बम ब्लास्ट में मारा गया कुख्यात पाकिस्तानी आतंकी मंगल बाघ, सिर पर था 30 लाख डॉलर का इनाम
पाकिस्तानी कुख्यात आतंकवादी और 50 लाख डॉलर का इनामी आतंकवादी मंगल बाघ अफगानिस्तान में हुए एक बम ब्लास्ट में मारा गया है।
पेशावर: कुख्यात पाकिस्तानी आतंकी (Pakistanio terrorist) और सैकड़ों बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतार देने वाला आतंकवादी मंगल बाघ (Mangal bagh) अफगानिस्तान में हुए एक बम बास्ट (Bomo Bllast) में मारा गया है। मंगल बाघ कितना खुंखार आतंकी था, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका ने इस आतंकवादी के सिर पर 30 लाख डॉलर का इनाम रखा था। बताया जा रहा है कि आतंकवादी मंगल बाघ के दक्षिणी अफगानिस्तान में हुए एक बम ब्लास्ट में चिथड़े उड़ गये।
30 लाख डॉलर था इनाम
पाकिस्तानी अखबारो के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने आतंकवादी मंगल बाघ से सिर पर 30 लाख डॉलर का इनाम रखा था। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने भी 20 लाख का इनाम मंगल बाघ पर रखा हुआ था। आतंकी मंगल बाघ कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम का एक नेता था। जो कई आतंकवादी वारदातों को अंजाम दे चुका है। वहीं, मंगल बाघ को पाकिस्तान ने भी आतंकियों के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल किया हुआ था। अफगानिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगल बाघ के मारे जाने की पुष्टि की है। पाकिस्तानी अखबर एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अफगानिस्तान के अधिकारियों के हलावे से लिखा है कि अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के आकिन जिले के बंदर दारा इलाके में एक बम विस्फोट हुआ है। जिसमें आतंकी मंगल बाघ और उसके सहयोगियों के चिथड़े उड़ गये। वहीं, अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के गवर्नर ने भी मंगल बाघ के मारे जाने की पुष्टि की है।
ट्रक क्लीनर से बन गया आतंकवादी
पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक शुरूआत में मंगल बाघ एक ट्रक क्लीनर था। लेकिन, बाद में वो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों के सम्पर्क में आ गया। और फिर कुख्यात आतंकवादी बन गया। मंगल बाघ पाकिस्तान के खैबर जिले का रहने वाला था। बाद में मंगल बाघ पाकिस्तान छोड़कर अफगानिस्तान फरार हो गया, जब वैश्विक दवाब के बाद पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया था।
पाकिस्तानी अखबारों के मुताबिक, मंगल बाघ की तामील पाकिस्तान के एक मदरसे में हुआ था और आतंकवादी बनने के बाद वो पाकिस्तान के कई इलाकों में युवाओं को अल्लाह के नाम पर लड़ने के लिए उकसाने का काम करता था। उसने कई युवाओं को अपने आतंकवादी संगठन में जोड़ने के काम किया और 2006 में उसे तहरीकृ-ए-इस्लाम आतंकवादी का सरगना बना दिया गया। जिसके बाद उसने एक दूसरे मुस्लिम समुदाय को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया था।