व्लादीमिर पुतिन ने पाकिस्तान को किया किनारे, कश्मीर पर भारत के रुख का समर्थन
सेंट पीटर्सबर्ग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की गुरुवार को सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात हुई। मोदी और पुतिन की मुलाकात कई मायनों में खास रही क्योंकि भारत और रूस के बीच परमाणु डील आखिरकार साइन हुई। वहीं यह मुलाकात इसलिए भी और अहम हो गई क्योंकि पुतिन ने पाकिस्तान पर जो कुछ भी कहा, उससे पाक की नींद उड़ाना लाजिमी है।
चिंताओं को किया खारिज
पिछले वर्ष जब से रूस और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच कुछ ज्वाइंट मिलिट्री ड्रिल्स हुईं और इन ड्रिल्स की वजह से दुनिया के कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने दोनों देशों के रिश्तों पर चिंता जाहिर की थी। गुरुवार को पुतिन ने इन सभी आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया। पुतिन ने पीटीआई को एक खास इंटरव्यू दिया और यह इंटरव्यू पीएम मोदी के साथ होने वाली मुलाकात से कुछ मिनट पहले हुआ था।
पाकिस्तान के कोई रक्षा संबंध नहीं
पुतिन ने इंटरव्यू में कहा कि रूस के पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह के कोई रक्षा संबंध नहीं हैं और जो एक्सरसाइज हुई वह भी बाकी मिलिट्री डिल्स की ही तरह थी। पुतिन ने यह भी कहा कि दुनिया का कोई भी देश रूस के साथ उतनी गहराई से नहीं जुड़ा है जितनी गहराई से भारत जुड़ा है। साथ ही भारत और रूस कई अहम क्षेत्रों जैसे मिलिट्री और न्यूक्लियर मिसाइल टेक्नोलॉजी में काफी गहरे जुड़ हैं।
भारत के साथ रिश्ते अहम
पुतिन ने कहा कि रूस और भारत के रिश्तों पर पाकिस्तान के साथ रिश्तों का कोई असर नहीं पड़ेगा। पुतिन ने भारत के साथ सर्वश्रेष्ठ डिफेंस टेक्नोलॉजी को शेयर करने की इच्छा भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच रिश्ता भरोसे का रिश्ता है और यह काफी वर्षों से कायम है।
कश्मीर में भारत की कार्रवाई का समर्थन
पुतिन से इंटरव्यू के दौरान कश्मीर और यहां पर आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान के रोल पर भी सवाल किया गया। पुतिन ने कहा कि रूस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के हर कदम का समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि भारत, रूस का काफी करीबी दोस्त है और वह न सिर्फ भारत की समस्याओं को समझते हैं बल्कि भारत का समर्थन भी करते हैं।
भारत और रूस की सुपर रोड
भारत और रूस इस समय एक सुपर रोड पर काम कर रहे हैं और इस सुपर रोड के जरिए भारत और रूस, मध्य यूरोप के साथ जुड़ेंगे। साथ ही इस रोड के जरिए दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा। इस सुपर रोड को चीन और पाकिस्तान के बीच ओबीओआर या वन बेल्ड वन रोड का जवाब माना जा रहा है।