दूसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा पर मालदीव पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी
माले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरी कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा के तहत शनिवार को मालदीव की राजधानी माले पहुंचे। यहां मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने उनकी अगवानी की।मालदीव पहुंचने के बाद पीएम मोदी का वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए भव्य स्वागत किया गया। माले के रिपब्लिक स्क्वायर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह भी मौजूद रहे।
वहीं मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशान इज्जुद्दीन देने का ऐलान किया है। इसके आलावा वे मालदीव की संसद को भी संबोधित करेंगे। दूसरी बार देश की सत्ता संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा पर मालदीव पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी की इस यात्रा को भारत के पड़ोसी देशों के महत्व और 'पड़ोसी पहले' (नेबरहुड फर्स्ट) की नीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत की SAGAR (सिक्यॉरिटी ऐंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) डॉक्ट्रीन का पता चलता है। इस फैसले से साफ है कि मालदीव भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला पड़ोसी बना रहेगा। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश नीति में मालदीव अहम रहेगा।
पीएम मोदी की यात्रा के दौरान मालदीव के विकास और उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इन समझौतों में मालदीव के विकास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देना, जल परियोजनाओं को कर्ज मुहैया कराना जैसे कई अहम समझौते शामिल हैं। पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति संयुक्त रूप से दो रक्षा संबंधी परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इसमें तटीय निगरानी रेडार सिस्टम और मालदीव के सुरक्षा बलों के लिए संयुक्त अभ्यास केंद्र का उद्घाटन शामिल है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव की अपनी यात्रा के दौरान वहां की संसद को संबोधित करेंगे। मालदीव की संसद 'पीपुल्स मजलिस' ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर मोदी को सदन को संबोधित करने की अनुमति दी है। गौरतलब है कि, पहले कार्यकाल में पीएम मोदी ने 10 देशों की संसद को संबोधित किया था। पीएम मोदी ने भूटान की संसद के संयुक्त सत्र , नेपाल की संसद, ऑस्ट्रेलिया की संसद , फिजी की संसद को, मॉरीशस की नैशनल असेंबली को , श्रीलंका की संसद को, मंगोलिया की संसद को , अफगानिस्तान की पार्लियामेंट को,अमेरिकी कांग्रेस को और युगांडा की संसद को संबोधित किया था।