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कोरोना संक्रमण बढ़ा तो अमेरिका में उठा राजनीतिक बवंडर, बाइडेन और वैज्ञानिकों पर बरसीं कमला हैरिस

कमला हैरिस ने ओमिक्रॉन वेरिएंट को पहचान नहीं पाने के लिए देश के वैज्ञानिकों को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि, आखिर हम हर बार वायरस के अलग अलग वेरिएंट को पहचानने में नाकाम क्यों हो रहे हैं?

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वॉशिंगटन, दिसंबर 19: अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने के साथ ही राजनीतिक भूचाल मच गया है और राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति आमने सामने आ गये हैं। अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने 'कोरोना से आजादी' वाले बयान को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन पर कटाक्ष किया है और कहा है कि, अमेरिका को अभी तक कोरोना वायरस से आजादी नहीं मिली है और देश के वैज्ञानिक ना तो डेल्टा वेरिएंट के बारे में पता लगा पाए और ना ही ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर अलर्ट जारी कर सके।

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ओमिक्रॉन पर बाइडेन बनाम कमला

ओमिक्रॉन पर बाइडेन बनाम कमला

कमला हैरिस ने शुक्रवार को राष्ट्रपति बाइडेन के 4 जुलाई को दिए गये उस बयान पर कटाक्ष किया है, जिसमें बाइडेन ने अमेरिका को कोरोना वायरस से आजादी मिलने की बात कही थी और देश के वैज्ञानिकों को प्रशासन की नाकामयाबी के लिए और ओमिक्रॉन और डेल्टा की वक्त रहते पहचान नहीं करने के लिए लिए दोषी ठहराया है। कमला हैरिस ने देश के वैज्ञानिकों के साथ साथ राष्ट्रपति बाइडेन पर उस वक्त कटाक्ष किया है, जब अमेरिका में एक बार फिर से तेजी से संक्रमण का ग्राफ बढ़ रहा है और देश में फिर से कोविड लॉकडाउन लगने के हालात बन रहे हैं। लॉस एंजिल्स टाइम्स को दिए गये इंटरव्यू में कमला हैरिस ने साफ साफ कहा कि, हम कोविड के खिलाफ लड़ाई में विजयी नहीं हुए हैं।

'राष्ट्रपति के जीत का दावा गलत'

'राष्ट्रपति के जीत का दावा गलत'

कमला हैरिस ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि, 'मुझे नहीं लगता कि कोई भी जीत का दावा कर सकता है, जब आप जानते हैं कि इस वायरस के कारण अमेरिका में आठ लाख लोग मारे गये हैं।' आपको बता दें कि, पिछले 24 घंटे में अमेरिका के कई राज्यों में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है और अभी तक अमेरिका में ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या बढ़कर 830 हो चुकी है। वहीं, अमेरिका के 45 राज्यों में ओमिक्रॉन वेरिएंट मिलने की पुष्टि की जा चुकी है। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने जोर देकर कहा कि, वायरोलॉजिस्ट 'जिनकी सलाह और निर्देश पर हमने भरोसा किया है' वो कोरोना की अगली लहर को पहचानने में 'अंधे' साबित हुए हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि, 'हमने डेल्टा को आते नहीं देखा और अब हमने ओमिक्रॉन को आते नहीं देखा'।

पूरी तरह नाकामयाब रहे देश के वैज्ञानिक

पूरी तरह नाकामयाब रहे देश के वैज्ञानिक

कमला हैरिस ने इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी वैज्ञानिकों को सीधे तौर पर बार बार संक्रमण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया है और कहा कि, 'मुझे लगता है कि अधिकांश वैज्ञानिकों ने, जिनकी सलाह और दिशा पर हमने भरोसा किया है, उन्हों डेल्टा को आते नहीं देखा।' आपको बता दें कि, अमेरिका में पुष्टि किए गए ओमिक्रॉन मरीजों की संख्या पिछले 24 घंटों की अवधि में लगभग दोगुनी हो गई है। कमला हैरिस को देश के वैज्ञानिकों से इस बात की नाराजगी है, कि आखिर वो वक्त रहते कोरोना वायरस के किसी वेरिएंट के बारे में पता लगाने में क्यों नाकाम रहते हैं।

अमेरिका में बुरी तरह से फैला ओमिक्रॉन

अमेरिका में बुरी तरह से फैला ओमिक्रॉन

कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट पहली बार पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका में खोजा गया था, लेकिन अब यह अमेरिका में भी पूरी तरह से फैल चुका है। शनिवार की सुबह तक अमेरिका में डीएनए सिक्वेंसिंग के दौरान 830 मामलों की पुष्टि की गई, जो एक दिन पहले के मुकाबले 97 फीसदी ज्यादा है। खासकर न्यूयॉर्क की स्थिति काफी खराब होती जा रही है। शुक्रवार की तुलना में शनिवार को ओमिक्रॉन वेरिएंट के मरीजों की संख्या में 97 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और कुल 830 मामलों की पुष्टि हुई है। अमेरिका के 'रोग नियंत्रण रोकथाम केन्द्र' यानि सीडीसी ने कहा है कि, न्यूयॉर्क की स्थिति खराब हो रही है और शनिवार को 21 हजार 908 नये मरीज मिले हैं, जिनमें कम से कम 13 प्रतिशत मरीज ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं।

टीका लगाने से भागते अमेरिकी

टीका लगाने से भागते अमेरिकी

अमेरिका में एक तरफ ओमिक्रॉन वेरिएंट भीषण रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, तो दूसरी तरफ अभी भी अमेरिका की एक बड़ी आबादी वैक्सीनेशन से भागती नजर आ रही है। जिसके बाद न्यूयॉर्क प्रशासन की तरफ से लोगों से टीका लगवाने की अपील की गई है। न्यूयार्क में पिछले एक हफ्ते में 25 प्रतिशत से ज्यादा मरीज बढ़ गये हैं। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को कहा है कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले अब तक 89 देशों में दर्ज किया जा चुका है और इसके दोगुना होने की रफ्तार 1.5 दिन है। वहीं, अभी तक ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कितनी असरदार है, इसका पता नहीं लग पाया है।

क्यों अलर्ट नहीं हो पाया अमेरिका?

क्यों अलर्ट नहीं हो पाया अमेरिका?

इंटरव्यू के दौरान जब कमला हैरिस से सवाल पूछा गया, कि आखिर अमेरिका में ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर तेज प्रतिक्रिया क्यों नहीं की गई, जबकि दक्षिण अफ्रीका में काफी पहले इस वेरिएंट की खोज कर ली गई थी, इस सवाल के जवाब पर कमला हैरिस ने कहा कि, 'हमने ओमिक्रॉन को आते नहीं देखा। और यही इस वायरस की प्रकृति है कि, ये काफी भयानक हो जाता है। और इसकी प्रकृति ही यही है कि ये बार बार म्यूटेट हो रहा है और इसके अलग अलग वेरिएंट बन रहे हैं''। आपको बता दें कि, कोरोना वायरस की सबसे खतकरनाक बात इसका बार बार म्यूटेट होना और अपना नया वेरिएंट बनाना है। अमेरिका में जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से पहले ही कोरोना के तीन वेरिएंट सामने आ चुके थे, जिनके नाम क्रमश: अल्फा, बीटा और गामा रखे गये थे, वहीं बाइडेन-हैरिस की सरकार में अब तक दो वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन सामने आए हैं।

बाइडेन ने की थी 'आजादी' की घोषणा

बाइडेन ने की थी 'आजादी' की घोषणा

आपको बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसी साल चार जुलाई को कोरोना वायरस से 'आजादी' का ऐलान कर दिया था, जिसको लेकर अब कई अमेरिकियों का कहना है कि, राष्ट्रपति ने झूठ बोलकर अमेरिकी लोगों को गुमराह किया है। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि, "हालांकि वायरस को खत्म नहीं किया गया है, लेकिन हम यह जानते हैं अब यह अब हमारे जीवन को नियंत्रित नहीं कर सकता है।" उन्होंने कहा कि, 'यह अब वायरस हमारे राष्ट्र को पंगु नहीं बना सकता है। और यह सुनिश्चित करना हमारे वश में है कि इस वायरस को फिर से उभरने नहीं दें'। जिसको लेकर कमला हैरिस ने कहा कि, ''हमारे लिए सबसे बड़ा पछतावा ये है कि, हम वैक्सीन को लेकर जो गलतफहमी लोगों के मन में बसी हुई है, उसे नहीं निकाल पाए हैं''।

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English summary
Amidst the havoc of the Omicron variant in the US, there has been a political uproar and Vice President Kamala Harris has put President Biden and the country's scientists in the dock.
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