करारी हार के बाद बौखलाए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, रूस ने यूक्रेनी सेना पर भीषण हमला शुरू किया
युद्ध के मैदान से आने वाली रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन ने पिछले चार दिनों में करीब 3 दर्जन कस्बों और गांवों को रूसी सेना से आजाद करवा लिया है, जिसके बाद पुतिन की घर में काफी आलोचना हो रही थी।
मॉस्को, सितंबर 13: पिछले एक हफ्ते में मिली करारी हार के बाद ऐसा लग रहा है, कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बौखला गये हैं और ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के फ्रंट लाइन फोर्स पर भीषण हमला शुरू कर दिया है। माना जा रहा है, कि पिछले एक हफ्ते में यूक्रेन की सेना ने जो प्रगति की है, उसके बाद रूस तिलमिलाया हुआ है और भीषण हमला करने पर उतारू हो गया है।
यूक्रेन में फिर से भीषण हमले
रूसी रक्षा मंत्रालय ने संघर्ष पर अपने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि, "हवाई, रॉकेट और तोपखानों के जरिए सभी दिशाओं से एक साथ यूक्रेनी सशस्त्र बलों की इकाइयों पर बड़े पैमाने पर हमले कर रहे हैं।" आपको बता दें कि, मार्च महीने में राजधानी कीव की घेराबंदी खत्म करने के बाद पिछले एक हफ्ते में पूर्वी यूक्रेन में रूस को भारी नुकसान हुआ है। खासकर पिछले चार दिनों में यूक्रेन ने युद्ध में जबरदस्त वापसी की है और पूर्वी खार्किव में यूक्रेनी सेना की जवाबी कार्रवाई काफी ज्यादा घातक है, जिसकी वजह से कई अहम क्षेत्रों से रूसी सैनिकों के पैर उखड़ने लगे हैं। सिर्फ पिछले चार दिनों में यूक्रेनी सैनिकों ने रूस की पिछले चार महीनों की कामयाबी को बहुत हद तक बर्बाद कर दिया है।
युद्ध में वापसी कर रहा यूक्रेन
युद्ध के मैदान से आने वाली रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन ने पिछले चार दिनों में करीब 3 दर्जन कस्बों और गांवों को रूसी सेना से आजाद करवा लिया है और यूक्रेनी राष्ट्रपति ने दावा किया है, कि यूक्रेनी सेना ने 6 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को रूसी सैनिकों से वापस छीन लिया है। जर्मनी के ब्रेमेन विश्वविद्यालय के एक रूसी विशेषज्ञ निकोले मित्रोखिन ने अल जजीरा को बताया कि,"चार दिनों के भीतर, यूक्रेन ने रूसी सेना की चार महीने की सफलता को नेस्तनाबूत कर दिया है, और इस दौरान रूस को युद्ध की भारी कीमत चुकानी पड़ी है।" लेकिन, जिस रफ्तार और सहजता के साथ यूक्रेन ने रूसी सीमा के पश्चिम में और रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्र "लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक" के उत्तर में स्थित क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल करना शुरू किया है, वह सवाल उठा रहा है।
पुतिन की देश में ही आलोचना
कई क्षेत्रों में मिली हार के बाद राष्ट्रपति पुतिन की घर में ही काफी आलोचना हो रही है और दो अहम क्षेत्रों को खाली करने के फैसले को लेकर राजनीतिक विश्लेषक निकोले मित्रोखिन ने कहा कि, 'शायद ये रूस के रक्षा मंत्रालय ने ये फैसला लिया है और ये फैसला काफी ऊपर से आया है। इस फैसले में कहा गया है कि, खार्किव से रूसी सेना को पूरी तरह से निकाल लिया जाए और उन्हें पूरी तरह से एकजुट कर पूर्वी यूक्रेन के दो अहम क्षेत्र लुहान्स्क और डोनेत्स्क में तैनात कर दिया जाए।' रूस की ये रणनीति अप्रैल महीने में राजधानी कीव की घेराबंदी खत्म करने की तरह है, जिसमें रूस ने कहा था, कि अब उसका ध्यान पूर्वी यूक्रेन की तरफ है, लेकिन यूक्रेन के विश्लेषकों ने कहा था, रूस ने युद्ध को लेकर गलत गणित लगाया, जिसमें रूस के भारी सैन्य उपकरणों का नुकसान हुआ। हालांकि, कुछ रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि, फिलहाल जो रूसी सेना पीछे हट रही है, उसके पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है, कि रूसी सैनिकों को काफी खराब ट्रेनिंग मिली हुई थी और अब उन्हें लुहान्स्क और डोनेत्स्क में पिछली पंक्ति में तैनात किया जा रहा है।
यूक्रेन युद्ध के बीच अगर अचानक राष्ट्रपति पुतिन की मौत हो जाए तो क्या होगा?