PM मोदी के अमेरिका के राजकीय दौरे की जोरशोर से तैयारी, जानिए कैसा शाही इंतजाम करेंगे बाइडेन?
मेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल दिसंबर में अपने पहले राजकीय रात्रिभोज के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉन की मेजबानी की थी और अब दूसरी यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की होने वाली है।
Modi
To
Visit
America:
भारत
के
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
आने
वाले
दिनों
में
अमेरिका
की
राजकीय
यात्रा
करने
जा
रहे
हैं
और
पीएम
मोदी
की
यूएस
यात्रा
की
जोरशोर
से
तैयारी
शुरू
हो
गई
है।
दिप्रिंट
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
पीएम
मोदी
की
यात्रा
को
लेकर
चल
रही
तैयारियों
से
वाकिफ
एक
अमेरिकी
अधिकारी
और
मामले
की
जानकारी
रखने
वाले
एक
अन्य
व्यक्ति
के
मुताबिक,
इस
साल
पीएम
मोदी
अमेरिका
की
राजकीय
यात्रा
करेंगे
और
इसके
लिए
अमेरिकी
अधिकारी
लगातार
भारतीय
अधिकारियों
के
साथ
बातचीत
कर
रहे
हैं,
जिसमें
यात्रा
के
कार्यक्रमों
पर
बातचीत
चल
रही
है।
बाइडेन प्रशासन कर रहा भारत से बात
दिप्रिंट के मुताबिक, बाइडेन प्रशासन ने इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश का राजकीय अतिथि बनाकर देश आमंत्रित किया है और माना जा रहा है, कि इस साल जून या जुलाई महीने में पीएम मोदी राजकीय अतिथि बनकर अमेरिका जाएंगे। राजकीय अतिथि बनकर किसी देश का दौरा करने, किसी सामान्य दौरे से बिल्कुल अलग होता है और अमेरिकी अधिकारयों का कहना है, कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ संबंधों को गहरा करने के लिए काफी उत्सुक हैं और उनका मानना है, कि दुनिया की निरंकुश सत्तावादी ताकतें, खासकर चीन के खिलाफ और निरंकुश समाजों के खिलाफ चल रहे प्रतियोगिता को जीतने के लिए अमेरिका को निश्चित तौर पर भारत का साथ चाहिए। हालांकि, पीएम मोदी के संभावित दौरे को लेकर व्हाइट हाउस और वाशिंगटन में भारतीय दूतावास ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
यात्रा की तारीख अभी तय नहीं
सूत्रों ने कहा, कि यात्रा की तारीखों को फिलहाल अंतिम रूप नहीं दिया गया है। इस सप्ताह व्हाइट हाउस की संभावित यात्रा के बारे में उस वक्त चर्चा और तेज हो गई, जब भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोलाल ने वॉशिंगटन में अपने समकक्ष जैक सुलिवन के साथ अमेरिका-भारत संबंधों पर बैठक की। इस दौरान अजीत डोभाल, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी मुलाकात की। इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य उपकरण, सेमिकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर संबंधों को गहरा करने के लिए साझेदारी की शुरूआत की गई। हालांकि, खबर ये भी है, कि नई दिल्ली और मॉस्को के बीच सैन्य अभ्यास और भारत का लगातार रूस से तेल खरीदने को लेकर वॉशिंगटन अभी भी निराश है और अभी भी अमेरिका, भारत पर यूक्रेन युद्ध शुरू करने के लिए रूस को दंडित करने के लिए भारत पर जोर दे रहा है।
चीन के खिलाफ भारत-अमेरिका
भारत ने बुधवार को पेश किए गये अपने बजट में अपने सैन्य खर्च को 13% बढ़ाकर 72.6 अरब डॉलर कर दिया है, क्योंकि चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत ज्यादा से ज्यादा फाइटर जेट्स खरीदना चाहता है। वहीं, भारत की कोशिश चीन के साथ लगती सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क संपर्क को भी बढ़ाना है। भारत और चीन 2,100 मील (3,400 किलोमीटर) सीमा साझा करते हैं, जो 1950 के दशक से विवादित है। लिहाजा, इस काम के लिए भारत को निश्चित तौर पर अमेरिका की जरूरत होगी। वहीं, भारत इस साल जी20 शिखर सम्मेलन की भी मेजबानी कर रहा है, लिहाजा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इस साल सितंबर मबीने में नई दिल्ली की यात्र करने वाले हैं। वहीं, इस दौरान भारत में क्वाड देशों की बैठक भी होगी, जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। लिहाजा, उम्मीद है, कि जून या जुलाई महीने में पीएम मोदी के अमेरिका दौरे का कार्यक्रम बन सकता है।
अमेरिका के लिए काफी अहम है भारत
अमेरिका के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, कि "राष्ट्रपति बाइडेन का मानना है, कि दुनिया की दो प्रमुख ज्ञान अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत और अमेरिका के बीच यह साझेदारी काफी आवश्यक है। उनका (बाइडेन) मानना है, कि आज दुनिया जिन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है, उनमें से किसी भी बड़ी चुनौती से निपटने के लिए कोई भी सफल और स्थायी प्रयास नहीं किया जा रहा है, चाहे हम खाद्य या ऊर्जा या स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु संकट, या एक मुक्त और खुले इंडो- पैसिफिक को बनाए रखने की बात कर रहे हों"। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने वाशिंगटन में भारतीय पत्रकारों के एक समूह को बताया, कि इन सभी मुद्दो पर "अमेरिका-भारत साझेदारी के बिना काम हो, ये संभव नहीं है।"
भारत के उदय का समर्थन- US
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल टोक्यो में अमेरिका-भारत संबंध को विश्वास की साझेदारी और अच्छी वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए एक ताकत के रूप में वर्णित किया था। वहीं, अमेरिकी अधिकारी ने कहा, कि "अमेरिका वास्तव में मानता है, कि वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय का समर्थन करना हमारे रणनीतिक हित में है। हम इसे क्वाड और जी-20 में भारत की अध्यक्षता दोनों में इसे देखते हैं। यह इस सुसंगत यूएस-इंडो पैसिफिक रणनीति की एक बड़ी दृष्टि का वर्णन करता है, जिसके लिए आवश्यक है कि अमेरिका और भारत दोनों एक साथ आएं और ऐसा करने के लिए लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर करें। आपको बता दें, कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल दिसंबर में अपने पहले राजकीय रात्रिभोज के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉन की मेजबानी की थी और अब दूसरी यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की होने वाली है।
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