रिपोर्ट: कट्टरपंथी ताकतों की मदद से पाकिस्तान में अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है ISIS
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में स्थित विशेषज्ञ के अनुसार, आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए इस्लामाबद सरकार भले ही लगातार अपनी कोशिशों को बढ़ाती रहे, लेकिन वे जब तक अपनी जमीन पर पल रहे आतंकियों को नहीं खदेड़ेगी तब तक आईएसआईएस जैसा आतंकी संगठन लश्कर-ए-झांगवी, जमात-उल-अरहर और तालिबान जैसे कट्टरपंथी ताकतों का प्रयोग कर हमला करवाते रहेंगे। पाकिस्तान में हाल के दिनों में ईसाई समुदायों पर लगातार हमले बढ़े हैं। इसको लेकर वहां की सरकार उचित कदम भी उठा रही है, लेकिन कट्टरपंथी ताकतों के आगे सरकार भी लाचार नजर लग रही है, जो आईएसआईएस की मदद करने में लगे हुए हैं।
पाकिस्तान बेस्ड जर्नलिस्ट Kaswar Klasra ने अपने एक आर्टिकल में कहा कि पाकिस्तान की कुल का सिर्फ 2 प्रतिशत ईसाई समुदाय है, जो आईएसआईएस के खतरों से सबसे ज्यादा पीड़ित है। उनके अनुसार पाकिस्तान में मौजूदा आतंकवादी संगठनों की मदद से आईएसआईएस ईसाइयों पर हमले करवाने में कामयाब रहा है।
अपने आर्टिकल में Klasra ने कहा कि डेढ़ साल में आतंकी हमलों की जिम्मेदारी आईएसआईएस आतंकी सगंठन ने ली है। हाल ही में 17 दिसबंर को क्वेटा में चर्च के बाहर हुए ताजा आतंकी हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली थी। इस हमले में 9 लोगों की मौत और 50 ज्यादा घायल हो गए थे।
आईएसआईएस पाकिस्तान की जमीन पर पल रहे कट्टरपंथी ताकतों की मदद से अब तक कई हमलों को अंजाम दे चुका है। जिसमें इस साल फरवरी में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुए आत्मघाती हमला सबसे भयावह था, इस हमले में 90 लोगों की जान चली गई थी और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
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