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मालदीव ने दी वजह क्‍यों मिलान के लिए भारत नहीं भेज रहा अपनी नौसेना

मालदीव ने अंडमान निकोबार में छह मार्च से होने वाली नेवी ज्‍वॉइन्‍ट एक्‍सरसाइज मिलान -2018 से अपना नाम वापस ले लिया है। इंडियन नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने इस बात की जानकारी दी। उन्‍होंने यह भी बताया कि मालदीव ने कोई वजह नहीं बताई है कि आखिर क्‍यों वह इस युद्धाभ्‍यास से बाहर होना चाहता है।

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माले।मालदीव ने अंडमान निकोबार में छह मार्च से होने वाली नेवी ज्‍वॉइन्‍ट एक्‍सरसाइज मिलान -2018 से अपना नाम वापस ले लिया है। इंडियन नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने इस बात की जानकारी दी। भारत में स्थित मालदीव के दूतावास की ओर से अब कहा गया है कि इस एक्‍सरसाइज में मालदीव के नेवी ऑफिसर्स सिर्फ पर्यवेक्षक की तरह होते और उनकी मौजूदगी कोई असाधारण बात नहीं है। एडमिरल सुनील लांबा ने कहा था कि मालदीव ने कोई वजह नहीं बताई है कि आखिर क्‍यों वह इस युद्धाभ्‍यास से बाहर होना चाहता है। लेकिन नेवी चीफ के इस बयान के कुछ देर बाद ही भारत में स्थित मालदीव के दूतावास की ओर से बयान दिया गया है।

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अब सिर्फ 15 देश ही बचे
मालदीव ने भारत के निमंत्रण को ठुकराने के अपने फैसले को ज्‍यादा तवज्‍जो नहीं दी गई है। मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्‍मद का कहना है कि इस एक्‍सरसाइज में मालदीव के नेवी ऑफिसर्स सिर्फ पर्यवेक्षक की तरह होते और उनकी मौजूदगी कोई असाधारण बात नहीं है। मालदीव के पीछे ह‍टने से अब इस युद्धाभ्‍यास में सिर्फ 15 देश ही भाग लेंगे। इस एक्‍सरसाइज की शुरुआत साल 1995 में हुई थी और उस समय सिर्फ पांच देशों की नौसेनाओं ने इसमें हिस्‍सा लिया था। इस एक्‍सरसाइज का मकसद क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। अंडमान में छह मार्च से ऑस्‍ट्रेलिया, मलेशिया, मॉरीशस, म्‍यांमार, न्‍यूजीलैंड और ओमान जैसे देशों के प्रतिनिधिमंडल इसमें हिस्‍सा लेंगे।

मौजूदा संकट का दिया हवाला
मालदीव के राजदूत ने यहां पर जारी संकट की तरफ इशारा किया। मोहम्‍मद की ओर से कहा गया है कि वर्तमान समय में जब देश में संकट जारी है तो, सुरक्षाबलों को वहां पर ही रहना होगा। उन्‍हें किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार रहना होगा। उनके मुताबिक जब हालाता ऐसे हैं कि ऑफिसर्स को उनके घर में ही रहपा चाहिए, हमने दूसरे देशों में होने वाले किसी भी तरह के युद्धाभ्‍यास और ट्रेनिंग प्रोग्राम को कुछ समय के लिए रोक दिया है। उनका कहना था कि यह समय कोई साधारण समय नहीं है और ऐसे में उन्‍हें किसी भी युद्धाभ्‍यास के लिए नहीं भेजा सकता है। मोहम्‍मद अहमद ने यह भी कहा कि दोनों देश कई वर्षों से बेहतर रक्षा और सैन्‍य सहयोग को बढ़ाते आए हैं और यह एक परंपरा रही है। उन्‍होंने यह उम्‍मीद भी जताई कि यह सहयोग आने वाले वर्षों तक ऐसे ही चलता रहेगा।

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English summary
Maldives has given a reason why it is not participating in India's mega naval exercise Milan 2018.
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