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भारत के मुस्लिम आज भी पैदा करते हैं सबसे ज्यादा बच्चे, आजादी के बाद हिंदुओं की आबादी घटी- रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी धर्म के लोगों की प्रजनन दर में कमी दर्ज की गई है और उसी अनुपात में देश की आबादी भी घटी है।

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वॉशिंगटन, सितंबर 22: भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग काफी लंबे वक्त से चल रही है और इस कानून को लेकर विवाद भी काफी ज्यादा हो रहे हैं। लेकिन, इन सबके बीच वैश्विक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि भारत का मुस्लिम समुदाय आज भी सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करता है। अमेरिकी थिंक टैंक पीउ रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। पीउ रिसर्च में हालांकि, कई चौंकाने वाले दावे किए गये हैं और सबसे चौंकाने वाला दावा ये है कि भारत में हर धर्म के लोगों की प्रजनन क्षमता में कमी आई है।

मुसलमानों का प्रजनन दर सबसे ज्यादा

मुसलमानों का प्रजनन दर सबसे ज्यादा

मंगलवार को पीउ रिसर्च द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कहा कि भारत में मुसलमानों की प्रजनन दर अभी भी प्रमुख धार्मिक समूहों में सबसे अधिक है, इसके बाद हिंदू हैं, जबकि जैनियों की प्रजनन दर सबसे कम है। यानि, भारत में मुस्लिम समुदाय अभी भी सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करता है, उसके बाद हिंदुओं का स्थान है और सबसे कम बच्चा पैदा करने वालों में जैन हैं। हालांकि. भारत की धार्मिक संरचना पर प्रकाशित नई रिपोर्ट में, प्यू रिसर्च सेंटर ने कहा कि भारतीय मुसलमानों में कुल प्रजनन दर में नाटकीय रूप से गिरावट आई है। 1992 में प्रति महिला 4.4 बच्चे से 2015 में 2.6 बच्चे हो गए हैं।

सभी धर्मों में प्रजनन दर में कमी

सभी धर्मों में प्रजनन दर में कमी

पीउ रिसर्च ने कहा है कि, "भारत के हर धार्मिक समूह ने अपनी प्रजनन क्षमता में गिरावट देखी है, जिसमें बहुसंख्यक हिंदू आबादी और मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन अल्पसंख्यक समूह शामिल हैं।" रिपोर्ट में कहा गया है कि, ''मुसलमानों में अभी भी भारत के प्रमुख धार्मिक समूहों में सबसे अधिक प्रजनन दर है, इसके बाद हिंदुओं में 2.1 है। जैनियों की प्रजनन दर सबसे कम 1.2 है। सामान्य पैटर्न काफी हद तक वैसा ही है जैसा 1992 में था, जब मुसलमानों की प्रजनन दर 4.4 थी, उसके बाद हिंदुओं में 3.3 थी। लेकिन भारत के धार्मिक समूहों के बीच बच्चे पैदा करने के अंतर में कमी दर्ज की गई है।

बच्चा पैदा करने में अंतर

बच्चा पैदा करने में अंतर

पीउ रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि, 1992 में मुस्लिम महिलाओं के हिंदू महिलाओं की तुलना में औसतन 1.1 ज्यादा बच्चे होने की उम्मीद थी, लेकिन, 2015 तक यह अंतर कम होकर 0.5 हो गया था। रिपोर्ट को देखने के बाद सवाल उठता है कि, भारत की धार्मिक संरचना के लिए इन प्रवृत्तियों का क्या अर्थ है? जवाब ये है कि, प्रजनन अंतर के कारण भारत की मुस्लिम आबादी अन्य धार्मिक समूहों की तुलना में कुछ तेजी से बढ़ी है। लेकिन प्रजनन पैटर्न में गिरावट की वजह से 1951 के बाद से जनसंख्या को देखा जाए, तो धार्मिक आधार पर मामूली बदलाव हुए हैं।

आजादी के बाद तेजी से बढ़ी मुस्लिम आबादी

आजादी के बाद तेजी से बढ़ी मुस्लिम आबादी

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बड़े धार्मिक समूहो में मुस्लिम समुदाय अभी भी सबसे ज्यादा बच्चे पैदा किए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 की जनसंख्या के मुताबिक, भाकत की कुल 1.2 अरब की जनसंख्या में 79.8 प्रतिशत हिंदुओं की आबादी है। जबकि, जबकि, 1951 की जनसंख्या के मुताबिक, हिंदुओं की आबादी 84.1 प्रतिशत थी। यानि, भारत में हिंदुओं की आबादी में 4.3 प्रतिशत की कमी आ गई है। इस बीच, मुसलमानों की हिस्सेदारी 2001 की जनसंख्या के मुताबिक 13.4 प्रतिशत थी, जो 2011 में बढ़कर 14.2 प्रतिशत हो गई है। वहीं, 1951 के बाद से देखा जाए तो भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या में कुल 4.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि हिंदुओं की जमसंख्या के अनुपात में देखा जाए, तो आजादी के बाद हिंदुओं की तुलना मुसलमानों की आबादी का 9.8 प्रतिशत बढ़ी है।

बाकी धर्मों की आबादी पर रिपोर्ट

बाकी धर्मों की आबादी पर रिपोर्ट

पीउ रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत में ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन, देश में कुल मिलाकर बाकी 6 प्रतिशत आबादी का हिस्सा हैं। 1951 की जनगणना के बाद से इन समुदायों की आबादी स्थिर रही है। जनगणना और सर्वेक्षण के आंकड़ों के सांख्यिकीय विश्लेषण से पता चलता है कि विभाजन के बाद के दशकों में धार्मिक प्रवृति की वजह से जनसंख्या की वृद्धि में बढ़त देखी गई है।

28 राज्यों में हिंदू बहुसंख्यक

28 राज्यों में हिंदू बहुसंख्यक

पीउ रिसर्च में कहा गया है कि सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को मिला दिया जाए तो 28 राज्यों में हिंदू बहुसंख्यक हैं, जबकि 7 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। नागालैंड (2 मिलियन), मिजोरम (1 मिलियन) और मेघालय (3 मिलियन) में ईसाई बहुसंख्यक आबादी है। पंजाब में सिख समुदाय बहुसंख्यक है।

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English summary
The Pew Research report has revealed that Muslims still produce the largest number of children in India, while the population of Hindus in the country has decreased after independence.
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