क्या थे ढाका के आतंकी हमले में मारी गई तारिषी जैन के आखिरी शब्द
ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के पॉश इलाके गुलशन रोड एक रेस्टोरेंट में शुक्रवार को आधी रात आतंकियों ने एक कैफे को दहला दिया। यहां पर आतंकी हमले में 20 लोगों की मौत हो गई जिसमें भारतीय नागरिक तारिषी जैन भी शामिल हैं। जिस समय आतंकियों ने लोगों को बंधक बनाया था, तारिषी ने अपने पापा और चाचा से फोन पर बात की थी।
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पहले किया चाचा को फोन
19 वर्ष की तारिषी प्रतिष्ठित अमेरिकी यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया बार्कले की छात्रा थीं और छुट्टियों में बांग्लादेश आई हुई थीं। सोमवार को तारिषी का शव भारत लाया जाएगा और फिर उनका अंतिम संस्कार होगा।
तारिषी ने रात करीब डेढ़ बजे फिरोजाबाद में मौजूद अपने चाचा से बात की थी। तारिषी ने बताया था कि फायरिंग चल रही है।
फोन पर तारिषी ने कहा था कि अंकल, मैं यहां दोस्तों के साथ कैफे में आई हुई हूं और यहां पर आतंकियों ने हमला कर दिया है। चारो ओर चीख पुकार मची है और गोलियां चल रही हैं।
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क्या कहा आखिरी कॉल में तारिषी ने
तारिषी ने अपने पिता को भी फोन किया था और बताया था कि वह और उसके दोस्त टॉयलेट में छिपे हैं। बाहर फायरिंग चल रही है। आतंकी सबको एक-एक कर मार डालेंगे। वे सभी दीवार से लगकर खड़े हैं।
यह उसका आखिरी कॉल था। तारिषी के माता-पिता के अलावा ढाका में परिवार से और कोई ढाका में मौजूद नहीं है। उसके पिता पिछले 15-20 वर्षों से बांग्लादेश में कपड़े का व्यापार कर रहे हैं।
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क्या हुआ था उस रात
आपको बता दें कि 'अल्लाह-हु-अकबर' का नारा लगाते हुए गुलशन इलाके के मशहूर कैफे में घुसे सात आतंकियों ने करीब 40 लोगों को बंधक बना लिया था। आतंकियों ने बंधकों से कुरान की आयतें सुनाने को कहा था।
उन्होंने ऐसे 18 लोगों को छोड़ दिया था जिन्होंने आयतें सुनाई, नहीं सुनाने वाले 20 लोगों को आतंकियों ने चाकू से गला रेतकर मार डाला। मारे गए सभी लोग विदेशी थे और उनमें ज्यादातर इटली और जापान के थे।