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भारत-ऑस्ट्रेलिया हैं स्वाभाविक भागीदार, चीन ने व्यापार को हथियार बनाया- ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री के दूत

ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के स्पेशल दूत ने टोनी एबॉट ने कहा कि, कैनबरा को विश्वास है कि एफटीए (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक प्रारंभिक फसल व्यापार समझौता कर सकता है।

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नई दिल्ली, दिसंबर 03: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के विशेष व्यापार दूत टोनी एबॉट ने शुक्रवार को कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया स्वाभाविक आर्थिक साझेदार हैं। टोनी एबॉट ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "भारत और ऑस्ट्रेलिया प्राकृतिक आर्थिक साझेदार हैं। भारत एक महान मैन्यूफैक्चरिंग देश है और ऑस्ट्रेलिया के पास रिसोर्सेस की कमी नहीं हैं। लिहाजा ऑस्ट्रेलिया के पास भारत को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि 'मेक इन इंडिया' एक वास्तविकता बन जाए।"

भारत-ऑस्ट्रेलिया स्वाभाविक भागीदार

भारत-ऑस्ट्रेलिया स्वाभाविक भागीदार

ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के स्पेशल दूत ने टोनी एबॉट ने कहा कि, कैनबरा को विश्वास है कि एफटीए (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक प्रारंभिक फसल व्यापार समझौता कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि, "मुझे विश्वास है कि हम भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जल्द फसल व्यापार समझौता कर सकते हैं।" एबॉट ने गुरुवार को भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार के तरीकों पर व्यापक चर्चा की। गोयल के साथ बैठक के बारे में बोलते हुए एबॉट ने कहा कि, "हमारी पिछली रात की चर्चा के आधार पर हमने छोटा नहीं, बल्कि बड़ा सौदा करने का फैसला लिया है और 2021 में दोनों देशों के बीच ये सौदा होगा।''

आरसीईपी पर भारत की तारीफ

आरसीईपी पर भारत की तारीफ

ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री के विशेष व्यापार दूत टोनी एबॉट ने शुक्रवार को क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में शामिल नहीं होने के भारत के फैसले को एक "चालाक" कदम बताया है। नई दिल्ली में एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद को आगे बताते हुए टोनी एबट ने कहा कि "भारत द्वारा आरसीईपी से बाहर निकलने के लिए एक स्मार्ट कदम था ताकि हम भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय सौदे पर ध्यान केंद्रित कर सकें।" आपको बता दें कि, आरसीईपी दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) के 10 सदस्य देशों के बीच एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता है, जिसमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, और वियतनाम हैं और आसियान के पांच एफटीए साझेदार ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया हैं।

चीन ने व्यापार को हथियार बनाया

चीन ने व्यापार को हथियार बनाया

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के विशेष दूत ने कहा है कि, चीन ने व्यापार को हथियार बना दिया है और बीजिंग को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखना मुश्किल है। नई दिल्ली में वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऑस्ट्रेलिया के विशेष व्यापार दूत ने कहा कि भारत में लोकतंत्र, कानून का शासन और व्यापार की अच्छी समझ है। एबॉट ने कहा, "एक ऑस्ट्रेलियाई के रूप में हमने व्यापार के शस्त्रीकरण को देखा है। 20 अरब डॉलर मूल्य के ऑस्ट्रेलियाई व्यापार को चीन ने बाधित या निलंबित कर दिया है। चीन को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखना बहुत मुश्किल है।"

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English summary
Tony Abbott, Special Envoy to the Australian Prime Minister, said that India and Australia are natural trading partners, while China has used trade as a weapon.
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