रूस का यूरान-9, दिखेगा नहीं लेकिन करेगा दुश्मन का सफाया
मॉस्को। रूस ने जब पिछले वर्ष सीरिया में आईएसआईएस पर हमले शुरू किए थे तो विशेषज्ञों ने माना था कि रूस की सेनाएं, अमेरिकी सेनाओं की तुलना में कहीं ज्यादा आगे हैं। अब रूस ने ड्रोन टैंक तैयार कर एक बार फिर दुनिया के बाकी देशों को रक्षा तकनीक में चुनौती दी है।
पढ़ें-जानिए रूस के पास मौजूद पांच सबसे खतरनाक हथियार
इस वर्ष के अंत में बने सेना का हिस्सा
यूरान-9 यह नाम है उस ड्रोन का जो इस वर्ष के अंत तक रूस की सेना का हिस्सा बनेगा। इस ड्रोन ट्रैंक के साथ ही रूस एक बार फिर से युद्धक्षेत्र में आविष्कारों के मामले में अमेरिका से आगे निकल गया है।
यह ड्रोन टैंक बीएमपी-3 इंफ्रेंट्री फाइटर व्हीकल यानी आईएफवी पर आधारित है। रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहन है कि एक बार फिर रूस ने साबित कर दिया है कि उसके पास मौजूद सीक्रेट वेपेंस आने वाले समय में गेम चेंजर साबित होने वाले हैं।
पढ़ें-भारत और फ्रांस में हुई रफाल जेट डील के बारे में खास बातें
खुद तय करेगा अपना टारगेट
रूस के इंपल्स-2 साइंटिफिक एंड टेक्निकल सेंटर के डिप्टी सीईओ दमित्री बोगदानोव कहते हैं कि रोबोटिक सिस्टम होने की वजह से या तो इसे कोई ऑपरेटर कंट्रोल करेगा या फिर यह अपने कामों को खुद ही पूरा करेगा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यह बिना किसी इंसानी नियंत्रण के अपना टारगेट या फिर डेस्टिनेशन खुद तय कर सकता है। साथ ही यह अपनी बाधाओं को भी खुद ही दूर कर सकता है।
सऊदी अरब की धमकी, हम पर हमला किया तो किसी को नहीं छोड़ेंगे
क्या है खासियतें
यूरान-9
14.7
टन
का
कॉम्बेट
सिस्टम
है।
10
फिट
ऊंचाई
वाला
यह
ड्रोन
टैंक
किसी
रोबोट
जैसा
नजर
आता
है।
यह
जमीन
पर
दुश्मनों
को
ऑटोमैटिक
सिस्टम
से
टारगेट
करता
है।
इसके
पास
हवा
में
हमले
करने
भी
क्षमता
है।
60
किमी
प्रति
घंटे
या
37
मील
प्रति
घंटे
की
रफ्तार
से
जमीन
पर
चल
सकता
है।
साथ
ही
गहरे
पानी
में
भी
अपने
दुश्मनों
पर
हमला
कर
सकता
है।
इसे
300एमएम
ऑटोमैटिक
कैनन
2ए72
से
लैस
किया
गया
है।
2000
राउंड
फायर
कर
सकने
वाली
कोआक्सियल
मशीन
गन
फिट
हैं।
यूरान-9
में
छह
एंटी-टैंक
गाइडेड
मिसाइलों
को
भी
इंस्टॉल
किया
गया
है।
प्रदर्शन के दौरान दिखाई ताकत
रूस ने हाल ही में आर्मी 2016 के मिलिट्री टेक्निकल फोरम में विख्र को प्रदर्शन किया था। रूस के रोसोबोरोनेक्सपोर्ट ने यूरान-9 को प्रदर्शित किया था। उस समय इसमें 30 मिलीमीटर की कैनन फिट थी जो कि एक मिनट में 350 से 400 गोलियां फायर कर सकती थी।