FATF 22 फरवरी को करेगा पाकिस्तान पर फैसला, वर्किंग ग्रुप की बैठक से पहले पाकिस्तान का भारत पर अनर्गल आरोप
22 फरवरी से होने वाली वर्किंग ग्रुप की बैठक में FATF फैसला करेगा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला जाए या फिर उसे ग्रे लिस्ट में ही रहने दिया जाए।
इस्लामाबाद/नई दिल्ली: आतंकियों का पनाह देने वाला मुल्क पाकिस्तान FATF के ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए छटपटा रहा है लेकिन ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए पाकिस्तान को जो करना चाहिए वो तो कर नहीं रहा है, उल्टा पाकिस्तान भारत पर ही ऊंगली उठा रहा है। पाकिस्तान को FATF के ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए बस इतना करना था कि आतंकी संगठनों पर सख्त एक्शन लेता और आतंकी कैंपों को बंद करना था मगर कहते हैं ना उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, आतंकियों पर कार्रवाई करने के बदले पाकिस्तान भारत पर ऊंगली उठाने में लगा हुआ है।
ग्रे-लिस्ट से निकलने की छटपटाहट
FATF यानि फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स के ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए पाकिस्तान को 27 प्वाइंट्स पर काम करना था। 27 के 27 प्वाइंट्स पर ग्रीन चेक मिलने के बाद ही उसे ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला जाएगा, मगर पाकिस्तान भला आतंकियों से पीछा कैसे छुड़ाए, लिहाजा पाकिस्तान FATF के ग्रे लिस्ट में बरकरार है। एक बार फिर से पाकिस्तान ने आतंकियों पर कार्रवाई करने का राग अलापा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान FATF के ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए 27 में से 21 बिंदुओं को क्लियर कर लिया है और बचे 6 बिंदुओं पर पाकिस्तान काम कर रहा है।
दरअसल, FATF की वर्किंग कमेटी 22 फरवरी से पाकिस्तान को लेकर समीक्षा करने वाली है। जिसमें देखा जाएगा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को लेकर कितना सख्त एक्शन लिया है। लेकिन, पिछले महीने ही पाकिस्तान की कलई उस वक्त खुल गई थी जब अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया। ऐसे में पाकिस्तान भला किस मुंह से FATF के ग्रे लिस्ट से बाहर आने की बात कर रहा है, किसी को समझ नहीं आ रहा है।
22 फरवरी से FATF की बैठक
22 फरवरी से 25 फरवरी तक FATF की वर्किंग कमेटी की वर्चुअल बैठक होने वाली है। जिसमें पाकिस्तान के भविष्य का फैसला भी किया जाएगा। FATF की वर्किंग कमेटी देखेगी कि पाकिस्तान ने आतंकियों को लेकर क्या-क्या एक्शन लिया है और FATF के 27 प्वाइंट्स में से पाकिस्तान ने कितने प्वाइंट्स पर काम किया है। पिछले साल अक्टूबर में FATF की बैठक में पाकिस्तान को फरवरी तक के लिए 'निगरानी' लिस्ट में रखते हुए उसे ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखा था। FATF ने पाकिस्तान से कहा था कि उसने आतंकियों पर गंभीर सख्ती नहीं दिखाई है। पाकिस्तानी जमीन से आतंकियों को अभी भी फंडिंग हो रही है साथ ही उन आतंकियों पर भी पाकिस्तान ने कार्रवाई नहीं की जो UN की लिस्ट में मोस्ट वांटेड आतंकवादी हैं। इसके साथ ही FATF को जांच में इस बात के भी सबूत मिले थे कि पाकिस्तानी जमीन से मादक पदार्थों की तस्करी भी की जाती है।
अक्टूबर में पाकिस्तान ने FATF को भरोसा दिलाया था कि वो आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेगा और उसने दिखावे के तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद को जेल भी भेजा, मगर पाकिस्तान के इस दिखावे के बारे में FATF बखूबी जानता है। क्योंकि, FATF की बैठक के बाद पाकिस्तान फिर हाफिज सईद को आजाद कर देता है।
उल्टा चोर पाकिस्तान को डांटे
पाकिस्तान को FATF के 27 प्वाइंट्स को क्लियर करने हैं। और सभी प्वाइंट्स आतंकवादियों को पनाह देने से लेकर उन्हें फंडिंग करने को लेकर है, लेकिन पाकिस्तान ने कहा है कि भारत की वजह से वो FATF के ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकल पा रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने FATF पर पाकिस्तान की स्थिति को लेकर कहा है कि 'पाकिस्तान एक जिम्मेदार देश है जो पूरे क्षेत्र में शांति चाहता है मगर भारत की विस्तारवादी नीति पाकिस्तान को लिस्ट से बाहर नहीं आने दे रहा है'। पाकिस्तान ने उल्टा भारत पर ही आरोप लगा दिए हैं कि भारत की वजह से क्षेत्र में शांति का माहौल नहीं बन पा रहा है। ऐसे में सवाल ये उठते हैं कि पाकिस्तान की जमी पर पलने वाले
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के कातिल खुंखार आतंकवादी को रिहा कर दिया तो फिर कैसे माना जाएगा कि पाकिस्तान आतंकियों को लेकर कड़ा एक्शन ले रहा है। भारत और अफगानिस्तान में आतंकियों को भेजने वाला पाकिस्तान भला किस मुंह से FATF की ग्रे-लिस्ट से बाहर निकलने का ख्वाब देख रहा है। 22 फरवरी से होने वाली FATF की वर्किंग कमेटी की बैठक में पूरी उम्मीद है कि या तो पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा या फिर उसे ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखा जाएगा।
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