यूक्रेन के बदले इराक का नाम लेकर बुरी तरफ फंसे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश
न्यूयॉर्क, 18 मईः अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने गलती से ही लेकिन स्वीकार कर लिया है कि इराक पर किया गया हमला 'पूरी तरह से गलत और बर्बर' था। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति गुरुवार को एक भाषण में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर अपनी बात रख रहे थे। लेकिन इसी बीच उन्होंने गलती से कह दिया कि इराक पर अमेरिका द्वारा किया हमला बर्बर था। हालांकि उन्होंने फौरन अपने बयान को बदला और कहा कि वह रूस के यूक्रेन पर हमले के बारे में कह रहे हैं। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उनके बयान को लेकर उन्हें जबरदस्त ट्रोल किया जा रहा है।
यूक्रेन के बदले ले लिया इराक का नाम
अमेरिका के 75 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश टेक्सास के इस इंस्टीट्यूट में एक भाषण दे रहे थे जहां उनसे यह गलती हुई। इस भाषण के दौरान बुश ने स्वतंत्र चुनाव के महत्व पर जोर दिया और रूस के कथित तानाशाही शासन की कड़ी आलोचना की। बुश ने कहा कि रूसी चुनावों में धांधली हुई है। वहां राजनीतिक विरोधियों को कैद किया जाता है या उन्हें चुनावी प्रक्रिया से हटा दिया जाता है। उन्होंने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि यह रूस में नियंत्रण और संतुलन की अनुपस्थिति के कारण है और एक व्यक्ति द्वारा इराक पर किया गया अनुचित और क्रूर हमला है।
बढ़ती उम्र पर फोड़ा ठीकरा
हालांकि बाद में उन्होंने अपनी भूल को सुधारते हुए कहा कि मेरा मतलब यूक्रेन से है। भाषण के दौरान बुश ने जब इराक का नाम लिया तो वहां खामोशी छा गयी। बुश के मुंह से इराक का नाम सुनकर लोग कानाफूसी करने लगे। अपनी इस गलती को बुश फौरन भांप गए और इसका दोष उन्होंने अपनी उम्र पर डाल दिया। इसके बाद बुश ने हंसते हुए कहा कि मैं 75 साल का हूं। इस उम्र में ऐसी गलतियां हो जाती हैं। उनकी बात सुनकर वहां लोग हंसने लगे।
इराक पर हमले की होती है आलोचना
बतादें कि जॉर्ज डब्लू बुश अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्होंने दो बार 2000 से 2008 तक अमेरिका के राष्ट्रपति के पद पर कार्य किया। उनके कार्यकाल में ही अमेरिका ने इराक पर हमला किया था। अमेरिका द्वारा किये गए इस कृत्य की आज भी आलोचना की जाती है। अमेरिका ने इराक के नेता सद्दाम हुसैन के पास व्यापक विनाश के हथियार होने के आरोप लगाकर इराक पर आक्रमण कर दिया था। हालांकि बाद में जांच में कोई भी ऐसा हथियार नहीं मिला था।
सद्दाम हुसैन को हुई थी फांसी
बुश
प्रशासन
का
यह
भी
दावा
था
कि
सद्दाम
हुसैन
का
अलकायदा
के
साथ
संबंध
है
लेकिन
उनका
वह
आरोप
भी
झूठा
साबित
हुआ
था।
बुश
के
शाषणकाल
में
ही
इराक
में
मानवता
के
खिलाफ
अपराध
करने
के
आरोप
में
सद्दाम
हुसैन
को
दोषी
बताकर
फांसी
दे
दी
गई
थी।
कोर्ट
ने
सद्दाम
हुसैन
को
1982
में
दुजैल
में
148
लोगों
की
हत्या
का
दोषी
पाया
था।
सोशल मीडिया पर खूब हो रहा वायरल
अमेरिका
का
इराक
में
शुरू
किया
गया
युद्ध
साल
2011
तक
चला
था
और
इसमें
अमेरिका
की
तरफ
से
लड़
रही
गठबंधन
सेना
के
4,825
जवान
मारे
गए
थे।
वहीं
10
हजार
से
ज्यादा
इराकी
लोग
भी
इस
युद्ध
में
मारे
गए
और
अभी
भी
पूरा
देश
गृहयुद्ध
से
जूझ
रहा
है।
बुश
का
यह
बयान
सोशल
मीडिया
में
जमकर
वायरल
हो
रहा
है।
लोग
कह
रहे
हैं
कि
आखिरकार
बुश
ने
गलती
से
ही
सही,
लेकिन
अपनी
गलती
मान
ली
है।
बतादें
कि
यह
पहला
मौका
नहीं
है
जब
बुश
की
जबान
फिसली
है,
इससे
पहले
भी
कई
बार
वह
गलत
बयान
देकर
सुर्खियां
बटोरते
रहे
हैं।