आतंकवाद के नाम पर अब पाकिस्तान किसी दूसरे देश की लड़ाई नहीं लड़ेगा : इमरान खान
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका देश भविष्य में किसी दूसरे देश की लड़ाई नहीं लड़ेगा। इमरान खान ने कहा कि वे हमेशा से ही युद्ध के खिलाफ रहे हैं और उनकी विदेश नीति देश की बेहतरी के लिए काम करेगी। पीएम खान ने गुरुवार को सेना के हेडक्वार्टर रावलपिंडी में रक्षा और शहीद दिवस के मौके पर खिलाड़ियों, कलाकारों और डिप्लोमेट्स के साथ यह बात कही। पाकिस्तान के पीएम ने अपने इस बयान से अमेरिका को अप्रत्यक्ष रूप से यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी सेना अब अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ नहीं लड़ेगी।
हम किसी भी देश की लड़ाई हिस्सा नहीं होंगे
आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की वजह से होने वाली विनाश और पीड़ाओं के बारे में बात करते हुए इमरान खान ने कहा, 'मैं शुरू से ही युद्ध के खिलाफ था। हम किसी दूसरे की लड़ाई का हिस्सा नहीं बनेंगे (भविष्य में)। हमारी विदेशी नीति देश की बेहतरी के लिए काम करेगी।' अपनी आर्मी को तारीफ करते हुए पीएम खान ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान जैसी लड़ाई किसी ने नहीं लड़ी है। उन्होंने कहा कि देश को सभी खतरों से बचाने के लिए सेना और खुफिया एजेंसियों का बहुत बड़ा योगदान है।
कश्मीर पर अलापा राग
पीएम खान ने पड़ोसी देशों और दुनिया के साथ सहयोग करने की बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान सभी के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है। पड़ोसी देशों की बात करते हुए कश्मीर पर भी खान ने अपना राग अलापते हुए कहा कि इस विवाद में वैश्विक शक्तियों का दखल जरूरी है। उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर मुद्दे का रिजोल्यूशन जरुरी था।'
देश ने 1965 और 1971 की लड़ाई से बहुत कुछ सीखा
पीएम खान के बाद जनरल बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान ने 1965 और 1971 की लड़ाई से बहुत कुछ सीखा है और परमाणु हथियारों के जरिए अपनी रक्षा को अभेद्य बनाया है। बाजवा ने कहा, 'देश में आतंकवाद की वजह से 70,000 लोग मरे और घायल हुए हैं। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ वह अलग।'
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