चीन का 'जिगरी दोस्त' बन गया बोझ, घोर आर्थिक संकट में अब दर-दर की ठोकरें खायेगा पाकिस्तान!
पाकिस्तान इन दिनों अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका है। अब खबर है कि इस्लामाबाद का जिगरी दोस्त चीन भी उससे तंग आ चुका है।
इस्लामाबाद/बीजिग,1 अगस्त : पाकिस्तान अपनी गलत नीतियों की वजह से घोर आर्थिक संकट (pakistan economic crisis) की दौर से गुजर रहा है। वह दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका है। वह डिफाल्टर भी बन सकता है। कुछ दिन पहले ही देश को डिफाल्टर बनने से रोकने के लिए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मोर्चा संभाला था। बाजवा ने अमेरिका से कहा था कि वो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज दिलवाने में पाकिस्तान की मदद करें इस पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आर्मी चीफ जनरल बाजवा को जमकर फटकार भी लगाई थी। पाकिस्तान इन दिनों अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका है। वहीं खबर है कि, चीन को भी अब पाकिस्तान बोझ लगने लगा है।
चीन ने पाकिस्तान से चुराई नजर
पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया तेजी से गिरता जा रहा है। पाकिस्तान खुद को बचाने के लिए आईएमएफ से बेल आउट पैकेज की उम्मीद कर रहा है। लेकिन इस मोर्चे पर भी उसे राहत मिलती नहीं दिख रही है। इस मुश्किल घड़ी में इस्लामाबाद को संकट से उबारने के लिए उसका जिगरी दोस्त चीन भी साथ नहीं दे पा रहा है। क्योंकि चीन की नजर में पाकिस्तान उसके लिए किसी बोझ से कम नहीं है। पाकिस्तान के विशेषज्ञ और एक वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि, दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका पाकिस्तान को अब चीन भी बोझ लगने लगा है।
दिवालिया होने की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान
पाकिस्तानी पत्रकार कामरान यूसुफ ने अपने एक टीवी प्रोग्राम में कहा, 'चीन और पाकिस्तान के एक लंबे रिश्ते रहे हैं। उसका मुख्य कारण ये है कि जब चीन मुश्किल वक्त में था तब पाकिस्तान ने उसका साथ दिया था। लेकिन हाल ही में दोनों देशों के रिश्तों पर एक क्लोज डोर वार्ता चल रही थी, जिसमें पांच चीन के लोग मौजूद थे। पांच में चार चीन के एक्सपर्ट ने माना कि पाकिस्तान चीन के लिए अब एक बोझ (Liability) बनता जा रहा है। सिर्फ एक ने पाकिस्तान के हक में बात की।'
पाकिस्तान अब क्या करेगा
पाकिस्तानी पत्रकार कामरान यूसुफ ने आगे कहा कि, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, चीन जो कि हमारा अच्छा दोस्त रहा है, इन दिनों उनमें भी पाकिस्तान को लेकर एक अलग तरह की बेचैनी दिख रही है। यह पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
कोई मदद को तैयार नहीं
वहीं पाकिस्तान के पूर्व मंत्री शेख राशिद ने ट्वीट किया, 'यहां तक कि चीन, दुबई, कतर और सऊदी अरब भी हमारी मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं और न ही आईएमएफ से बेल आउट पैकेज मिल रहा है।'
बाजवा अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाने लगे थे
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से एक बेलआउट पैकेज की उम्मीद है। इस पैकेज के लिए पाकिस्तान ने IMF की कठिन शर्तों को माना है और सब्सिडी को हटाया है, जिसके कारण देश में महंगाई तेजी से बढ़ी है। पाकिस्तानी रुपया हर रोज रेकॉर्ड लेवल पर नीचे गिरता जा रहा है। वहीं, पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान के लिए अमेरिका से कहा है कि वह उनकी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मदद करें। उन्होंने पाकिस्तान को डिफाल्टर होने से बचाने के लिए अमेरिका के समझ गिड़गिड़ाते नजर आए।
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