क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अखुंदजादा को देख भावुक होकर रोने लगे बच्चे, बदबूदार मदरसे से मिला तालिबान के रहस्यमयी नेता का राज

कंधार में स्थिति हकीमा मस्जिद से तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला अखुंदजादा को लेकर जानकारियां हाथ लगी हैं।

Google Oneindia News

काबुल, दिसंबर 03: अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और 15 अगस्त के बाद से तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्ला अखुंदजादा के ठिकाने को लेकर वर्षों पुराना रहस्य और गहरा गया है। तालिबान का बुजुर्ग मौलवी जिंदा है, या मर चुका है, इस बारे में अफगानिस्तान में ना सिर्फ रहस्य काफी ज्यादा गहराया हुआ है, बल्कि अफगान में अनिश्चितता भी फैली हुई है और विश्लेषकों को भी इस बात पर संदेह है, कि आखिर तालिबान का नेतृत्व अब कौन कर रहा है।

अखुंदजादा, जिंदा है या मर गया?

अखुंदजादा, जिंदा है या मर गया?

समाचार एजेंसी एएफपी ने तालिबान के इस रहस्यमयी नेता का पता लगाने के लिए एक एक कड़ी को जोड़ना शुरू किया, लेकिन अखुंदजादा को लेकर निष्कर्ष अनिर्णायक ही है। 30 अक्टूबर को तालिबान के एक प्रवक्ता ने जोर देकर कहा था कि, अखुंदजादा कंधार में जीवित और अच्छी स्थिति में है। वहीं, दक्षिणी शहर में अफवाहें फैल गईं कि थी कि "अमीर" ने कुरानिक स्कूल या मदरसे में भाषण दिया था। और उस अफवाह पर तालिबान अधिकारियों ने हकीमिया मदरसे में उसकी उपस्थिति की प्रामाणिकता पर मुहर लगा दी। करीब 10 मिनट से अधिक समय तक चलने वाली एक कर्कश ऑडियो रिकॉर्डिंग भी जारी की गई थी।

ऑडियो से जिंदा होने का सबूत?

ऑडियो से जिंदा होने का सबूत?

तालिबान की तरफ से अखुंदजादा का जो ऑडियो जारी किया गया था, उसमें कहा जा रहा था कि, "ईश्वर अफगानिस्तान के उत्पीड़ित लोगों को पुरस्कृत करे जिन्होंने काफिरों और उत्पीड़कों से 20 साल तक लड़ाई लड़ी"। ऑडियो में एक बूढ़े शख्स की कर्कश आवाज गुंज रही थी, जिसे अखुंदजाता बताया गया था। अखुंदजादा को लेकर तालिबान की तरफ से पहले भी ज्यादा जानकारियां सार्वजनिक नहीं की गई थीं और इस्लामिक पर्व पर अखुंदजादा का लिखित संदेश ही जारी किया जाता था। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के कंधार प्रांत के एक सबसे गरीब शहर में काफी ज्यादा बदबूदार गंदगी के बीच हकीमिया मदरसा स्थिति है, जिसके नीले-सफेद दरवाजे पर तालिबान के गार्ड्स पहरा देते रहते हैं।

अब मदरसे के पास रहती है भीड़

अब मदरसे के पास रहती है भीड़

रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबान के शासन आने से पहले हकीमिया मदरसे का इलाका खाली रहता था, लेकिन 15 अगस्त को देश पर तालिबान के कब्जे के बाद मदरसे के पास तालिबान समर्थकों की काफी ज्यादा भीड़ रहती है। इस भीड़ को देखने के लिए भी लोगों की उत्सुकता बनी रहती है। मदरसा के सुरक्षा प्रमुख मासुम शकरुल्लाह ने एएफपी को बताया कि, जब मदरसे के अंदर तालिबान के सर्वोच्च नेता अखुंदजादा पहुंचा था, तो उसके कंधे पर भी हथियार लटक रहा था और उस वक्त उसकी सुरक्षा के लिए वहां पर तीन सुरक्षा गार्ड मौजूद थे।

अखुंदजादा को देख भावुक हुए बच्चे'

अखुंदजादा को देख भावुक हुए बच्चे'

मदरसा के सुरक्षा प्रमुख मासुम शकरुल्लाह ने एएफपी को बताया कि, "अखुंदजादा के मदरसा दौरे के दौरान यहां तक कि सेलफोन और साउंड रिकॉर्डर" को भी कार्यक्रम स्थल में जाने की अनुमति नहीं थी।'' वहीं, मदरसे में पढ़ने वाले 19 साल के एक छात्र मोहम्मद ने कहा कि, "हम सब उसे देख रहे थे और बस रो रहे थे"। यह पूछे जाने पर, कि क्या वह पुष्टि कर सकते हैं कि वह निश्चित रूप से अखुंदजादा ही था, 19 साल के मोहम्मद ने कहा कि, वह और उसके साथी इतने खुश थे कि वे "उसका चेहरा देखना भूल गए"।

गायब रहते हैं तालिबानी नेता

गायब रहते हैं तालिबानी नेता

आपको बता दें कि, अमेरिका लगातार तालिबान नेताओं को ड्रोन से मारता रहता था, लिहाजा अपनी जान बचाने के लिए तालिबान के बड़े नेताओं ने खुद को अंडर ग्राउंड कर लिया था और वो काफी कम प्रोफाइल जिंदगी जीने लगे थे। 2016 में अपने पूर्ववर्ती मुल्ला अख्तर मंसूर के अमेरिकी हमले में मारे जाने के बाद अखुंदजादा शीर्ष स्थान पर पहुंच गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, अखुंदजादा ने जल्दी ही अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी का समर्थन भी हासिल कर लिया, जिसने उसे "वफादारों का अमीर" कहा।

अलकायदा से अच्छे संबंध

अलकायदा से अच्छे संबंध

ओसामा बिन लादेन के उत्तराधिकारी अल-जवाहिरी से समर्थन मिलने के बाद तालिबान के अंदर उसे पूरा समर्थन मिल गया और उसकी जिहादी साख को और मजबूती मिली। तालिबान ने पांच साल पहले अखुंदजादा की सिर्फ एक तस्वीर जारी की थी, जब उसने समूह की बागडोर संभाली थी और उसके बाद से उसकी एक भी तस्वीर जारी नहीं की है। तालिबान ने अखुंदजादा की जो तस्वीर जारी की थी, उसमें वो लंबी दाढ़ी के साथ एक सफेद पगड़ी पहना हुआ दिख रहा था। तालिबान ने तस्वीर जारी करते हुए कहा था कि, ये तस्वीर करीब 20 साल पहले ली हई थी, लिहाजा किसी को पता नहीं है कि, वो अब कैसा दिखता है। मदरसे के प्रमुख मौलवी सैद अहमद ने कहा कि, तिबान के सर्वोच्च नेता की उपस्थिति ने उनकी मृत्यु के बारे के "अफवाहों और प्रचार" को खारिज कर दिया। वहीं, 13 साल के मोहम्मद मूसा ने कहा कि, वो बिल्कुल वैसा ही दिख रहा था, जैसे वो तस्वीर में दिखता है।

कौन हैं गीता गोपीनाथ, जिन्हें बनाया गया है IMF का 'बॉस नंबर-2', भारत का बढ़ाया सम्मानकौन हैं गीता गोपीनाथ, जिन्हें बनाया गया है IMF का 'बॉस नंबर-2', भारत का बढ़ाया सम्मान

Comments
English summary
Information about the Taliban's supreme leader Mullah Akhundzada has been received from the Hakima Mosque in Kandahar.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X