
Giorgia Meloni: 100 साल बाद इटली में लौट आया फासीवाद, जियोर्जिया मेलोनी होंगी प्रधानमंत्री!
रोम, सितंबर 26: इटली एक ऐतिहासिक चुनावी नतीजे के कगार पर है और 25 सितंबर को हुए चुनाव के बाद पहली बार एक महिला के हाथों में देश की कमान हो सकती है और जियोर्जिया मेलोनी इटली की नई प्रधानमंत्री बन सकती है। चुनाव के बाद जितने भी एग्जिट पोल के रूझान आए हैं, उनमें जियोर्जिया मेलोनी की पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है और वो देश की अगली प्रधानमंत्री बनने के काफी करीब पहुंच गई हैं। इटली के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई महिला देश की प्रधानमंत्री बनेंगी। वहीं, द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब देश में दक्षिणपंथी पार्टी की सरकार बनेगी।

100 साल बाद मुसोलिनी राज!
इटली ने बेनेटो मुसोलिनी के बाद किसी दक्षिणपंथी नेता के हाथ में इटली की कमान आने वाली है और 'ब्रदर्स ऑफ इटली' पार्टी की नेता जियोर्जिया मेलोनी को भारी मतों से जीत मिलने की संभावना जताई गई है और वो पहली महिला होंगी, जो इटली की प्रधानमंत्री बनेंगी। बेनिटो मुसोलिनी के फासीवादी युग के बाद से ये पहली बार है, जब इटली ने एक बार फिर दक्षिणपंथी पार्टी को अपना समर्थन दिया है। सोमवार की सुबह मीडिया और समर्थकों को संबोधित करते हुए जियोर्जिया मेलोनी ने अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया और कहा कि यह "कई लोगों के लिए गर्व की रात और रिलेक्श करने की रात थी।" उन्होंने कहा कि, "यह एक जीत है जिसे मैं उन सभी को समर्पित करना चाहती हूं जो अब हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन ऐसी ही रात चाहते थे। कल से हमें अपना वैल्यू दिखाना होगा ... इटालियंस ने हमें चुना है, और हम उन्हें धोखा नहीं देंगे, क्योंकि धोखा देना हमारी फितरत में नहीं है।"

चुनाव में जियोर्जिया मेलोनी को जीत!
इटली गृहमंत्रालय के मुताबिक, प्रारंभिक परिणामों ने मेलोनी की 'ब्रदर्स ऑफ इटली' पार्टी के नेतृत्व में दक्षिणपंथी पार्टियों के गठबंधन को कम से कम 44% वोट मिल मिल चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक 63 प्रतिशत मतों की गिनती की गई है, जिसमें दक्षिणपंथी पार्टी 'ब्रदर्स ऑफ इटली' को 26 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिल चुके हैं, वहीं गठबंधन पार्टियों में शामिल माटेओ साल्विनी की 'द लीग' पार्टी को 9 प्रतिशत और सिल्वियो बर्लुस्कोनी की फोर्जा इटालिया पार्टी को 8 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिल चुके हैं। अंतिम परिणाम आज शाम तक आ जाएंगे, हालांकि नई सरकार के गठन में अभी कई और हफ्ते लगने की संभावना है। जियोर्जिया मेलोनी की पार्टी की विचारधारा मुसोलिनी के फासीवाद से ही प्रेरित है और हाल के वर्षों में उनकी पार्टी की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। साल 2018 में उनकी पार्टी को सिर्फ 4.5 प्रतिशत वोट ही मिले थे।

ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की लोकप्रियता का राज
ब्रदर्स ऑफ इटली की लोकप्रियता का मतलब साफ शब्दों में समझे तों, इटली की मुख्यधारा की राजनीति को खारिज कर दिया गया है, साल्विनी लीग जैसी एंटी स्टेब्लिशमेंट पार्टियों को जनता का भारी समर्थन मिला है। रविवार शाम को शुरूआती नतीजे सामने आने के बाद साल्विनी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'सेंटर राइट पार्टी को सदन और सीनेट, दोनों ही जगहों पर स्पष्ट लाभ मिल रहा है और बहुमत की तरफ हम बढ़ रहे हैं। ये एक लंबी रात होने वाली है और मैं सभी लोगों को धन्यवाद कहना चाहता हूं।' इटली में सौ सालों के बाद फासीवादी पार्टी का सत्ता में आना पूरी दुनिया में होने वाली राजनीतिक परिवर्तन को दर्शाती है, जिसमें दक्षिणपंथी पार्टियों को स्वीकृति मिल रही है।

अब तक किस पार्टी को कितने वोट?
45 साल की जियोर्जिया मेलोनी रोम की रहने वाली हैं, जिनका चुनावी कैंपेन 'ईश्वर, देश और परिवार' था और उनकी पार्टी का एजेंडा यूरोसंशयवाद, इमिग्रेशन का प्रबल विरोध था। इसके साथ ही उनकी पार्टी का एजेंडा गर्भपात के खिलाफ होने के साथ साथ समलैंगिकता का विरोध भी है। प्रारंभिक परिणामों से पता चलता है कि मौजूदा वामपंथी गठबंधन सरकार, जिसे डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन हासिल था, उसे 26 प्रतिशत वोट मिले हैं। वहीं, फाइव स्टार आंदोलन की शुरूआत करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे को महज 15% वोट मिले हैं और वो चुनाव हार गये हैं। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी ने सोमवार तड़के हार मान ली और परिणामों को "देश के लिए दुखद शाम" बताया। डेमोक्रेटिक पार्टी के देबोरा सेराचियानी ने संवाददाताओं से कहा कि, "निस्संदेह हम अब तक देखे गए आंकड़ों के आधार पर हार रहे हैं जियोर्जिया मेलोनी को बहुत मिलता हुआ दिख रहा है।

जियोर्जिया मेलोनी की फासीवादी विचारधारा
प्रमुख मध्यमार्गी दल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता एनरिको लेत्ता ने ब्रिटिश अखबार द फाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत में कहा कि, मेलोनी के शासनकाल में यूरोप का भविष्य कम मजबूत और कम सुरक्षित हो जाएगा। उनका नजरिया यूरोप समर्थक नहीं है। उनका नजरिया यूरोप समर्थक नहीं है। मेलोनी यूरोपीय संघ पर इटली की नस्ल बदलने का भी आरोप लगाती हैं। मेलोनी ने कहा कि शरणार्थी खासकर मुस्लिम शरणार्थी देश के लिए खतरा साबित होते हैं। इससे पहले हुए एक पोल में जॉर्जिया मेलोनी का वोट शेयर 25 फीसदी से बढ़कर 46 फीसदी हो गया था। ऐसे में यह लगभग तय है कि इटली में एक बार फिर से दक्षिणपंथी पार्टी का राज कायम होने जा रहा है।

कितनी बदलेगी इटली की राजनीति?
जियोर्जिया मेलोनी की जीत के बाद इटली की राजनीति में कई तरह के परिवर्तन होने वाले हैं। जॉर्जिया मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी महज दस साल पहले ही बनी है मगर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस चुनाव में यह सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। इसके अलाव इटली में फोर्जा इतालिया, डेमोक्रेटिक पार्टी, इटालियन कम्युनिस्ट पार्टी, टूगेदर फॉर द फ्यूचर, द लीग, फाइव स्टार मूवमेंट जैसी कुछ बड़ी पार्टियां हैं। इटली में राजनीतिक संकट एक बड़ा मुद्दा रहा है। इटली में राजनीतिक संकट एक बड़ा मुद्दा रहा है। छोटे दल सत्ता के लालच में एकजुट हो जाते हैं। इनकी सरकार कुछ महीने या सालभर चलती है, फिर गिर जाती है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1946 में जब इटली को गणतंत्र घोषित किया गया, उसके बाद से 29 विभिन्न नेताओं के नेतृत्व में 67 सरकारें रही हैं।1946 से 1994 के बीच 60 सरकारें गिरीं। पॉलिटिकल ब्लैकमेलिंग से बचने के लिए 1994 में यहां संसद की सीटें 600 से घटाकर 400 कर दी गईं। सीनेट में भी अब 315 के बजाए सिर्फ 200 मेंबर्स ही रह गए हैं।
गरीबी, भीषण महंगाई और हर तरफ सिर्फ डर, ये मुस्लिम देश भी आखिरकार कंगाली के कगार पर पहुंच ही गया