आंग सान सूची को जेल में ही मार डालने की योजना पर काम कर रही सेना, अब पांचवें मामले में मिली सजा
म्यांमार की एक अदालत ने आंग सान सू ची को तीन साल की जेल की सजा सुनाई है। उन्हें यह सजा चुनाव में धोखाधड़ी करने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद मिली है।
नैपीताव, 02 सितंबरः म्यांमार की सैन्य सरकार ने अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को आजीवन जेल में रखने के लिए कोई जतन बाकी नहीं छोड़ रही है। लगातार एक के बाद एक मामले में उन्हें दोषी बताकर सजा बढ़ाई जा रही है। इसी कड़ी में एक बार फिर से शुक्रवार को म्यांमार की एक अदालत ने आंग सान सू ची को तीन साल की जेल की सजा सुनाई है। उन्हें यह सजा चुनाव में धोखाधड़ी करने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद मिली है।
तस्वीर- फाइल
अब तक कुल 20 साल की मिली सजा
दो सप्ताह पहले ही आंग सान सू ची को एक भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में दोषी पाए जाने के बाद 6 सालों की सख्त सजा सुनाई गयी थी। यह सू ची के खिलाफ आपराधिक फैसलों का कुल पांचवां मामला है। आंग सान सू ची को फरवरी 2021 में तख्तापलट के बाद से हिरासत में लिया गया था और उन्हें पहले ही भ्रष्टाचार और उकसावे सहित कई अपराधों के लिए दोषी ठहराया जा चुका है। इसके बाद से अलग अलग मामलों में उन्हें सजा सुनाई जा रही है। अभी तक पांच मामलों में सजा सुनाकर उनकी कुल सजा 20 सालों तक पहुंच चुकी है।
सू ची की पार्टी पर भी मंडरा रहा खतरा
कुल मिलाकर यही लगता है कि म्यांमार की सैन्य अदालत ने अब 77 साल की नोबल पुरस्कार से सम्मानित नेता आंग सान सू ची की पूरी जिंदगी जेल के अंदर ही खत्म करने की योजना पर बड़ी शिद्दत से काम कर रही है। अदालत के इस फैसले के बाद अब आंग सान सू ची की नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी पार्टी के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। कुछ समय पहले म्यांमार की सैन्य सरकार ने नए चुनाव से पहले इसे भंग करने की बात कही थी। सेना ने 2023 में चुनाव कराने का वादा किया है।
बीते साल सेना ने हथिया ली थी सत्ता
सू की की पार्टी ने 2020 के आम चुनाव में भारी जीत हासिल की, जिसके बाद देश में सैन्य शासन का अंत हो गया था। लेकिन सेना के खिलाफ ये संघर्ष अधिक लंबा नहीं चल सका और म्यांमार की सेना ने 1 फरवरी, 2021 को सू ची की चुनी हुई सरकार से सत्ता हथिया ली, यह कहते हुए कि उसने कथित तौर पर चुनाव में धोखाधड़ी की है। इसके साथ ही सू की की पूर्व सरकार के दो वरिष्ठ सदस्यों को भी तीन साल की जेल की सजा मिल चुकी है।
अदालत भी सेना का मान रही आदेश
जानकारों के मुताबिक देश की अदालत भी सेना के आदेश के मुताबिक ही काम कर रही है और पहले की अदालती सजाओं ने जनता के गुस्से को भड़का दिया और सशस्त्र प्रतिरोध तेज कर दिया है। असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के अनुसार, तख्तापलट के बाद से म्यांमार की सेना, जिसे जुंटा कहा जाता है, उसके सैनिकों ने लगभग 2,200 नागरिकों को मार डाला है और 15,000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है और जेल के अंदर कैदियों से बुरी तरह मारपीट की जा रही है।
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