क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

रोहिंग्या के दुश्मन ‘बौद्धों के लादेन’ को म्यांमार की सरकार ने किया सम्मानित, जानें कौन है अशीन विराथू?

विराथु लंबे समय से अपने अति-राष्ट्रवादी और इस्लाम विरोधी बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं। म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यक के खिलाफ उनके बयानों के कारण वह काफी अलोकप्रिय हो चुके हैं।

Google Oneindia News

Myanmar gov honours wirathu

Image: File

मुसलमानों के खिलाफ धार्मिक घृणा फैलाने के लिए लोकप्रिय और दुनिया में 'बौद्धों का लादेन' नाम से चर्चित हो चुके अतिराष्ट्रवादी भिक्षु अशीन विराथु को म्यांमार की सरकार ने सम्मानित करते हुए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। सरकार ने म्यांमार के स्वतंत्रता दिवस पर भिक्षु विराथु को म्यांमार संघ की भलाई करने और उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए 'थिरी प्यांची' की उपाधि से सम्मानित करने का फैसला किया है।

टाइम मैग्जीन ने कवर पर छापी तस्वीर

टाइम मैग्जीन ने कवर पर छापी तस्वीर

देश के सैन्य शासक जनरल मिन आंग हलिंग द्वारा पुरस्कार से सम्मानित, विराथु उन सैकड़ों लोगों में शामिल हैं, जिन्हें बुधवार को ब्रिटेन से स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर मानद उपाधि और अन्य प्रकार की मान्यता मिली है। विराथु लंबे समय से अपने अति-राष्ट्रवादी और इस्लाम विरोधी बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं। म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यक के खिलाफ उनके बयानों के कारण वह काफी अलोकप्रिय हो चुके हैं। वर्ष 2013 में टाइम मैगजीन ने कवर पर, ‘द फेस ऑफ़ बुद्धिस्ट टेरर' शीर्षक से उनकी तस्वीर छापी थी।

म्यांमार से रोहिंग्याओं को करना पड़ा पलायन

म्यांमार से रोहिंग्याओं को करना पड़ा पलायन

अशीन विराथु को साल 2012 में तब बड़े स्तर पर पहचान मिली जब रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों और बौद्धों के बीच हिंसा भड़की। तब उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने मुस्लिमों के स्वामित्व वाले व्यवसायों का बहिष्कार करने और बौद्धों और मुसलमानों के बीच विवाह पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया था। कुछ मानवाधिकार समूहों ने विराथु पर 2017 में एक सैन्य अभियान की नींव रखने के लिए और रोहिंग्या समुदाय के प्रति शत्रुता को भड़काने में मदद करने का आरोप लगाया। विराथु के बयानों की वजह से म्यांमार से 7 लाख से भी अधिक रोहिंग्या मुसलमानों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

2001 में पहली बार मिली पहचान

2001 में पहली बार मिली पहचान

अशीन विराथु का जन्म 1968 में हुआ था। उन्होंने 16 बरस में घर छोड़ दिया और भिक्षु बन गए। विराथु को पहली बार पहचान 2001 में तब मिली जब जब अफगानिस्तान के बामियान में तालिबान ने बुद्ध प्रतिमा तोड़ी थी। विराथु म्यांमार में 969 आंदोलन से जुड़े और इस संस्था के सबसे बड़े नेता बन गए। मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काने जैसे आरोप लगाकर विराथु को कैद कर लिया गया। साल 2003 में उन्हें 25 साल जेल की सजा सुनाई गई, लेकिन साल 2010 में उन्हें अन्य राजनीतिक बंदियों के साथ रिहा कर दिया गया।

969 आंदोलन क्या है?

969 आंदोलन क्या है?

969 के तीनों संख्याओं को बुद्ध की शिक्षाओं का सार कहा जाता है। 9 मतलब बौद्ध के खास 9 गुण हैं। 6 का अर्थ बुद्ध के बताए छह कर्म हैं, जिनमें पाप से दूरी, कल्याणकारी कार्य, सत्य, दया आदि और आखिरी नंबर 9 का तात्पर्य है बौद्ध द्वारा स्थापित संघ के नौ चरित्र। 969 का सीधा अर्थ बौद्ध धर्म का सार है- बुद्ध, संघ और धम्म।

शाहरुख की हीरोइन पाकिस्तानी नेताओं को करती थी ट्रैप, बाजवा और फैज से थे संबंध... भूचाल मचाने वाला खुलासाशाहरुख की हीरोइन पाकिस्तानी नेताओं को करती थी ट्रैप, बाजवा और फैज से थे संबंध... भूचाल मचाने वाला खुलासा

Recommended Video

Myanmar: आंग सान सू की को Corruption के मामले में सजा, 100 साल की होगी Jail ? | वनइंडिया हिंदी

Comments
English summary
Myanmar gov honours anti-Muslim monk ashin wirathu in independence day
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X