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फ्रांस में अदालत ने लगायी मुस्लिम महिलाओं के इस कपड़े पर रोक, छिड़ा विवाद

फ्रांस में एक बार फिर से महिलाओं के कपड़े पर विवाद शुरू हो गया है। फ्रांस के ग्रेनोबेल के अल्पाइन शहर के मेयर के फैसले को वहां की एक अदालत ने पलट दिया है।

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पेरिस, 26 मईः फ्रांस में एक बार फिर से महिलाओं के कपड़े पर विवाद शुरू हो गया है। फ्रांस के ग्रेनोबेल के अल्पाइन शहर के मेयर के फैसले को वहां की एक अदालत ने पलट दिया है। मेयर ने महिलाओं को सार्वजनिक स्वीमिंग पुल में एक खास कपड़े पहनने की आजादी दी थी। अदालत के इस फैसले के बाद फ्रांस में फिर से कपड़ों पर विवाद शुरू हो गया है।

अदालत ने मेयर के फैसले को पलटा

अदालत ने मेयर के फैसले को पलटा

हाल ही में मेयर ने सार्वजिनक पुल में महिलाओं को बुर्किनी पहनने की आजादी दी थी। मेयर का मानना था कि पुरूष और महिलाएं अपने मनमुताबिक कपड़े पहन कर तैराकी कर सकते हैं लेकिन फ्रांस की अदालत ने इस फैसले को पलट दिया है। अदालत का कहना है कि ये बुर्किनी सार्वजनिक स्थानों पर तटस्थता के सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन करता है।

बुर्किनी को लेकर पहले भी हुए विवाद

बुर्किनी को लेकर पहले भी हुए विवाद

बुर्किनी फ्रांस में महिलाओं द्वारा अपने शरीर और बालों को ढक कर नहाने वाला एक स्विमसूट है। फ्रांस में बुर्किनी पहनना हमेशा से विवादस्पद रहा है और इसे लेकर कई बार विवाद खड़े होते रहे हैं। इसे सरकार द्वारा सार्वजनिक जगहों पर प्रतिबंधित किया जा चुका है।

फ्रांस के गृहमंत्री ने जताई खुशी

फ्रांस के गृहमंत्री ने जताई खुशी

अदालत के इस फैसले के बाद फ्रांस के गृहमंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने ट्विटर पर ट्वीट कर इसका स्वागत किया और इसे लेकर खुशी जताई। उन्होंने लिखा कि यह एक अच्छी खबर है। अदालत के इस फैसले का हम समर्थन करते हैं जो विभाजनकारी चीजों को बढ़ावा देने से रोकता है। वहीं अदालत के इस फैसले के बाद ग्रेनोबल के मेयर एरिक पियोल ने इस फैसले पर निराशा जताई।

बुर्किनी के पक्ष में थे मेयर

बुर्किनी के पक्ष में थे मेयर

ग्रेनोबल के मेयर एरिक बुर्किनी को पहनने देने के पक्ष में थे। वह वामपंथ विचारधारा से जुड़े प्रभावी नेता माने जाते हैं। उनके बुर्किनी के पक्ष में समर्थन देने के फैसले के बाद बुर्किनी पहनने का फैसला जून महीने से प्रभावी होने वाला था लेकिन अदालत के फैसले के बाद अब इस ड्रेस पर फिर फिर से रोक लग चुकी है।

11 साल पहले फ्रांस में बुर्का पर लगा प्रतिबंध

11 साल पहले फ्रांस में बुर्का पर लगा प्रतिबंध

फ्रांस में ग्यारह साल पहले सार्वजनिक जगहों पर पूरे चेहरे को ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। फ्रांस इस्लामी नकाब पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला यूरोपीय देश बना था। इस प्रतिबंध के लागू होने के बाद फ्रांस में रहने वाली कोई भी महिला चाहे वह विदेशी ही क्यों न हो, घर के बाहर किसी भी सार्वजनिक जगह पर अपना चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लग गया।

2016 में बुर्किनी पर लगा प्रतिबंध

2016 में बुर्किनी पर लगा प्रतिबंध

साल 2011 में फ्रांस के चर्चित राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने यह प्रतिबंध लगाया था। उनका मानना था कि पर्दा प्रथा महिलाओं के साथ अत्याचार है और किसी भी कीमत पर फ्रांस में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके ठीक 5 साल बाद 2016 में फ़्रांस में एक और विवादित क़ानून लाया गया। इस कानून के तहत बुर्किनी नामक स्विम सूट पर बैन लगा दिया गया।

इस्लामी अलगाववाद के खिलाफ बना कानून

इस्लामी अलगाववाद के खिलाफ बना कानून

बीते साल फ्रांस की संसद में इस्लामी अलगाववाद का मुकाबला करने के लिए एक कानून बना। इस कानून के तहत सरकार उन फैसलों को चुनौती दे सकती है जो फ्रांस के सख्त धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कमजोर करने की ताकत रखते हैं। यह कानून राज्य को धर्म से अलग करने पर जोर देता है। बता दें कि यूरोपीय देश फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं की आबादी लगभग 50 लाख है। हालांकि बुर्का पहनने वाली महिलाओं की आबादी यहां लगभग 2 हजार ही है।

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English summary
French Court flip Rule Allowing Burkinis In Swimming Pools
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