रिमोट वर्क वीज़ा: यूएई में बैठकर दूसरे देशों के लिए कर सकते हैं काम
रिमोट वर्क वीज़ा के तहत किसी भी देश के नागरिक यूएई में रहते हुए दुनिया की किसी भी कंपनी के लिए वहीं से काम कर सकते हैं.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने रविवार को कामगारों के लिए दो नए वीज़ा का एलान किया है.
इन दोनों में से एक 'रिमोट वर्क वीज़ा' है जबकि दूसरा 'मल्टिपल एंट्री टूरिस्ट वीज़ा' है.
यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री और देश के सात अमीरातों से एक दुबई के शासक शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल-मख़्तूम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया.
बैठक के बाद शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल-मख़्तूम ने इस बाबत ट्विटर पर एक ट्वीट किया.
उन्होंने लिखा, "मेरी अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में हमने एक नए रिमोट वर्क वीज़ा को मंज़ूरी दी है. इसके तहत पूरी दुनिया के कामगार यूएई में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं, भले ही उनकी कंपनी किसी दूसरे देश में हो."
During a cabinet meeting I chaired, we approved a new Remote work Visa that enables employees from all over the world to live and work remotely from the UAE even if their companies are based in another country.. pic.twitter.com/Hyp8HU8T6r
— HH Sheikh Mohammed (@HHShkMohd) March 21, 2021
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "हमने यूएई को दुनिया की आर्थिक राजधानी बनाने की कोशिश को मज़बूत करने के लिए सभी देशों के नागरिकों के लिए मल्टिपल एंट्री टूरिस्ट वीज़ा को मंज़ूरी दी है."
We also approved a multiple entry tourist visa for all nationalities to strengthen the UAE’s status as a global economic capital. pic.twitter.com/gkQU6mFbS5
— HH Sheikh Mohammed (@HHShkMohd) March 21, 2021
'कफ़ाला' के लिए काफ़ी अहम
कामगारों को कंपनियों के साथ बांधने वाले स्पॉन्सरशिप प्रथा 'कफ़ाला' को बदलने की कोशिशों के बीच यूएई के इस फ़ैसले को काफ़ी अहम माना जा रहा है.
50 के दशक में शुरू हुए कफ़ाला प्रथा के तहत कामगारों को खाड़ी के देशों में प्रवेश और प्रस्थान उस कंपनी (जिसके तहत उनका क़रार होता) की अनुमति के बिना संभव नहीं था. बिना कंपनी की अनुमति के नौकरी बदलना भी संभव नहीं था.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) सहित श्रमिकों के लिए काम करने वाली तमाम संस्थाएं इस प्रथा को श्रमिक विरोधी बता विरोध करती रही हैं.
2009 से यूएई सहित कई देशों ने भेदभाव वाले इस कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम को बदलना शुरू कर दिया. उस समय यूएई ने श्रमिकों को उनकी मज़दूरी की सुरक्षा के लिए कई क़दम उठाए थे. और अब यूएई के इस फ़ैसले को इसी दिशा की अहम कड़ी बताया जा रहा है.
इन दोनों तरह के वीज़ा की ख़ूबियॉं
रिमोट वर्क वीज़ा के तहत किसी भी देश के नागरिक यूएई में रहते हुए दुनिया की किसी भी कंपनी के लिए वहीं से काम कर सकते हैं. यह वीज़ा एक साल के लिए वैध होगा. रहने और काम करने की शर्तों को वीज़ा जारी करने के समय साफ़ कर दिया जाएगा.
इस योजना का मक़सद सार्वजनिक और निजी सेक्टर की मदद करना है. साथ ही श्रमिकों की डिजिटल कुशलता का उपयोग करते हुए बदलते वैश्विक हालातों का लाभ उठाना है.
रविवार की बैठक में सभी देशों के नागरिकों के लिए मल्टिपल एंट्री टूरिस्ट वीज़ा को भी मंज़ूरी दी गई है. पॉंच साल तक वैध रहने वाले इस वीज़ा के तहत आगंतुकों को किसी कंपनी की बजाय ख़ुद की स्पॉन्सरशिप पर देश में आने की अनुमति दी गई है. हर बार प्रवेश करने पर आगंतुक अधिकतम 90 दिन तक देश में रह सकते हैं.
हालांकि इसे 90 दिन तक बढ़ाया भी जा सकता है. वहीं पॉंच साल की वैधता अवधि के दौरान यात्री जब चाहे तब कितनी भी बार आ-जा सकते हैं.
कैबिनेट के दूसरे अहम फैसले
यूएई की कैबिनेट ने रविवार को वीज़ा पर फैसला लेने के अलावा परिवहन, उद्योग और निर्माण क्षेत्रों में 40 फीसदी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए भी कुछ फैसले लिए हैं.
इसके तहत हाइड्रोजन ईंधन चालित वाहनों के लिए राष्ट्रीय प्रणाली और राष्ट्रीय जल और ऊर्जा मांग प्रबंधन कार्यक्रम को मंज़ूरी दे दी है.
कैबिनेट ने इसके अलावा यूएई लंदन स्थित यूरोपियन बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (ईबीआरडी) और ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) में शामिल होने का फैसला लिया है.