अब श्रीलंका में भी चला अडानी का सिक्का, हाथ लगे दो 'मालदार' प्रोजेक्ट, करेंगे 4000 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट
कोलंबो, 18 अगस्तः अडानी ग्रुप की एनर्जी यूनिट, अडानी ग्रीन एनर्जी को पड़ोसी देश श्रीलंका में दो बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए प्रोविजनल मंजूरी मिल गई है। अडानी ग्रीन को श्रीलंका के उत्तरी इलाके में 50 करोड़ डॉलर यानी कि लगभग 4000 करोड़ के अधिक के निवेश से 286 मेगावॉट और 234 मेगावॉट के दो पवन परियोजनाएं शुरू करने के लिए अस्थायी मंजूरी मिल गयी है। श्रीलंका के ऊर्जा एवं बिजली मंत्री कंचन विजेसेकारा ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। भारी संकट के जूझ रहे श्रीलंका में एनर्जी सेक्टर में अडानी ग्रुप के दो निवेश का यह पहला आधिकारिक ऐलान है।
श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री ने किया ऐलान
निवेश का ऐलान करते हुए श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री विजेसेकारा ने एक ट्विटर पर लिखा, आज सरकार के स्वामित्व वाली सिलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड और सतत विकास प्रधाकरण के अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के प्रोग्रेस पर चर्चा हुई। अडानी ग्रीन एनर्जी को मन्नार में 286 मेगावॉट और पूनेरिन 234 मेगावॉट के पवन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। श्रीलंका के मंत्री ने इसके अलावा एक और ट्वीट में लिखा कि सीईबी एक्ट में संशोधन के चलते 46 में से 21 प्रोजेक्ट्स में देरी हुई थी, अब उनमें अगले हफ्ते पीपी एग्रीमेंट्स होगा।
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अडानी की एक साल बाद पूरी हुई तलाश
सीईबी (CEB) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अडानी ग्रुप ने पिछले साल सितंबर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कोलंबो पोर्ट के पश्चिमी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने और चलाने के लिए श्रीलंका के साथ एक सौदा किया था और श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं तलाश रहा था। इसके बाद कंपनी श्रीलंका के एनर्जी और विंड सेक्टर में भी संभावनाएं देख रही है। हालिया मंजूरी के बाद गौतम अडानी की लगभग एक साल की तलाश पूरी होती दिख रही है।
स्थानीय पोर्ट यूनियन ने अडाणी का किया था विरोध
अब एनर्जी सेक्टर में अडानी ग्रीन एनर्जी के दो निवेश का आधिकारिक तौर पर ऐलान हो गया है। बता दें कि अडाणी ग्रुप ने ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल (ECT) के लिए भी बोली लगाई थी लेकिन विपक्ष और स्थानीय पोर्ट ट्रेड यूनियन्स के विरोध के चलते यह कोशिश सफल नहीं हो सकी। श्रीलंकाई सरकार ने भारत और जापान के साथ ECT पर WCT की पेशकश करके त्रिपक्षीय समझौता रद्द कर दिया।
हाल ही में मिली है जेड श्रेणी की सुरक्षा
इस बीच केंद्र सरकार ने गौतम अडानी को जेड कैटेगरी की सुरक्षा (देने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अडानी इस सुरक्षा का खर्च खुद उठाएंगे। इंटेलीजेंस ब्यूरो की थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर होम मिनिस्ट्री ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन को सुरक्षा देने का फैसला किया है। मुकेश अंबानी तथा उनकी पत्नी नीता अंबानी को यह सुरक्षा पहले ही मिल चुकी है।
भारत
के
इन
दो
पड़ोसी
देशों
में
सैन्य
चौकियां
बनाना
चाहता
है
चीन,
भारत
के
लिए
बढ़ेंगी
मुश्किलें