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भारत का सबसे मजबूत ट्रेड पार्टनर बना रूस, मोदी सरकार की विदेश नीति को डिगा नहीं पाया अमेरिका

S&P Global Market Intelligence, S&P Global का एक विभाग है। एसएंडपी ग्लोबल वैश्विक पूंजी, कमोडिटी और ऑटोमोटिव बाजारों में क्रेडिट रेटिंग, बेंचमार्क, एनालिटिक्स और वर्कफ्लो समाधान का दुनिया का अग्रणी प्रदाता है।

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India-Russia Trade Partners: अमेरिका और पश्चिमी देशों के भारी विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने अपनी विदेश नीति से जरा भी समझौता नहीं करते हुए रूस के साथ भारी व्यापार जारी रखा है और मंगलवार को जारी नई एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है, कि यूक्रेन में युद्ध की वजह से जहां वैश्विक बाजार बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं और कई देशों के बाजार पर गंभीर असर पड़ा है, वहीं भारत और रूस एक मजबूत व्यापारिक भागीदार बनकर सामने आए हैं। एसएंडपी की ये रिपोर्ट भारत की तटस्थ और गुटनिरपेक्ष विदेश नीति की पुष्टि करते हैं, क्योंकि भारत ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्रेशर को दरकिनार करते हुए रूस के साथ व्यापार जारी रखा है।

भारत-रूस बने मजबूत व्यापारिक भागीदार

भारत-रूस बने मजबूत व्यापारिक भागीदार

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है, कि यूक्रेन युद्ध के बीच दुनियाभर के बाजारों में अस्थिरता देखी गई है, जबकि भारत और रूस एक मजबूत व्यापार भागीदार के तौर पर उभरे हैं, वहीं दोनों देशों के बीच की ये व्यापारिक भागीदारी साल 2023 में भी इसी तरह से बने रहने की उम्मीद है। हाल ही में प्रकाशित '2023 ग्लोबल ट्रेड आउटलुक', एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की बिग पिक्चर 2023 आउटलुक रिपोर्ट सीरीज का हिस्सा है। एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के इकोनॉमिक्स मैनेजर एग्निज़्का मैसीजेवस्का ने कहा कि, 'भारत के साथ रूस का कुल इम्पोर्ट का ट्रेड वैल्यू हाल के महीनों में बढ़ा है। खास कर तेल, गैस और कोयले की बढ़ती कीमतों के बीच दोनों देशों के बीच ऊर्जा के व्यापार में बड़ा उछाल आया है और रूस के साथ व्यापार में कई देश शामिल हैं, जिसका नेतृत्व भारत कर रहा है। और पिछले साल के मुकाबले यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से मंथ-टू-मथ ट्रेड वॉल्यूम में सौ फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।'

मोदी सरकार की मजबूत विदेश नीति

मोदी सरकार की मजबूत विदेश नीति

आपको बता दें कि, S&P Global Market Intelligence, S&P Global का एक विभाग है। एसएंडपी ग्लोबल वैश्विक पूंजी, कमोडिटी और ऑटोमोटिव बाजारों में क्रेडिट रेटिंग, बेंचमार्क, एनालिटिक्स और वर्कफ्लो समाधान का दुनिया का अग्रणी प्रदाता है। इस रिपोर्ट में रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से व्यापार में प्रत्याशित बदलाव के साथ-साथ 2023 में कंटेनरीकृत व्यापार के लिए पॉजिटिव एंगल पर प्रकाश डाला गया है, जबकि पूरी दुनिया में साल 2022 में अनुमानित आर्थिक मंदी की वजह से वर्ष-दर-वर्ष (इयर-टू-इयर) सिर्फ 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि भारत-रूस का व्यापार काफी ज्यादा हो गया है, जो एक पॉजिटिव बात है। इसने नए इंटरनेशनल मेरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन (IMO) के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला, जिसे 2023 में पेश किया जाएगा।

भारतीय व्यापार में तेजी का अनुमान

भारतीय व्यापार में तेजी का अनुमान

रूस से आयात में उल्लेखनीय वृद्धि की वजह से भारत को साल 2023 में व्यापार में तेजी देखने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, इसकी वजह से भारतीय ट्रेड वैल्यू में इस साल के 1.3 प्रतिशत के मुकाबले अगले साल 3.5 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। जबकि, भारतीय ट्रेड वॉल्यूम में इस साल के 3.8 प्रतिशत के मुकाबले अगले साल 7.3 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में रूस का सबसे बड़ा आयात चीन होगा और चीन के बाद तुर्की, बेलारूस और कजाकिस्तान का स्थान होगा। हालांकि, चीन की मौजूदा आर्थिक मंदी काफी अनिश्चितता का माहौल बना रही है। लेकिन, रूस के साथ पश्चिमी देशों का व्यापार करीब करीब ठप पड़ जाएगा। लेकिन, अगर रूस 2022-23 की सर्दियों में भी यूरोप को गैस की आपूर्ति में कटौती करता है, तो फिर रूस और यूरोप के व्यापार में और भी ज्यादा गिरावट आ जाएगी।

कंटेनर व्यापार में भी आएगा उछाल

कंटेनर व्यापार में भी आएगा उछाल

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के ग्लोबल ट्रेड एनालिटिक्स सूट (जीटीएएस) ने अनुमान लगाया है कि, 2022 में 0.7 प्रतिशत (y/y) की वृद्धि के बाद 2023 में कंटेनरीकृत व्यापार में 3.2 प्रतिशत (y/y) की वृद्धि होगी। वहीं, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, कि साल 2023 में चीन जितने सामानों का निर्यात करेगा, उनमें से पचास प्रतिशत निर्यात कंटेनरों का होगा। लेकिन, इसके साथ ही चेतावनी देते हुए ये भी कहा गया है, कि इस तरह के व्यापार के दीर्घकालिक प्रभाव होते हैं और ऐसी स्थिति में कभी भी बदलाव आने की आशंका बनी रहती है, जिससे निर्यात में सीधे गिरावट आ जाती है।

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English summary
India and Russia have become strong trading partners in the year 2022 and are likely to remain so in the year 2023 as well.
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