क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अमेरिकी आयोग ने भारत को सिद्दीक़ी कप्पन मामले में घेरा

यूएससीआईआरएफ़ ने कहा है कि वो उन पत्रकारों के साथ खड़ा है जो धार्मिक स्वतंत्रता उत्पीड़न और हिंसा झेल रहे हैं, ख़ासतौर पर भारत में.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता की निगरानी करने वाले अमेरिकी आयोग 'यूएस कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ़्रीडम' (USCIRF) ने विश्व प्रेस आज़ादी दिवस के मौक़े पर भारत की स्थिति को लेकर निशाना साधा है.

यूएससीआईआरएफ़ ने कहा है कि वो उन पत्रकारों के साथ खड़ा है जो धार्मिक स्वतंत्रता उत्पीड़न और हिंसा झेल रहे हैं.

अमेरिकी पैनल ने अपने ट्वीट में ख़ासतौर पर भारत का ज़िक्र किया है और कहा है कि वो यहाँ के उन पत्रकारों के साथ खड़ा है जिन्हें मुसलमान, ईसाइयों, दलित, सिखो और आदिवासियों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसाओं के बारे में रिपोर्ट करने की वजह से सरकार द्वारा निशाना बनाया जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है.

पैनल ने ऐसे कुछ भारतीय पत्रकारों के नाम और उनसे जुड़े मामलों का भी ज़िक्र किया है, जिनमें सिद्दीक़ी कप्पन और किशोर राम का नाम भी शामिल है.

यूएससीआईआरएफ़ वही आयोग है, जिसने कुछ दिन पहले ही अमेरिका के बाइडन के प्रशासन से धार्मिक स्वतंत्रता के दर्जे के संबंध में भारत, चीन, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और 11 अन्य देशों को "खास चिंता वाले देशों" की सूची में डालने की सिफ़ारिश की थी.

प्रेस की आज़ादी के मामले में भारत की स्थिति बेहद चिंताजनक बताई गई है. हर साल तीन मई को वर्ल्ड प्रेस फ़्रीडम डे मनाया जाता है. इस बार प्रेस स्वतंत्रता के सूचकांक में भारत आठ स्थान फिसल कर 150 पर पहुँच गया है.

क्या कहा यूएससीआईआरएफ़ ने?

अमेरिकी आयोग ने ट्वीट कर कहा, "विश्व प्रेस आज़ादी दिवस के मौक़े पर यूएससीआईआरएफ़ उन पत्रकारों के साथ खड़ा है जो धार्मिक आज़ादी को लेकर उत्पीड़न और हिंसा झेल चुके हैं. ख़ासतौर पर भारत में जहाँ मुस्लिम, ईसाई, दलित, सिख और आदिवासियों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसाओं को रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों को निशाना बनाकर सरकार द्वारा हिरासत में लिया जा रहा है."

"सिद्दीक़ी कप्पन, मुसलमान पत्रकार हैं और उन्हें धार्मिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है. कप्पन को एक दलित के बलात्कार की रिपोर्टिंग के लिए यूपी के हाथरस जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. उन पर 'मुस्लिमों को भड़काने' के लिए रिपोर्टिंग करने का आरोप है."

"फ़रवरी 2022 में समाज में हाशिए के समुदायों के लिए आवाज़ उठाने वाले एक दलित पत्रकार किशोर राम को एक दलित परिवार के इंटरव्यू के दौरान जाति का मुद्दा उठाने पर गिरफ़्तार किया गया. इस परिवार के सदस्यों की बलात्कार के बाद हत्या की गई थी."

https://twitter.com/USCIRF/status/1521552726789963776

ये दोनों पत्रकार अभी भी जेल में हैं.

प्रेस फ़्रीडम इंडेक्स में कितना फिसला भारत?

'रिपोर्टर्स विदाउड बॉर्डर्स' (आरएसएफ़) की ओर से जारी ताज़ा रिपोर्ट में भारत प्रेस की आज़ादी के मामले में 142वें पायदान से फिसलकर 150वें स्थान पर पहुँच गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल को छोड़कर भारत के अन्य पड़ोसी देशों की रैंकिंग में भी गिरावट आई है, जिसमें पाकिस्तान 157वें, श्रीलंका 146वें, बांग्लादेश 162वें और म्यांमार 176वें स्थान पर पहुंच गए हैं.

ये रैंकिंग कुल 180 देशों की है.

इस साल नॉर्वे (पहले) डेनमार्क (दूसरे), स्वीडन (तीसरे) एस्टोनिया (चौथे) और फ़िनलैंड (पाँचवें) स्थान पर हैं जबकि उत्तर कोरिया 180 देशों और क्षेत्रों की सूची में सबसे नीचे है.

रूस को इस रिपोर्ट में 155वें स्थान पर रखा गया है, जो पिछले साल 150वें स्थान से नीचे था जबकि चीन दो पायदान ऊपर चढ़ते हुए 175वें स्थान पर आ गया. पिछले साल चीन 177वें स्थान पर था.

अंतरराष्ट्रीय ग़ैर-लाभकारी संगठन ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा, ''विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और नौ अन्य मानवाधिकार संगठन भारतीय अधिकारियों से पत्रकारों और ऑनलाइन आलोचकों को उनके काम के लिए निशाना बनाना बंद करने का आग्रह करते हैं.''

बयान में कहा गया कि ' विशेष रूप से, आतंकवाद और देशद्रोह क़ानूनों के तहत उन पर मुक़दमा चलाना बंद कर देना चाहिए.''

रिपोर्टर्स सेन्स फ्रंटियर्स (आरएसएफ) ने कहा कि ''भारतीय अधिकारियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करना चाहिए और आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए, राजनीति से प्रेरित आरोपों में हिरासत में लिए गए किसी भी पत्रकार को रिहा कर देना चाहिए और उन्हें निशाना बनाना तथा स्वतंत्र मीडिया का गला घोंटना बंद करना चाहिए.''

इसने कहा, ''अधिकारियों द्वारा पत्रकारों को निशाना बनाने के साथ-साथ असहमति पर व्यापक कार्रवाई ने हिंदू राष्ट्रवादियों को ऑनलाइन और ऑफ़लाइन, दोनों तरह से भारत सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को धमकाने, परेशान करने और दुर्व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया है.''

प्रेस आज़ादी
Getty Images
प्रेस आज़ादी

बीते माह यूएससीआईआरएफ़ ने भारत को लेकर की थी ये सिफ़ारिश

अमेरिका के आयोग ने बीते महीने ही कहा जो बाइडन प्रशासन से भारत के ख़िलाफ़ ज़रूरी प्रतिबंधों का आह्वान किया है.

अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यूएससीआईआरएफ़ ने विदेश विभाग से लगातार तीसरे साल भारत को "विशेष चिंता वाले देशों" की अमेरिकी सूची में रखने की सिफ़ारिश की थी.

आयोग ने उन संबंधित व्यक्तियों और इकाइयों पर भी प्रतिबंध की मांग की थी जो धार्मिक आज़ादी के गंभीर उल्लंघन में शामिल पाए जाते हैं. आयोग ने कहा था कि इन लोगों की अमेरिका में मौजूद संपत्तियों को ज़ब्त करने के साथ ही देश में इनके प्रवेश पर भी रोक लगाई जाए.

वार्षिक रिपोर्ट में आयोग ने कहा था कि साल 2021 में भारत के अंदर धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति गंभीर रूप से बिगड़ी है.

इसमें ये भी कहा गया कि भारत सरकार ने हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडा को बढ़ावा देने सहित कई ऐसी नीतियों का प्रचार-प्रसार किया, जिससे मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर नकारात्मक असर पड़ा.

रिपोर्ट में यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटिज़ प्रिवेंशन ऐक्ट) के इस्तेमाल का भी ज़िक्र किया गया और भारत के कई राज्यों में लाए गए धर्मांतरण विरोधी क़ानून की भी आलोचना की गई थी.

इन सब कारणों का उल्लेख करते हुए यूएससीआईआरएफ़ ने कहा था कि भारत में लगातार व्यवस्थित तरीक़े से धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन किया जा रहा है और इसलिए उसे "विशेष चिंता वाले" देशों की सूची में शामिल करना चाहिए.

क्या है यूएससीआईरएफ़?

यूएससीआईआरएफ़ एक स्वतंत्र निकाय है, जिसे अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 1998 (IRFA) द्वारा विश्व स्तर पर धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की निगरानी करने के लिए बनाया गया है.

ये आयोग राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और कांग्रेस को नीतिगत सिफ़ारिशें करने के लिए बनाया गया है.

ये कोई एनजीओ नहीं बल्कि कांग्रेस द्वारा बनाई गई इकाई है. इसमें राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त 9 अंशकालिक आयुक्त और सदन और सीनेट में दोनों राजनीतिक दलों के नेतृत्व को शामिल किया जाता है.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Media Freedom Under Threat in India say USCIRF
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X