अमेरिकी पर हमले के लिए नॉर्थ कोरिया ने दागी थींं मिसाइल, अमेरिका ने तैनात किया थाड मिसाइल सिस्टम
नॉर्थ कोरिया ने लॉन्च की है चार मिसाइलें जो गिरीं हैं जापान में और इस नए टेस्ट के बाद ही इस बात की संभावनाएं जोरों पर कि जापान में अमेरिकी बेस को निशाना बनाने की फिराक में है नॉर्थ कोरिया।
वॉशिंगटन। नार्थ कोरिया ने जो नई मिसाइलें लॉन्च की हैं उसके बाद अब युद्ध का खतरा बढ़ गया है। जापान के क्षेत्र में गिरीं इन मिसाइलों के बाद कहा जा रहा है कि नॉर्थ कोरिया, जापान में मौजूद अमेरिकी बेसों पर हमला कर सकता है। खतरे को देखते हुए अमेरिका ने भी साउथ कोरिया में अपना खतरनाक मिसाइल डिफेंस सिस्टम थाड डेप्लॉय कर दिया है।
जापान में गिरी थीं मिसाइलें
सीएनएन की एक रिपोर्ट में नॉर्थ कोरिया की मीडिया केसीएनए के हवाले नॉर्थ कोरिया की मिलिट्री को यह जिम्मा दिया गया था कि वह जापान में मौजूद अमेरिकी सेना के बेस पर हमला करे। नॉर्थ कोरिया ने सोमवार को चार बैलेस्टिक मिसाइलें लॉन्च की थीं। तीन मिसाइलें जापान की तटीय सीमा के 200 मील अंदर गिरीं थीं। केसीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक इन मिसाइलों को नॉर्थ कोरिया ने मिलिट्री ड्रिल के बीच लॉन्च किया था। रिपोर्ट के मुताबिक ये मिसाइलें केपीए स्ट्रैटेजिक फोर्स का हिस्सा थीं और इन्हें अमेरिकी बेस को निशाना बनाना था। नार्थ कोरिया की मीडिया की ओर से फोटोग्राफ जारी की गई हैं जिसमें साफ नजर आ रहा है कि सोमवार को बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्च देश के तोंगछाग राई क्षेत्र में हुआ है। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन इन मिसाइल लॉन्च के बाद काफी खुश हैं और उनकी देखरेख में ही इस मिसाइल लॉन्च को अंजाम दिया गया था।
जापान में हैं 54,000 सैनिक
जापान में इस समय अमेरिका के सात बेस हैं और जहां पर करीब 54,000 सैनिक हैं। जापान में अमेरिकी बेस में यहां के ओकिनावा द्वीप के उत्तरी हिस्से से लेकर दक्षिणी हिस्स के द्वीप तक फैला मिसावा एयरफोर्स बेस भी शामिल है। अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मटीस ने जनवरी में जापान का दौरा किया था। वर्ष 2016 में जापान स्थित अमेरिकी बेस पर करीब 5.5 बिलियन डॉलर खर्च हुए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिसाइल लॉन्च के बाद साउथ कोरिया और जापान के नेताओं से बात की थी। व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रटरी सीन स्पीयर ने कहा कि नॉर्थ कोरिया का मिसाइल लॉन्च इसके लंबे समय से चले आ रहे आक्रामक व्यवहार का ही प्रतीक है। अमेरिका हर गंभीर खतरे के बीच ही अपने मित्र देशों के साथ खड़ा है।