चीन को लेकर निक्की हेली ने किया आगाह, बोलीं- अगर नहीं की कार्रवाई तो सब खत्म समझिए
वॉशिंगटन, 17 जून। रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली ने ताइवान को लेकर चीन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। निक्की ने कहा कि अमेरिका को चीन के खिलाफ इस मामले में जरूर सख्त कदम उठाने चाहिए क्योंकि अगर चीन ने ताइवान पर नियंत्रण कर लिया तो चीन को दुनियाभर के अलग-अलग क्षेत्रों पर कब्जा करने का प्रोत्साहन मिल जाएगा और फिर यह बेहद मुश्किल हो जाएगा। द हिल की रिपोर्ट के अनुसार रिपब्लिकन स्टडी कमेटी की गोपनीय बैठक के दौरान निक्की हैली ने कहा कि अगर चीन एक बार ताइवान पर नियंत्रण कर लेता है तो बीजिंग अन्य क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए उत्साहित होगा। लिहाजा अमेरिका को चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
विंटर
ओलंपिक्स
के
बहिष्कार
की
अपील
निक्की
हैली
ने
कहा
कि
चीन
के
खिलाफ
कार्रवाई
की
शुरुआत
विंटर
ओलंपिक्स
का
बहिष्कार
करके
किया
जा
सकता
है
जोकि
अगले
साल
बीजिंग
में
खेला
जाएगा।
अमेरिका
को
भारत,
ऑस्ट्रेलिया,
जापान,
साउत
कोरिया,
कनाडा
के
साथ
मिलकर
विंटर
ओलंपिक्स
का
बहिष्कार
करना
चाहिए।
निक्की
ने
कहा
कि
2018
के
ओलंपिक्स
के
बाद
उन्हें
पता
था
कि
अब
यह
अगली
बारी
उन्हें
इसका
आयोजन
करना
है,
लिहाजा
उन्होंने
तभी
से
तैयारी
शुरू
कर
ली
और
अब
चीन
को
नए
तरीके
से
दुनिया
के
सामने
पेश
कर
रहा
है।
अगर
अगला
ओलंपिक
बिना
किसी
विरोध
के
हो
जाता
है
तो
चीन
दुनिया
को
दिखाएगा
कि
वह
दुनिया
में
सुपरपॉवर
है।
जी-7
के
नेताओं
के
बयान
की
आलोचना
हैली
ने
कहा
कि
अगर
हम
चीन
का
बहिष्कार
नहीं
करते
हैं
और
कुछ
कदम
नहीं
उठाते
हैं
तो
मेरा
यकीन
मानिए
चीन
ताइवान
पर
नियंत्रण
हासिल
कर
लेगा।
अगर
ताइवान
पर
चीन
नियंत्रण
हासिल
कर
लेता
है
तो
फिर
सब
खत्म
समझिए
क्योंकि
चीन
फिर
ये
सोचेगा
कि
वो
किसी
भी
क्षेत्र
पर
कब्जा
करने
के
लिए
आजाद
हैं,
ना
सिर्फ
आस-पास
के
क्षेत्र
बल्कि
कहीं
भी।
जी-7
की
बैठक
के
बाद
अमेरिकी
राष्ट्रपति
जो
बाइडेन
और
अन्य
नेताओं
की
ओर
से
जो
साझा
बयान
जारी
किया
गया
उसपर
भी
निक्की
ने
नाराजगी
जाहिर
की।
उन्होंने
कहा
कि
इन
नेताओं
को
यह
कहना
चाहिए
था
कि
ताइवान
एक
अलग
संप्रभू
देश
है।
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ताइवान
करता
आ
रहा
है
विरोध
गौर
करने
वाली
बात
है
कि
मंगलवार
को
ताइवान
मे
चीन
के
सैन्य
विमानों
ने
उड़ान
भरी,
तकरीबन
दो
दर्जन
चीनी
सैन्य
विमानों
ने
ताइवन
के
एयर
डिफेंस
आइडेंटिफाइड
जोन्स
में
उड़ान
भरी।
बीजिंग
दावा
करता
है
कि
ताइवन
चीन
का
ही
हिस्सा
है,
बावजूद
इसके
कि
ताइवान
में
प्रशासन
पिछले
सात
दशक
से
अलग
चल
रहा
है,
चीन
ताइवान
को
अपने
ही
देश
का
हिस्सा
बताता
आया
है।
पिछले
कुछ
महीनों
में
ताइवान
ने
इस
बात
की
शिकायत
की
है
कि
चीन
की
वायुसेना
उनके
क्षेत्र
में
घुसपैठ
करती
है।