भारत ने दिखाया बड़ा दिलः प्रतिबंध के बावजूद इस देश को भेजा हजारों टन गेहूं
नई दिल्ली, 19 मईः भारत ने बीते सप्ताह गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने की घोषणा की थी। इसके पीछे सरकार ने घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने की वजह बताया था। लेकिन गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बीच भारत ने मिस्र को 61,500 टन गेहूं भेज दिया है। देश द्वारा गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद यह सबसे बड़ी विदेशी खेप है। इससे पहले मिस्र के आपूर्ति मंत्री अली मोसेली ने कहा था कि इस प्रतिबंध का मिस्र और भारत के बीच हुए करार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भारत सरकार ने दी अनुमति
इससे पहले मिस्र सरकार द्वारा कांडला बंदरगाह पर लदान किए जा रहे गेहूं के माल की अनुमति देने का अनुरोध किया था। मिस्र की गेहूं निर्यात में लगी कंपनी मैसर्स मेरा इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भी 61,500 मीट्रिक टन गेहूं की लोडिंग पूरी करने के लिए अनुरोध किया था, जिसमें से 44,340 मीट्रिक टन गेहूं पहले ही लोड किया जा चुका था और केवल 17,160 मीट्रिक टन लोड किया जाना बाकी था। इसके बाद सरकार ने 61,500 मीट्रिक टन की पूरी खेप की अनुमति देने का फैसला किया और इसे कांडला से मिस्र जाने की अनुमति दी थी।
17 मई को रवाना हुई खेप
हालांकि भारत के निर्यात प्रतिबंध के प्रभावी होने से पहले पूरे शिपमेंट के लिए क्रेडिट गारंटी सहित सभी अनिवार्य औपचारिकताएं जिन्हें लेटर ऑफ क्रेडिट कहा जाता है, को सुरक्षित कर लिया गया था। इसके बाद मैसर्स मेरा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को गेहूं के एक हिस्से के लिए क्लीयरेंस दे दिया गया। मिस्र को निर्यात की जाने वाली गेहूं की आखिरी खेप 17 मई को गुजरात के कांडला बंदरगाह से रवाना हो गयी।
12 देशों ने भेजा राजनयिक अनुरोध
दूनिया
के
दूसरे
सबसे
बड़े
गेहूं
उत्पादक
देश
भारत
ने
कहा
13
मई
को
कहा
था
कि
वह
खाद्य
सुरक्षा
का
उचित
प्रबंधन
करने
के
लिए
गेहूं
के
सभी
निजी
निर्यात
को
निलंबित
कर
रहा
है।
केवल
वे
व्यापारी
जिन्होंने
13
मई
को
या
उससे
पहले
क्रेडिट
गारंटी
प्राप्त
की
थी
वे
ही
गेहूं
का
निर्यात
कर
सकते
हैं।
भारत
सरकार
के
एक
अधिकारी
ने
कहा
कि,
इस
बीच
कम
से
कम
एक
दर्जन
देशों
ने
अधिक
शिपमेंट
के
लिए
भारत
को
राजनयिक
अनुरोध
भेजा
है।
जल्द होगी समीक्षा बैठक
ऐसे देश जो गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं, उनके शिपमेंट अनुरोधों पर सरकार जल्द विचार करेगी। हालांकि अधिकारी ने उन लगभग एक दर्जन देशों का नाम बताने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारी अनुरोधों की समीक्षा के लिए जल्द ही बैठक करने वाले हैं।
अनाज उत्पादन में आई गिरावट
सरकार के अनुमानों के मुताबिक भारत में लगातार पांच वर्षों के रिकॉर्ड फसल उत्पादन के बाद पहली बार अनाज उत्पादन में गिरावट आयी है। वहीं ज्यादातर देशों ने गेहूं निर्यात पर अपने-अपने तरीके से प्रतिबंध लगाया है। गेहूं की पैदावार में अनुमानित कमी और निर्यात में वृद्धि को देखते हुए बाजार में गेहूं और उससे बने उत्पादों के मूल्य में तेजी आने लगी थी। इस पर काबू पाना जरूरी था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय गेहूं के स्टाकिस्टों और सटोरियों के सक्रिय होने की आशंका भी बढ़ गई थी।