India-China tension: गलवान में Indian Army के सैनिकों के बंदी बनाए जाने पर चीन ने क्या जवाब दिया
dsबीजिंग।
चीन
ने
उस
खबर
से
इनकार
किया
है
कि
उसने
किसी
भारतीय
सैनिक
को
पकड़ा
था।
चीन
के
विदेश
मंत्रालय
की
तरफ
से
शुक्रवार
को
इस
पर
आधिकारिक
टिप्पणी
की
गई
है।
सेना
के
मामलों
पर
नजर
रखने
वाले
विशेषज्ञों
की
मानें
तो
चीन
कहीं
न
कहीं
अब
अंतरराष्ट्रीय
दबाव
को
महसूस
कर
रहा
है
और
यह
बयान
इस
बात
को
साबित
करता
है।
शुक्रवार
को
अखबार
द
हिंदू
की
एक
रिपोर्ट
में
सूत्रों
के
हवाले
से
दावा
किया
गया
था
कि
पीपुल्स
लिब्रेशन
आर्मी
(पीएलए)
ने
उन
10
भारतीय
सैनिकों
को
रिहा
कर
दिया
है
जिन्हें
15
जून
को
पूर्वी
लद्दाख
के
गलवान
में
हुई
हिंसा
के
बाद
पकड़
लिया
गया
था।
यह भी पढ़ें-चीन ने रिहा किए इंडियन आर्मी के 10 सैनिक!
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विदेश मंत्रालय की तरफ से दिया गया जवाब
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने डेली मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही है। लिजियान से भारत-चीन सीमा पर हालातों के बारे में पूछा गया था। चीन के सरकार चैनल सीजीटीएन के मुताबिक लिजियान ने जवाब में कहा है कि किसी भी भारतीय सैनिक को पकड़ा नहीं गया था। रक्षा सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक गुरुवार को चीन ने भारतीय सैनिकों को रिहा किया है। सोमवार को गलवान घाटी (पेट्रोलिंग प्वाइंट 14) पर हुए हिंसक टकराव में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए हैं। जबकि कुछ सैनिकों को चीन ने बंदी बना लिया है, ऐसी खबरें भी आई थीं।
15 दिनों में ड्यूटी ज्वॉइन कर लेंगे घायल सैनिक
सेना की तरफ से गुरुवार को कहा गया था कि कोई भी सैनिक गायब नहीं है। जिन सैनिकों को चीन ने रिहा किया है उसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और तीन मेजर रैंक के ऑफिसर भी शामिल हैं। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक इन सैनिकों को गुरुवार शाम करीब पांच बजे रिहा किया गया है। अखबार ने सूत्रों के हवाल से बताया है कि किसी भी सैनिक को चीन ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। सेना ने यह भी कहा है कि जवानों के पास हथियार थे और वो बिना हथियार के पेट्रोलिंग नहीं कर रहे थे। इन सैनिकों की रिहाई के बाद आज भारत और चीन की सेना के बीच एक और दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता होनी है। सेना ने कहा है कि 15 दिनों के बाद हिंसा में घायल जवान ड्यूटी ज्वॉइन कर लेंगे।
58 सैनिक अलग-अलग अस्पतालों में
इंडियन आर्मी सेना की तरफ से आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि कर दी गई है कि सभी सैनिक पूरे हैं और कोई भी गायब नहीं है। सेना सूत्रों की ओर से बताया गया है कि कोई भी सैनिक अब नाजुक हालत में नहीं है और सभी की हालत स्थिर है। 18 सैनिक लेह स्थित आर्मी हॉस्पिटल में हैं और अगले 15 दिनों में ड्यूटी ज्वॉइन कर लेंगे। 58 सैनिक अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। ये भी अगले एक हफ्ते में ड्यूटी पर लौट आएंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा है कि 15 जून को जो हमला हुआ है उसमें हर भारतीय जवान के पास हथियार थे।
गलवान घाटी में तैयार 60 मीटर लंबा पुल
चीन के साथ तनाव के बीच ही इंडियन आर्मी इंजीनियरों ने उस 60 मीटर लंबे पुल को पूरा कर लिया है जो पूर्वी लद्दाख में गलवान नदी पर बन रहा था। इस पुल को लेकर ही चीन खासा परेशान था और उसने इसक निर्माण कार्य रोकने की भी कोशिशें की थीं। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से इस बात की जानकारी दी गई है। इस पुल के पूरा हो जाने से भारत सेना (इनफेंट्री) को नदी के दूसरी तरफ जाने में बड़ी मदद मिलेगी। टॉप ऑफिसर्स के मुताबिक साथ ही पुल के बन जाने से सेना अब 255 किलोमीटर लंबी रणनीतिक रोड जो दारबुक से दौलत बेग ओल्डी तक जाती है, उसकी सुरक्षा भी हो सकेगी। दौलत बेग ओल्डी में भारत की आखिरी पोस्ट है और यह काराकोराम पास के दक्षिण में पड़ती है।
बॉर्डर पर प्रोजेक्ट्स तेजी से हो रहे पूरे
सेना के इंजीनियर्स ने जिस पुल का काम पूरा किया है वह 60 मीटर लंबा है। इस पुल के बन जाने से पूर्वी लद्दाख के संवेदनशल इलाकों तक सेना की पहुंच आसयान हो जाएगी। इस पुल के निर्माण कार्य से चीन सबसे ज्यादा चिढ़ा हुआ था। बताया जा रहा है कि लद्दाख में एलएसी पर जारी टकराव में इस पुल का बड़ा रोल है। आपको बता दें कि पीएलए के वेस्टर्न थियेटर कमांड की तरफ से गलवान घाटी पर दावा जताया गया है और भारत की तरफ से इसे खारिज कर दिया गया है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को पुल का निर्माण कार्य पूरा हुआ है। यह इस बात का इशारा है कि आर्मी इंजीनियर्स की तरफ से बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर के काम को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है।