ़ा
वहीं, मेट्रो की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस से बाहर निकलने वाले लोगों की अत्यधिक संख्या के चलते मॉस्को से निकलने वाली तमाम उड़ाने हाउसफुल हैं और फ्लाइट की टिकट लोगों को नहीं मिल रही है। वहीं, अत्यधिक बुकिंग के चलते फ्लाइट टिकटों के दाम भी काफी ज्यादा हैं और निकटतम विदेशी स्थानों के लिए एकतरफा टिकट के लिए 5 हजार डॉलर से ज्यादा लोगों को खर्च करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया समूह रूस से बाहर निकलने के बारे में सलाह के साथ पॉप अप हुए हैं, जबकि रूसी में एक समाचार साइट ने "रूस से अभी कहां भागना है" की एक लिस्ट जारी की है। वहीं, जॉर्जिया के साथ सीमा क्रॉसिंग पर लंबी लाइनें देखी जा रही हैं, जिसकी जानकारी समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दी है। Google पर, कई लोगों ने "घर पर एक हाथ कैसे तोड़ें" सर्च कर रहे हैं, वहीं अब एयरलाइंस 18 से 65 वर्ष की आयु के लोगों को टिकट देने से इनकार करना शुरू कर दिया है।
पुतिन को झटके पर झटका
एक तरह यूक्रेन में लगातार मिल रही हार और अब घर के अंदर भारी प्रदर्शन ने राष्ट्रपति पुतिन के लिए काफी परेशानी बढ़ा दी है। वहीं, पश्चिमी सैन्य विश्लेषकों ने लंबे समय से कहा है कि. रूस भारी नुकसान के कारण यूक्रेन के युद्ध के मैदान में गंभीर जनशक्ति की कमी का सामना कर रहा है, जबकि रूसी राष्ट्रवादी महीनों से किसी तरह की लामबंदी का आह्वान कर रहे हैं, ताकि युद्ध में रूस अपने ज्यादा से ज्यादा सैनिकों को भेज सके। रूस के अंदर युद्ध समर्थक लगातार उत्तेजक टिप्पणियां कर रहे हैं। वहीं, रूसी आक्रमण से दो दिन पहले यूक्रेन ने अपने देश में मार्शल कानून लागू करते हुए लामबंदी की घोषणा की थी, जिसने 18-60 आयु वर्ग के पुरुषों को देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं, 24 फरवरी को रूसी आक्रमण के बाद से यूक्रेन में 3 बार और लामबंदी की घोषणा की गई है।
आधिकारिक युद्ध का पुतिन करेंगे ऐलान?
रूस ने अभी तक यूक्रेन में अपने आक्रमण को युद्ध नहीं कहा है, बल्कि रूस का कहना है, कि वो यूक्रेन में सैन्य अभियान चला रहा है, क्योंकि यूक्रेन से दो स्वतंत्र राज्य लोहान्स्क और डोनाट्स्क ने रूस से सैन्य मदद मांगी थी। लेकिन, अगर रूसी राष्ट्रपति ने युद्ध के 6 महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद अपने सैनिकों को लामबंदी के आदेश दिए हैं, तो इसका मतलब ये हुआ, कि वो अब युद्ध की आधिकारिक घोषणा भी कर सकते हैं। राष्ट्रपति पुतिन के इस आदेश का मतलब ये हुआ, कि अब रूसी नागरिकों को युद्ध के लिए ज्यादा योगदान देना होगा और पुतिन ने इसे रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों का प्रॉक्सी युद्ध करार दिया है, जिसका मतलब ये हुआ, कि उन्होंने देश की जनता को बताया है, कि पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ आर्थिक युद्ध शुरू कर दिया है। लेकिन, पुतिन की इस घोषणा का देश के बड़े हिस्से में विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है और लोगों का कहना है, कि रूस को फौरन युद्ध खत्म करना चाहिए।
जनमत संग्रह करवाएंगे पुतिन
वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते के अंत तक डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया में जनमत संग्रह कराया जाएगा और वोटिंग के दौरान रूस में शामिल होने के पक्ष में व्यापक रूप से धांधली होने की उम्मीद है, हालांकि, क्रेमलिन का दावा है, कि वोटिंग के दौरान किसी भी तरह की कोई धांधली नहीं की जाएगी। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है, कि क्रेमलिन का ये दावा झूठा है और बंदूक हाथ में लेकर कोई जनमत संग्रह नहीं होता है। वहीं, जनमत संग्रह की निंदा पश्चिमी देशों की भी तरफ से की गई है और अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ साथ यूक्रेन ने भी कहा है, कि मतपत्रों के जरिए यूक्रेन को विभाजित करने की अनुमित कभी नहीं दी जाएगी और वो इस जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देंगे। इससे पहले रूस साल 2014 में क्रीमिया पर भी हमला करने के बाद जनमत संग्रह करा चुका है और क्रीमिया को यूक्रेन से छीनकर रूस का हिस्सा बना चुका है।