2 लड़कियों की लव स्टोरी लेस्बियनिज्म को बढ़ावा देती है, बोर्ड ने फिल्म को ही कर दिया बैन
नैरोबी। कांस फिल्म फेस्टिवल प्रेमियर के लिए जाने वाली फिल्म को केन्या की सरकार ने यह कहकर रोक लगा दी की यह फिल्म देश में लेस्बियनिज्म को बढ़ावा देती है। फिल्म बैन होने के बाद निराश डायरेक्टर वानुरी काहियू ने कहा, 'कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि फिल्म राफिकी को केन्या फिल्म क्लासिफिकेशन बोर्ड ने बैन कर दिया है।' काहियू ने अपनी फिल्म राफिकी में दो लड़कियों की लव स्टोरी को पर्दे पर उतारने की कोशिश की है। दो लड़कियों की लव स्टोरी पर बनी केन्या में यह पहली फिल्म है। कई देशों के तरह केन्या में भी एलजीबीटी के खिलाफ कड़े कानून है। केन्या में गे सेक्स के खिलाफ 14 साल की सजा का प्रवधान है। अफ्रीका महाद्वीप में एलजीबीटी समुदाय के लोगों को दुनिया में सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है।
अपनी फिल्म के बैन होने के बाद हताश डायरेक्टर काहियू कहती है, 'मुझे लगता है कि ना सिर्फ केन्या में बल्कि पूरी दुनिया में समझदार दर्शक है, जो अच्छे और बूरे के बीच न्याय करने में सक्षम है। यह नहीं जो केन्या फिल्म क्लासिफिकेशन बोर्ड ने किया है।' काहियू ने कहा कि वे इस फिल्म को 18 की उम्र से ऊपर वालों को ही देखने की इजाजत देने की कोशिश की है।
काहियू ने कहा शुरू में तो फिल्म शूट के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में सरकारी अधिकारियों से साथ मिल गया था। लेकिन, शुक्रवार को बोर्ड ने प्रोड्यूसर को ऑरिजनल स्क्रिप्ट बदलने के लिए कह डाला। बोर्ड के मुताबिक, दो महिलाओं के बीच फिल्म में कोई रोमेंटिक सीन नहीं हो चाहिए, जिससे कि देश में लेस्बियनिज्म को बढ़ावा मिले। बोर्ड के इस निर्णय के बाद सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना भी हो रही है। राफिकी अगले माह कांस फिल्म फेस्टिवल प्रेमियर में दिखाई जाएगी।
राफिकी एक ही क्लास मे पढ़ रही दो स्कूली लड़कियों की लव स्टोरी है, जो अपने परिवार और समाज के खिलाफ जाकर रिलेशन में चली जाती हैं। यह फिल्म साथ में यह भी दिखाने की कोशिश करती है कि समाज आज भी किस तरह से एलजीबीटी के साथ बर्ताव करता है।
विडंबना देखिए, केन्या फिल्म क्लासिफिकेशन बोर्ड का डायरेक्टर एजेकील मुतुआ खुद को अमेरिकी सिविल राइट एक्टिविस्ट मार्टिन लूथर किंग से तुलना करते आए हैं। हालांकि, मुतुआ इस फिल्म की तारीफ भी की थी, लेकिन अपने अधिकारियों से कहा कि जहां यह नॉमिनेट हुई है, उसे जाने दीजिए, हम यहां सेलिब्रेट नहीं कर रहे हैं। फिल्म बैन के बाद केन्या का एलजीबीटी कमीशन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अपने राइट्स की गुहार लगाई है। सोमवार को कोर्ट इस फिल्म के बारे में अपना फैसला सुनाएगी।