'समलैंगिक मरीजों का इलाज करने से मना कर सकते हैं डॉक्टर', नेतन्याहू की मंत्री का विवादित बयान
इजराल में बेंजामिन नेतन्याहू ने अतिराष्ट्रवादी दलों के साथ मिलकर सरकार का गठन किया है, जिन्होंने चुनाव में आक्रामक प्रचार किया था।
Israeli Minister on Gay Patients: इसी महीने एक बार फिर से इजरायल के प्रधानमंत्री बनने वाले बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार विवादों में आ गई है और उनके एक होने वाली मंत्री ने गे मरीजों के इलाज को लेकर विवादित बयान दिया है। इजराइली प्रधानमंत्री नामित बेंजामिन नेतन्याहू की होने वाली मंत्री ने कहा है, कि इजराइली डॉक्टरों को धार्मिक आधार पर एलजीबीटीक्यू रोगियों को इलाज से इंकार करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
क्या समलैंगिकों को होगा खतरा?
इजराइली केसेट (संसद) सदस्य ओरिट स्ट्रॉक की विवादित टिप्पणी ने इस आशंका को बढ़ा दिया है, कि बेंजामिन नेतन्याहू की नई सरकार समलैंगिक अधिकारों के लिए एक अभूतपूर्व खतरा साबित हो सकती है। वहीं, इजराइली राष्ट्रपति, इसहाक हर्ज़ोग ने बढ़ते हुए एलजीबीटीक्यू विरोधी बयानबाजी की निंदा करते हुए कहा कि, "एलजीबीटीक्यू समुदाय और जनता के अन्य क्षेत्रों के खिलाफ हाल के दिनों के नस्लवादी घोषणाओं ने मुझे बेहद चिंतित और परेशान कर दिया है।" हालांकि, इजरायल में भी राष्ट्रपति का काम भारत की ही तरह होता है, जिनका पद काफी हद तक औपचारिक ही रहता है, लेकिन किसी बिल पर दस्तखत करने का आखिरी फैसला राष्ट्रपति के ही पास होता है, उन्होंने कहा कि, इस तरह के बयानबाजी ने इजरायल के "लोकतांत्रिक और नैतिक मूल्यों" को कम कर दिया है।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने क्या कहा?
वहीं, इजरायली प्रधाननमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने सांसद के बयान को अस्वीकार्य करार दिया है। उन्होंने कहा कि, उनकी नई सरकार समलैंगिक अधिकारों के लिए खतरा पैदा नहीं करेगी। लेकिन, द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू के आलोचकों का आरोप है, कि वह अपने अति-राष्ट्रवादी और अति-रूढ़िवादी गठबंधन सहयोगियों को नियंत्रित करने के लिए बहुत कमजोर हैं, जो इजरायल को धार्मिक तौर पर अत्यधिक कट्टर और इजरायल में भी दैवीय और धार्मिक सत्ता की स्थापना का स्वप्न देखते हैं। एक रेडियो इंटरव्यू में धार्मिक जिओनिस्ट पार्टी के ओरिट स्ट्रोक ने कहा था कि, सरकार बनाने के लिए गठबंधन में जो समझौता हुआ है, उसके मुताबिक डॉक्टर एलजीबीटीक्यू रोगियों को इलाज से इनकार करने में सक्षम होंगे। इसके लिए उन्होंने कानून में संशोधन की भी बात कही है।
धार्मिक विश्वास का दिया हवाला
सांसद स्ट्रोक ने कहा कि, किसी डॉक्टर के लिए किसी ऐसे मरीज का इलाज करना, जो उसके धार्मिक विश्वास के खिलाफ है, वो इनकार कर सकता है। उन्होंने कहा कि, लेकिन डॉक्टर इलाज करने से इनकार तभी करें, जब तक कि पर्याप्त डॉक्टर हों। सांसद स्ट्रोक के बयान पर हंगामा मचने के बाद उन्होंने अपने बयान को लेकर सफाई पेश की है और उन्होंने कहा है, कि वह ऐसी मेडिकल प्रक्रियाओं का उल्लेख कर रही थीं, जो धार्मिक रूप से आपत्तिजनक होंगी और उनका मकसद एलजीबीटीक्यू समुदाय नहीं था। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि वे कौन सी प्रक्रियाएं हो सकती हैं। इजरायली सांसद ने इसके समलैंगिकों के इलाज से डॉक्टरों को छूट देने के पीछे यहूदियों के धार्मिक कानून हलाखा का हवाला दिया था और कहा था, कि डॉक्टरों को इलाज के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि, "इज़राइल राज्य यहूदी लोगों का है, जिन्होंने अपने धार्मिक विश्वास के लिए अपनी जान दे दी। यह अस्वीकार्य है कि, दो हजार सालों के निर्वासन के बाद एक देश की स्थापना करने के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
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