क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

रूसी कोयला खरीद रही भारतीय कंपनी, बिना कुछ किए चीन को ऐसे हो रहा फायदा

भारत की सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट चीनी मुद्रा युआन का उपयोग करते हुए रूसी कोयले का आयात कर रही है। इंडियन कस्टम्स विभाग के एक दस्तावेज की समीक्षा करने के बाद रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी

Google Oneindia News

नई दिल्ली, 30 जूनः भारत की सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट चीनी मुद्रा युआन का उपयोग करते हुए रूसी कोयले का आयात कर रही है। इंडियन कस्टम्स विभाग के एक दस्तावेज की समीक्षा करने के बाद रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। बाजार आंकड़े उपलब्ध कराने वाली कंपनी शिप-ट्रैकिंग डेटा रेफिनिटिव के मुताबिक, यह खेप रूस के पूर्वी पूर्वी बंदरगाह वानिनो पर लोड हुआ है और एमवी मंगस जहाज से लाया जा रहा है। यह जहाज फिलहाल भारत के कांधला बंदरगाह के पास है।

पहली बार हुआ ऐसा

पहली बार हुआ ऐसा

रिपोर्ट के मुताबिक भारत की अल्ट्राटेक कंपनी ने रूसी उत्पादक एसयूईके (SUEK) से 157,000 टन कोयले का आयात किया है जिसके बदले में कंपनी ने चीनी मुद्रा युआन का इस्तेमाल किया है। भुगतान करने का पहली बार देखा जा रहा है। हालांकि कारोबारियों का कहना है कि हालिया स्थिति को देखते हुए अब यह तरीका सामान्य हो सकता है। दस्तावेज के मुताबिक इसमें 5 जून के चालान का जिक्र है जिसमें कार्गो का मूल्य 172,652,900 युआन दर्ज है। भारतीय रुपये में इस खेप का मूल्य तकरीबन 2 अरब डॉलर है।

अन्य कंपनियों ने भी किया ऐसे भुगतान

अन्य कंपनियों ने भी किया ऐसे भुगतान

इस मामले के विषय में जानकारी रखने वाले दो व्यापारियों का कहना है कि रूस की कंपनी एसयूईके (SUEK) की दुबई यूनिट ने यह सौदा किया है। इनके मुताबिक कई अन्य कंपनियों ने भी युआन में भुगतान कर रूस के कोयले के ऑर्डर दिए है। ऐसा माना जा रहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे जंग का सबसे अधिक फायदा चीन को मिल रहा है। इससे वैश्विक बाजार में डॉलर के प्रभुत्व को कम करने के साथ ही चीन की मुद्रा युआन का अंतरराष्ट्रीयकरण हो रहा है।

रूस को हो रहा इसका लाभ

रूस को हो रहा इसका लाभ

युआन में भुगतान के बढ़ रहे इस्तेमाल से रूस को भी खूब लाभ हो रहा है। यूक्रेन पर आक्रमण करने की वजह से पश्चिमी देशों के रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के असर से वह बचने में उसे मदद मिल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक व्यापारियों ने फिलहाल अपनी जानकारी शेयर करने से साफ इंकार कर दिया है, क्योंकि वे इस विषय पर बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। वहीं, सिंगापुर के एक करेंसी ट्रेडर ने कहा, यह कदम महत्वपूर्ण है। मैंने अपने 25 सालों के करियर में कभी नहीं सुना कि कोई भारतीय कंपनी अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिए युआन का इस्तेमाल कर रही है। यह असल में अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को दरकिनार करने वाला कदम है।

भारत ने रूस से संबंध बेहतर

भारत ने रूस से संबंध बेहतर

इस सौदे से यह भी जाहिर होता है कि किस प्रकार भारत ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद तेल और कोयले जैसे आवश्यक संसाधनों के लिए रूस के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखा है। गौरतलब है कि भारत के रूस के साथ लंबे राजनीतिक और सुरक्षा संबंध रहे हैं। भारत ने यूक्रेन पर हमले रूस के हमले को लेकर उसकी आलोचना करने से भी दूरी बना रखी है। हालांकि इस डील में अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि किस बैंक ने अल्ट्राटेक को लेटर ऑफ क्रेडिट जारी किया है और SUEK के साथ उसका लेनदेन कैसे हुआ?

भारत-रूस भुगतान विकल्प में देरी

भारत-रूस भुगतान विकल्प में देरी

रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने रूस के साथ रुपये में भुगतान के मैकेनिज्म का विकल्प खोजा तो है लेकिन अभी तक यह अमल में लाया नहीं जा सका है। जबकि चीन के कारोबारी कई सालों से रूस के साथ कारोबार के लिए युआन का इस्तेमाल करते रहे हैं। इस मामले पर विशेषज्ञों ने बताया कि युआन का इस्तेमाल करने वाले भारतीय व्यापारियों ने चीनी मुद्रा के लिए संभवतः डॉलर्स को चीन या हांगकांग की शाखाओं में भेजना होगा और उसे युआन से बदला गया होगा।

भारत-चीन में बढ़ा द्विपक्षीय कारोबार

भारत-चीन में बढ़ा द्विपक्षीय कारोबार

दो साल पहले गलवान घाटी में भारत, चीन के बीच तनाव के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार बढ़ा है। आंकड़ें बताते हैं कि इस दौरान कंपनियों ने बड़े पैमाने पर डॉलर में भुगतान किया है। हालांकि भारत ने इस चीनी निवेश और लगातार असंतुलित हो रहे व्यापार संतुलन को लेकर कुछ चीजों पर प्रतिबंध जरूर लगा दिए हैं। इसके साथ ही इस नए भुगतान प्रक्रिया को लेकर भी सरकार अनभिज्ञ नहीं है। भारत सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार युआन में भुगतान से पूरी तरह वाकिफ है।

भारत में रूसी तेल का आयात बढ़ा

भारत में रूसी तेल का आयात बढ़ा

बता दें कि रूस द्वारा हाल ही में भारतीय व्यापारियों को दी गई भारी छूट की वजह से भारत में रूसी तेल का आयात बढ़ा है। दुबई में रूस के कोयला व्यापारियों की कारोबारी इकाइयां भारत के साथ सौदे का हब बन गई हैं। रूस के एक कोयला कारोबारी ने बताया कि उसकी सबसे बड़ी चुनौती रूस में रूबल भेजने की है। व्यापारी के मुताबिक दुबई में युआन, डॉलर या फिर दिरहम जैसी मुद्राओं में पेमेंट लेना आसान है। बाद में इन्हें रूबल में कंवर्ट कराया जा सकता है। जबकि सबसे अधिक युआन को रूबल में कंवर्ट करना आसान है। इसलिए अन्य करेंसी की तुलना में इसे तरजीह दी जा रही है।

एक सप्ताह से चाकू लेकर घूम रहा बंदर, उस पर रोज लगाता है धार, लोगों ने घरों से निकलना किया बंदएक सप्ताह से चाकू लेकर घूम रहा बंदर, उस पर रोज लगाता है धार, लोगों ने घरों से निकलना किया बंद

Comments
English summary
indian UltraTech Cement company Paying For Russian Coal In Chinese Yuan
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X